Delhi violence: रविशंकर का पलटवार, कहा- लोगों को उकसा रही कांग्रेस, हमें राजधर्म न सिखाएं सोनिया
- दिल्ली हिंसा पर गर्मायी सियासत
- बयानबाजी जारी
- पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के राजधर्म वाले बयान पर बीजेपी ने किया पलटवार
- रविशंकर प्रसाद ने कहा कांग्रेस पार्टी राजधर्म के नाम पर लोगों को भड़काने का काम ना करे
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली में हिंसा की घटनाओं पर विराम तो लग गया है लेकिन अब इस मसले पर सियासत गर्मा गई है। सत्ता पक्ष और विपक्षी नेताओं के बीच बयानबाजी का दौर अभी भी जारी है। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की ओर से बीजेपी को दिए गए राजधर्म की सीख पर बीजेपी ने पलटवार किया है। शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, "कांग्रेस राजधर्म के नाम पर लोगों को भड़काने का काम ना करे।" उन्होंने आरोप लगाया है कि सोनिया गांधी ने रामलीला मैदान में भड़काऊ बयान दिए थे।
The BJP Govt strongly condemns the pure politicking by the Congress Party during such a sensitive time where we all need to talk collectively about peace and harmony. pic.twitter.com/Ht5ZOZwuBT
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) February 28, 2020
शुक्रवार को बीजेपी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में रविशंकर प्रसाद ने कहा, "कांग्रेस लोगों को उकसा रही है। सोनिया गांधी हमें राजधर्म न सिखाएं और राजधर्म के आइने में अपना चेहरा देखें।" राजधर्म को लेकर रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पार्टी और सोनिया गांधी से कई सवाल भी किए हैं।
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सोनिया जी आपने रामलीला मैदान में कहा था कि इस पार और उस पार की लड़ाई होगी।
— BJP (@BJP4India) February 28, 2020
ये कौन सी भाषा है?
ये उत्तेजना नहीं है तो क्या है?: श्री @rsprasad
उन्होंने कहा कि सोनिया जी ये बताइए जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के विस्थापित हैं, जिनको उनकी आस्था के आधार पर प्रताड़ित किया जा रहा है, उसको लेकर आपकी पार्टी की एक सोच रही है। आपके नेताओं ने बार-बार खुलकर इस पर स्टैंड लिया था। इंदिरा गांधी ने युगांडा के विस्थापितों की मदद की थी, राजीव गांधी ने तमिल लोगों की मदद की थी, मनमोहन जी ने कहा था कि नागरिकता मिलनी चाहिए और अशोक गहलोत ने शिवराज पाटिल और आडवाणी जी को पत्र लिखा था कि नागरिकता मिलनी चाहिए।
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रविशंकर प्रसाद ने कहा, ये समय शांति के लिए हाथ बढ़ाने का है उत्तेजना फैलाने का नहीं है, लेकिन कांग्रस पार्टी का स्वर जो दिसंबर में आर-पार का था वही स्वर आज भी है। इसका कारण यह है कि कांग्रेस अपनी हार नहीं भूल पाती है।उन्होंने कह, सोनिया गांधी ने रामलीला मैदान में कहा था कि इस पार और उस पार की लड़ाई होगी। ये कौन सी भाषा है? ये उत्तेजना नहीं है तो क्या है?
Created On :   28 Feb 2020 3:24 PM IST