पैनल 30 अप्रैल तक दिल्ली में ध्वनि मानदंडों पर रिपोर्ट प्रस्तुत करे
- पैनल 30 अप्रैल तक दिल्ली में ध्वनि मानदंडों पर रिपोर्ट प्रस्तुत करे:एनजीटी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने राजधानी दिल्ली में ध्वनि मानदंडों के प्रभावी कार्यान्वयन के कानूनी ढांचे की तैयारी संबंधी रिपोर्ट सौंपने का सक्षम पैनल को 30 अप्रैल तक का समय दिया है। यह विषय ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 (शोर नियम) के वैधानिक आदेश के अनुसार ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने में दिल्ली में वैधानिक प्राधिकरणों की विफलता से संबंधित है। इससे पहले एनजीटी ने नि: शुल्क कानूनी सहायता सेल बनाम दिल्ली सरकार और ध्वनि प्रदूषण सुप्रीम कोर्ट मामले में लाउड स्पीकर और तेज आवाज वाले साउंड सिस्टम के इस्तेमाल पर रोक लगाने संबंधी नियमों के क्रियान्वयन पर सुनवाई की थी।
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की पीठ ने पैनल से यह भी कहा कि अगर 3 फरवरी के आदेश में कोई और निर्देश आवश्यक हो तो हरित अदालत को सूचित किया जाए। ट्रिब्यूनल ने कई सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने वाले संबंधित अधिकारियों की तरफ से पेश तथ्यात्मक स्थिति रिपोर्ट के बाद विभिन्न आदेश पारित किए हैं। ट्रिब्यूनल ने मानदंडों के निरंतर उल्लंघन को ध्यान में रखते हुए, 11 अगस्त, 2020 को, मुख्य सचिव और पुलिस आयुक्त, दिल्ली को संयुक्त रूप से नियमित आधार पर स्थिति का जायजा लेने का निर्देश दिया। इसके साथ ही दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एसपी गर्ग की अध्यक्षता में एक निगरानी समिति का गठन भी किया था।
हालांकि, बाद में ग्रीन कोर्ट ने पाया कि कुछ नियामक ढांचे को क्रियाशील तो कर दिया गया है,लेकिन निगरानी के लिए कोई प्रभावी केंद्रीय तंत्र नहीं है। एनजीटी ने यह भी पाया कि पिछले कई वर्षों में बार-बार विफलताएं हुई हैं और उच्च न्यायालय के एक पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक निगरानी समिति का गठन किया गया ताकि अनुपालन की स्थिति का पता लगाया जा सके । इसमें ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण उपायों को लागू करने के लिए दिल्ली के संदर्भ में और उपाय सुझाने का भी कहा गया था । इसके अनुपालन में, डीपीसीसी ने 28 जून, 2021 को एक स्थिति रिपोर्ट दायर की थी जिसमें ध्वनि नियंत्रण मानदंडों को लागू करने के लिए उठाए गए कुछ कदमों का उल्लेख किया गया था। दिल्ली पुलिस ने भी 10 अगस्त 2021 को दिल्ली पुलिस द्वारा उठाए गए कदमों पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल की थी।
हालांकि, नोडल अधिकारियों के बार-बार तबादले, महामारी और अन्य कारणों से एक विस्तृत विशेषज्ञ रिपोर्ट अभी भी प्रतीक्षित है और रिपोर्ट जमा करने के लिए अधिक समय की आवश्यकता है। इसे देखते हुए एनजीटी ने पैनल को 30 अप्रैल तक अपना काम पूरा करने के लिए अतिरिक्त समय दिया है।
आईएएनएस
Created On :   7 Feb 2022 5:31 PM IST