एमपीसीबी पर्यावरण उल्लंघन पर पुणे की ऑटो कंपनी के खिलाफ आदेश पारित करे
- इसके मुताबिक बोर्ड ने एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पर्यावरण नियमों के उल्लंघन के संबंध में पुणे की एक ऑटो कंपनी के खिलाफ एक याचिका पर उचित आदेश पारित करने का निर्देश दिया है।
अध्यक्ष, न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता वाली एनजीटी की प्रधान पीठ, श्रीनिवास इंजीनियरिंग ऑटो कंपोनेंट्स (पी) लिमिटेड के खिलाफ 50,000 एमटीपीए ग्रे और मॉड्यूलर आयरन की क्षमता वाली अपनी फाउंड्री इकाई के संचालन में पर्यावरण मानदंडों के कथित उल्लंघन संबंधी एक याचिका पर विचार कर रही थी।
याचिका पर कार्रवाई करते हुए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 16 अक्टूबर, 2019 को एक साइट के दौरे के आधार पर एक रिपोर्ट सौंपी गई थी, जिसमें पाया गया कि उद्योग बोर्ड की वैध सहमति के बिना इकाई का संचालन किया जा रहा है। इसके मुताबिक बोर्ड ने एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। हालांकि, याचिकाकर्ता ने कहा कि राज्य पीसीबी ने 23 अप्रैल, 2021 को एक हलफनामा दायर किया कि मुआवजे को 1 करोड़ रुपये से घटाकर 7 लाख रुपये कर दिया गया है।
एनजीटी ने अपने आदेश में कहा, हमने दोनों पक्षों के विद्वान वकील को सुना है। यह रिकॉर्ड से स्पष्ट है कि पर्यावरण मानदंडों का उल्लंघन पाया गया था। मुआवजे का आकलन किया गया था, लेकिन बिना किसी ठोस कारणों के काफी कम कर दिया गया था। राज्य पीसीबी या परियोजना प्रस्तावक से कोई स्पष्टीकरण सामने नहीं आ रहा है। इन परिस्थितियों में राज्य पीसीबी के कामकाज में मनमानी और पारदर्शिता की कमी को अस्वीकार करते हुए हम राज्य पीसीबी के अध्यक्ष को एक उपयुक्त आदेश पारित करने के लिए आवेदक के साथ-साथ परियोजना प्रस्तावक के रुख पर विचार करते हुए कारणों को दर्ज करने का निर्देश देते हैं। अगर कोई पक्ष राज्य पीसीबी के आदेश से नाराज है, तो वह कानून के अनुसार उपाय कर सकता है।
(आईएएनएस)
Created On :   21 March 2022 11:00 PM IST