कोटा: शिशुओं की मौत की संख्या पहुंची 107 पर, केंद्र सरकार की टीम ने किया जेके लोन अस्पताल का दौरा

Toll rises to 107, central government team visits Rajasthan J K Lon hospital
कोटा: शिशुओं की मौत की संख्या पहुंची 107 पर, केंद्र सरकार की टीम ने किया जेके लोन अस्पताल का दौरा
कोटा: शिशुओं की मौत की संख्या पहुंची 107 पर, केंद्र सरकार की टीम ने किया जेके लोन अस्पताल का दौरा
हाईलाइट
  • केंद्र सरकार की एक टीम आज निरीक्षण करने के लिए अस्पताल पहुंची
  • कोटा के सरकारी अस्पताल में शिशुओं की मौत का आंकड़ा 107 पर पहुंच गया
  • लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी मृतक शिशुओं के परिवार से मुलाकात की

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजस्थान के कोटा में जे के लोन सरकारी अस्पताल में शिशुओं की मौत का आंकड़ा शनिवार को 107 पर पहुंच गया। ऐसे में केंद्र सरकार की एक टीम आज निरीक्षण करने के लिए अस्पताल पहुंची। लोकसभा अध्यक्ष और कोटा से सांसद ओम बिरला ने भी मृतक शिशुओं में से एक के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की।

सीएम को दिया सुझाव
ओम बिरला ने कहा, "मैंने जेके लोन अस्पताल में मृतक शिशुओं के कुछ परिवारों से मुलाकात की। दुख की इस घड़ी में हम इन परिवारों के साथ खड़े हैं। मैंने राजस्थान के सीएम को दो बार चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में सीएम को चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए कदम उठाने का सुझाव दिया है। इससे पहले शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने अस्पताल का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि प्रशासनिक लापरवाही के मामले सामने आए हैं, जिनके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

बीजेपी को ठहराया जिम्मेदार
उन्होंने अस्पताल के इंफ्रास्ट्रकचर को डेवलप नहीं करने के लिए पिछली भाजपा सरकार को भी जिम्मेदार ठहराया। शर्मा ने कहा, "वे पाँच साल तक सत्ता में रहे। 60 बिस्तरों की वित्तीय स्वीकृति, जो पिछली कांग्रेस सरकार ने 2012 में दी थी, वह कहां गई? अगर 60 बिस्तर होते, तो हमारी बिस्तर की ताकत 102 होती और दो बच्चों को एक बिस्तर पर रखने की जरूरत नहीं होती।"

मध्य प्रदेश से भी आते है मरीज
जे के लोन अस्पताल में आस-पास के जिलों जैसे कि बारां, बूंदी और झालावाड़ के सैकड़ों मरीज आते हैं - यहां तक कि पड़ोसी मध्य प्रदेश से भी। अस्पताल के बाल रोग विभाग के अनुसार, जनवरी 2019 से हर महीने कम से कम 60 बच्चों की मौत हुई है। कुछ महीनों में संख्या 100 भी पहुंची है। अगस्त (87), सितंबर (90), अक्टूबर (91), नवंबर (101) और दिसंबर (100) के करीब शिशुओं की मौत हुई है। नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई और बाल चिकित्सा गहन चिकित्सा इकाई में शिशुओं को भर्ती किया गया था। कोई पोस्टमार्टम नहीं किया गया क्योंकि मौतें कथित तौर पर संदिग्ध नहीं थीं।

सरकार ने अपने बचाव में कहा कि जेके लोन सरकारी अस्पताल में 2019 में 963 बच्चों की मृत्यु पिछले वर्षों की तुलना में कम है - 1,198 (2014), 1,260 (2015), 1,193 (2016), 1,027 (2017) और 1,005 (2018)। इसका औसत निकाला जाए तो 100 के करीब बैठता है।

Created On :   4 Jan 2020 3:39 PM IST

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