रक्षा मंत्रालय का संसद में जवाब, एनएसओ ग्रुप के साथ कोई ट्रांजैक्शन नहीं किया

No transaction with NSO Group, says defence ministry in Parliament amid Pegasus controversy
रक्षा मंत्रालय का संसद में जवाब, एनएसओ ग्रुप के साथ कोई ट्रांजैक्शन नहीं किया
पेगासस कॉन्ट्रोवर्सी रक्षा मंत्रालय का संसद में जवाब, एनएसओ ग्रुप के साथ कोई ट्रांजैक्शन नहीं किया
हाईलाइट
  • एनएसओ ग्रुप टेक्नोलॉजीज के साथ कोई ट्रांजैक्शन नहीं किया
  • रक्षा मंत्रालय का पेगासस सॉफ्टवेयर को लेकर संसद में जवाब
  • सरकारी एजेंसी की ओर से यह पहली सीधी और आधिकारिक प्रतिक्रिया है

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को संसद में बताया कि उसने इज़राइल स्थित कंपनी एनएसओ ग्रुप टेक्नोलॉजीज के साथ कोई ट्रांजैक्शन नहीं किया है। विवादास्पद पेगासस स्पाइवेयर इसी कंपनी का प्रोडक्ट है। भारत में पेगासस स्पाइवेयर के इस्तेमाल पर किसी सरकारी एजेंसी की ओर से यह पहली सीधी और आधिकारिक प्रतिक्रिया है।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के राज्यसभा सदस्य वी शिवदासन ने पूछा था कि क्या सरकार ने एनएसओ ग्रुप टेक्नोलॉजीज के साथ कोई लेनदेन किया है? और यदि किया हो तो उसका विवरण। राज्य मंत्री (रक्षा) अजय भट्ट ने लिखित जवाब में बताया कि रक्षा मंत्रालय का एनएसओ ग्रुप टेक्नोलॉजीज के साथ कोई लेन-देन नहीं हुआ है। बता दें कि एनएसओ ग्रुप टेक्नोलॉजीज एक इजरायली फर्म है जिसका पेगासस नामक स्पाइवेयर स्मार्टफोन के रिमोट सर्विलांस को सक्षम बनाता है। 

पेगासस का इस्तेमाल कर कई पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, नेताओं, मंत्रियों और सरकारी अधिकारियों के फ़ोन की जासूसी करने का दावा किया जा रहा है। इसमें लगभग 300 भारतीयों के नाम शामिल हैं।। 50 हज़ार नंबरों के एक बड़े डेटा बेस के लीक की पड़ताल द गार्डियन, वॉशिंगटन पोस्ट, द वायर, फ़्रंटलाइन, रेडियो फ़्रांस जैसे 17 मीडिया संस्थानों के पत्रकारों ने की। हालांकि, यह स्थापित नहीं हुआ है कि सभी फोन हैक किए गए थे। एनएसओ ग्रुप की ओर से ये साफ़ कहा जा चुका है कि कंपनी अपने सॉफ्टवेयर अलग-अलग देश की सरकारों को ही बेचती है। 

Created On :   9 Aug 2021 10:21 PM IST

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