वक्फ अधिनियम 2025: वक्फ संशोधन एक्ट पर आज फिर होगी सुप्रीम सुनवाई, कल केंद्र से पूछे कई अहम सवाल

- वक्फ के नए कानून को संवैधानिक वैधता के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई
- कल केंद्र से पूछे कई अहम सवाल
- विपक्षी दलों समेत कई मुस्लिम संगठन कर रहे है नए कानून का विरोध
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश की सर्वोच्च अदालत में वक्फ (संशोधन) एक्ट, 2025 की संवैधानिक वैधता के खिलाफ लगी याचिकाओं पर आज फिर सुनवाई होगी। कल केंद्र से पूछे कई अहम सवाल। बीते दिन हुई सुनवाई में सीजेआई ने एसजी मेहता से पूछा कि क्या हिंदुओं की धार्मिक ट्रस्ट में गैर-हिंदुओं के शामिल होने की इजाजत है। कोई उदाहरण बताए। क्या तिरुमाला तिरुपति बालाजी मंदिर में गैर-हिंदू हैं। पीठ के सवाल पर मेहता ने ऐसा कोई उदाहरण पेश नहीं कर पाए।
आपको बता दें हाल ही में केंद्र की मोदी सरकार संशोधित वक्फ एक्ट लेकर आई है। तमाम विपक्षी दल और मुस्लिम संगठन इसका विरोध कर रहे है। नए एक्ट के विरोध में टॉप कोर्ट में कई याचिकाएं लगी हुई है। मिली जानकारी के अनुसार ऐसी 73 याचिकाओं पर सीजेआई के अगुवाई वाली तीन जजों की पीठ सुनवाई कर रही है।बीते दिन कल भी इस पर सुनवाई हुई थी। सुनवाई के दौरान पीठ ने केंद्र सरकार से कई सवाल किए। यह भी सच है कि वक्फ के विरोध में लगी याचिकाओं पर सुनवाई से पहले ही केंद्र सरकार ने कोर्ट में कैविएट दाखिल कर रखी है।
शीष कोर्ट में पिटीशन दायर करने वाले प्रमुख याचिकाकर्ताओं में AIMIM अध्यक्ष एवं सांसद असदुद्दीन ओवैसी, आप विधायक अमानतुल्लाह खान, जमीअत उलमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी, समस्त केरल जमीयतुल उलमा एवं इसके महासचिव अलीकुट्टी मुसलियार के अलावा राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा और फैयाज अहमद शामिल हैं।
याचिका दायर करने वाले राजनीतिक पार्टियों में कांग्रेस, टीएमसी, सीपीआई, वाईएसआर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, टीवीके, आरजेडी, जेडीयू, एआईएमआईएम, आप, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग सहित विभिन्न दलों के नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। महाराष्ट्र, असम, राजस्थान जैसे कुछ राज्य सरकारों ने भी कानून का समर्थन करते हुए हस्तक्षेप याचिकाएं दाखिल की हैं और मामले में पक्ष बनने का अनुरोध किया है।
Created On :   17 April 2025 9:31 AM IST