भूटान यात्रा से लौटे पीएम मोदी, यहां जानिए क्या-क्या रहा खास

भूटान यात्रा से लौटे पीएम मोदी, यहां जानिए क्या-क्या रहा खास
हाईलाइट
  • दूसरे दिन पीएम मोदी ने भूटान की रॉयल यूनिवर्सिटी में छात्रों को संबोधित किया
  • पारो इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सैकड़ों लोगों ने पीएम का जोरदार स्वागत किया
  • पीएम मोदी अपनी दो दिवसीय भूटान यात्रा के बाद रविवार को नई दिल्ली लौट गए

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी दो दिवसीय भूटान यात्रा के बाद रविवार को नई दिल्ली लौट गए। दूसरे दिन पीएम मोदी ने भूटान की रॉयल यूनिवर्सिटी में छात्रों को संबोधित किया। इसके बाद वे थिंफू का नेशनल मेमोरियल भी देखने गए। दिल्ली रवाना होने के लिए वह पारो इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचे जहां सड़कों पर खड़े सैकड़ों लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया।

भूटान में लगे इंडिया! इंडिया! के जोरदार नारे
यात्रा के दूसरे दिन पीएम मोदी ताशिचोडज़ॉन्ग में भूटान के राजा और रानी की ओर से होस्ट किए गए लंच में शामिल हुए। इस दौरान वहां सांस्कृतिक कार्यक्रम में भूटान की कला की विभिन्न शैलियों की प्रस्तुति की गई। युवा छात्रों ने मोदी के लिए एक स्वागत गीत भी गाया। लंच के बाद, थिम्पू से पारो एयरपोर्ट जाते समय, सड़कों पर खड़े स्कूली बच्चों ने इंडिया! इंडिया! के नारे लगाए और पीएम मोदी का भूटान आने के लिए धन्यवाद किया।" लंच से पहले, मोदी ने भूटान के रॉयल विश्वविद्यालय में छात्रों और सांसदों को संबोधित किया।

रॉयल यूनिवर्सिटी में छात्रों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा...

आज मैं भूटान के सबसे प्रतिभावान युवाओं से मिल रहा हूं, आप में से भूटान के भविष्य के नेता, इनोवेटर, बिनसमैन, खिलाड़ी, आर्टिस्ट और साइंटिस्ट निकलेंगे। इस भूमि के बच्चे इस दुनिया की समस्याओं का निदान तलाशेंगे, हमारे पास चुनौतियां हैं, लेकिन हर चुनौती के लिए हमारे पास यंग माइंड्स हैं। सहयोग के परंपरागत क्षेत्रों से आगे जाकर स्कूल से स्पेस, डिजिटल पेमेंट से डिजास्टर मैनेजमेंट तक हमारे बीच सहयोग का आप जैसे युवा दोस्तों पर सीधा असर पड़ेगा।

यह खुशी की बात है कि युवा भूटानी वैज्ञानिक भारत जाएंगे और भूटान के अपने छोटे सैटेलाइट की डिजाइनिंग और लॉन्चिंग पर काम करेंगे। मैं उम्मीद करता हूं जल्द ही आप में से कई वैज्ञानिक, इंजीनियर्स और इनोवेटर्स होंगे।

20वीं सदी में कई भारतीय नागरिक यहां आकर शिक्षक बने, अधिकतर बुजुर्ग भूटानियों की शिक्षा में कोई भारतीय टीचर जरूर रहा होगा। उन्हें यहां सम्मानित किया गया। 4000 से अधिक भूटानी स्टूडेंट्स भारतीय यूनिवर्सिटीज में पढ़ रहे हैं, यह संख्या बढ़नी चाहिए। भूटान का संदेश मानवता और हैपीनेस है। दुनिया भूटान को "ग्रॉस नैशनल हैपीनेस" के कॉन्सेप्ट से जानती है।

भारत वह भूमि है जहां राजकुमार सिद्धार्थ गौतम बुध बने और जहां से बौध धर्म का प्रकाश दुनिया में फैला, बौद्ध संतों और बौद्ध भिक्षुओं की पीढ़ियों ने इस मसाल को भूटान में और अधिक प्रकाशित किया।

भारत-भूटान के बीच नौ MOU साइन
इस यात्रा के दौरान भारत ने भूटान के साथ नौ मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टेंडिंग (MOU) साइन किए गए हैं, जिनमें से सात MOU शिक्षा के क्षेत्र में है। इसके अलावा इसरो निर्मित ग्राउंड स्टेशन और मंगदेछु हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्लांट सहित पांच परियोजनाओं का उद्घाटन भी पीएम ने किया। भारत ने भूटान को अपनी 12वीं पंचवर्षीय योजना के लिए विकास सहायता के रूप में 5,000 करोड़ रुपये देने का कमिटमेंट भी किया है, जो इस साल की शुरुआत में शुरू हुई थी। 

पीएम मोदी ने शनिवार को भूटान में RuPay कार्ड भी लॉन्च किया था, इससे डिजिटल भुगतान, और व्यापार तथा पर्यटन में भारत और भूटान के संबंध आगे बढेंगे। बता दें कि पीएम मोदी ने अपने पहले कार्यकाल में कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए RuPay कार्ड लॉन्च किया था। 

पीएम ने व्यक्त किया भारत का आभार 
उधर, भूटान के पीएम शेरिंग ने ग्राउंड स्टेशन बनाने के लिए भारत का आभार व्यक्त किया है। शेरिंग ने कहा, "भूटान एक अविकसित देश है, हमने कई साल पहले (स्पेस टेक्नोलॉजी) होने की कामना की थी, लेकिन आर्थिक कारणों से, हम ऐसा नहीं कर पाए। अब भारत सरकार और इसरो की मदद से ऐसा संभव हो पाया है। उन्होंने कहा, "हम बहुत खुश है और भारत सरकार के आभारी है।"

बता दें कि SATCOM नेटवर्क की स्थापना के लिए ISRO और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एंड टेलिकॉम (DITT) के बीच एक MOU भी साइन किया गया है। SATCOM नेटवर्क की स्थापना साउथ एशिया सैटेलाइट के यूटिलाइजेशन के लिए की जा रही है। 

Created On :   18 Aug 2019 7:14 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story