नौसेना के नए प्रमुख की नियुक्ति पर विवाद, वाइस एडमिरल वर्मा पहुंचे आर्म्ड फोर्स ट्रिब्यूनल
- उनसे जूनियर वाइस एडमिरल करमबीर सिंह को भारतीय नौसेना का अगला प्रमुख नियुक्त करने से नाराज है बिमल वर्मा।
- भारतीय नौसेना के नए प्रमुख की नियुक्ति पर विवाद खड़ा हो गया है।
- वाइस एडमिरल बिमल वर्मा ने नियुक्ति के खिलाफ सोमवार को आर्म्ड फोर्स ट्रिब्यूनल का रुख किया।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय नौसेना के नए प्रमुख की नियुक्ति पर विवाद खड़ा हो गया है। वाइस एडमिरल बिमल वर्मा ने सोमवार को आर्म्ड फोर्स ट्रिब्यूनल का यह कहते हुए रुख किया कि सरकार ने मनमाने तरीके से नौसेना स्टाफ के प्रमुख की सिफारिश को नजरअंदाज कर दिया और उनसे जूनियर वाइस एडमिरल करमबीर सिंह को भारतीय नौसेना का अगला प्रमुख नियुक्त कर दिया।
अंडमान और निकोबार कमांड के कमांडर-इन-चीफ ने अपनी याचिका में कहा कि उन्हें ये बताया जाए कि सेवा की अवधि के मामले में सबसे वरिष्ठ होने के बावजूद उन्हें अगले नौसेना प्रमुख के रूप में क्यों नजरअंदाज किया गया। 23 मार्च को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि सरकार ने अवैध और गलत तरीके से उनसे जूनियर करमबीर सिंह को अगले नौसेना प्रमुख के रूप में नियुक्त किया है। वर्मा का प्रतिनिधित्व उनकी बेटी रिया वर्मा आर्म्ड फोर्स ट्रिब्यूनल में करेगी।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने कहा, "सरकार ने वाइस एडमिरल करमबीर सिंह ईस्टर्न नेवल कमांडर को नेवल स्टाफ का अगला प्रमुख नियुक्त किया है। एडमिरल सुनील लांबा जो 31 मई 2019 को रिटायर हो रहे हैं के स्थान पर नियुक्त किया गया है। वाइस एडमिरल करमबीर सिंह फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (FOC-in-C) ईस्ट भारतीय नौसेना के पहले हेलीकॉप्टर पायलट होंगे जो चीफ नेवल स्टाफ बनेंगे।
बिमल वर्मा ने कहा कि उन्हें लगता है कि सरकार ने उन्हें नौसेना प्रमुख के पद से वंचित करने के लिए गैरकानूनी और गलत तरीके से नाराजगी के दो पत्रों का इस्तेमाल किया है जो उन्हें 2005 और 2007 में जारी किए गए थे। बता दें कि वर्मा को 28 अक्टूबर, 2005 और 20 जून, 2007 को दो पत्र जारी किए गए थे लेकिन, बाद में उन्हें कमोडोर और रियर एडमिरल के पद पर पदोन्नत किया गया था।
नेवल हेडक्वार्टर ने नौसेना का प्रमुख बनने के लिए वर्मा के नाम के साथ वाइस एडमिरल करमबीर सिंह और वाइस एडमिरल अजीत कुमार, फ्लैग ऑफिसर कमांडर-इन-चीफ वेस्टर्न नेवल कमांड और वाइस एडमिरल अनिल कुमार चावला, फ्लैग ऑफिसर कमांडर-इन-चीफ साउदर्न नेवल कमांड भेजा था। इसके बाद सरकार ने करमबीर सिंह को अगला नौसेना प्रमुख बनाने का फैसला किया। यह दूसरी बार है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने वरिष्ठता की जगह मैरिट के आधार पर नियुक्ति की है। इससे पहले 2016 में जनरल बिपिन रावत को भी इसी तरह से सेना प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया था।
पंजाब के जालंधर के रहने वाले वाइस एडमिरल करमबीर सिंह ने NDA में शामिल होने से पहले महाराष्ट्र के देओली के बार्न्स स्कूल से स्नातक किया। हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में सिंह ने चेतक और कामोव को उड़ाया। उन्होंने अपने करियर के विभिन्न चरणों में चार जहाजों की कमान संभाली, जिसमें ICG चांदबीबी (भारतीय तटरक्षक बल का गश्ती शिप), INS विजयदुर्ग (मिसाइल शिप), INS राणा और INS दिल्ली (डिस्ट्रॉयर्स) शामिल थे। उन्होंने पूर्वी नौसेना कमांडर के रूप में पिछले साल विशाखापटनम जाने से पहले नई दिल्ली में मुख्यालय में नौसेना स्टाफ के उपाध्यक्ष के रूप में भी काम किया।
Picture of petition of Vice Admiral Bimal Verma moved in Armed Forces Tribunal against his supersession and appointment of Vice Admiral Karambir Singh as the next Chief of Navy pic.twitter.com/z9J0L9n443
— ANI (@ANI) April 8, 2019
Created On :   8 April 2019 4:10 PM GMT