Sri krishna janmabhoomi Petition: रामजन्मभूमि के बाद अब कृष्णजन्मभूमि पर विवाद शुरू, आज याचिका पर कोर्ट करेगा फैसला
- अखाड़ा परिषद ने पहले ही इस मुद्दे को लेकर मोर्चा खोल रखा
- ईदगाह कमेटी के अध्यक्ष ने कहा- मुकदमे की जरूरत नहीं है
- सुनवाई से पहले सभी धार्मिक स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
डिजिटल डेस्क, मथुरा। अयोध्या में रामजन्मभूमि विवाद खत्म होने के बाद अब मथुरा में कृष्णजन्मभूमि का मामला अदालत पहुंच गया है। सियासत के साथ यह मुद्दा गरमाने के आसार दिख रहे हैं। हालांकि अभी सबकी नजरें अदालत पर टिकी हैं। मामले में बुधवार को कोर्ट भगवान श्रीकृष्ण विराजमान की याचिका को स्वीकार अथवा अस्वीकार करने पर निर्णय लेगी। इस दौरान याचिका दाखिल करने वाले अधिवक्ता अदालत में मौजूद रहेंगे।
बता दें कि 25 सितंबर को भगवान श्रीकृष्ण विराजमान ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि कटरा केशवदेव पर हक के लिए सखी अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री, प्रवेश कुमार, राजेश मनि त्रिपाठी, करुणेश कुमार शुक्ला, शिवाजी सिंह और त्रिपुरारी तिवारी के माध्यम से सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में याचिका दाखिल की थी। याचिका में 13.37 एकड़ जमीन पर 1973 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और कमेटी ऑफ मैनेजमेंट ट्रस्ट शाही ईदगाह मस्जिद के बीच हुए समझौते और उसके बाद की गई डिक्री को रद्द करने की मांग की गई है। अब इस याचिका पर बुधवार को निर्णय होगा।
सुनवाई से पहले सभी धार्मिक स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
अदालत इस याचिका को स्वीकार कर लेती है तो इस संबंध में सभी विपक्षियों को समन जारी कर अग्रिम न्यायिक प्रक्रिया प्रारंम्भ हो जाएगी। कोर्ट में सुनवाई से पहले सभी धार्मिक स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। एसपी सिटी उदय शंकर सिंह ने बताया कि न्यायालय की सुरक्षा व्यवस्था भी बढ़ा दी गई है।
अखाड़ा परिषद ने पहले ही इस मुद्दे को लेकर मोर्चा खोल रखा
संतों की सबसे बड़ी संस्था अखाड़ा परिषद ने पहले ही इस मुद्दे को लेकर मोर्चा खोल रखा है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि कृष्ण जन्मभूमि के मुद्दे पर अखाड़ा परिषद की 15 अक्तूबर को वृंदावन में होने वाली बैठक में मथुरा के लिए रणनीति तय की जाएगी। इसमें सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इस बैठक में कृष्ण जन्मभूमि के मुद्दे पर आंदोलन की रूपरेखा तय करने के साथ ही श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में दायर याचिका में पक्षकार बनने पर भी विचार किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इसमें हमारे महामंत्री हरिगिरी वकीलों से बात करेंगे। यह सभी याचिकाकतार्ओं से बातचीत करेंगे। परिषद को इस याचिका में पक्षकार के तौर पर शामिल करने पर सहमति बन जाएगी तो ठीक, वरना अलग से कोर्ट में याचिका दाखिल की जाएगी। नरेन्द्र गिरी ने बताया कि विहिप व अन्य हिंदू संगठनों के साथ मिलकर कृष्ण जन्मभूमि के लिए शांतिपूर्ण ढंग से जन जागरण शुरू किया जाएगा। इस मसले को निपटाने के लिए मुस्लिम धर्मगुरूओं से भी बातचीत की जाएगी।
अखाड़ा परिषद का फोकस अभी अयोध्या पर
विश्व हिन्दू परिषद के क्षेत्रीय संगठन मंत्री अम्बरीश सिंह ने कहा कि पहली प्राथमिकता रामलला का मंदिर निर्माण है। इसके अलावा हिन्दू समाज के जो भी मुद्दे है उसकी संगठन चिंता करता है। अखाड़ा परिषद अगर कोई बात करेगा तो उस पर शीर्ष नेतृत्व निर्णय लेगा। आम जनमानस की सहभगिता बनेगी। इस पर ट्रस्ट कोई निर्णय लेगा तो देखा जाएगा। कब क्या करेंगे यह तय नहीं है। अभी तो एक लड़ाई में कई वर्षों बाद विजय मिली है। अभी पूरा फोकस वहीं है। जब धर्मस्थान मुक्ति यज्ञ समिति 1984 बनी थी तो तीनों मंदिरों का उल्लेख किया गया था। अभी रामलला मंदिर जब तक बन न जाए तब तक अधूरा नहीं छोड़ा जा सकता।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर अवैध रूप से कब्जा किया: यादव
भाजपा के राज्यसभा सदस्य हरनाथ सिंह यादव ने कहा है कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर अवैध रूप से कब्जा किया गया था। अब मुस्लिम भाइयों को अपना दिल बड़ा करना चाहिए और वहां से अपना कब्जा हटा लेना चाहिए। उन्होंने इस बयान को अपना निजी बयान बताया।
ईदगाह कमेटी के अध्यक्ष ने कहा- मुकदमे की जरूरत नहीं है
उधर, शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी के अध्यक्ष जाहिर (जेड) हसन ने कहा कि अभी कोई मुकदमे की जरूरत नहीं है। दो इबादतगाहें बुलंदी पर हैं। एक तरफ मस्जिद है दूसरी तरफ मंदिर। दोंनों में प्र्थनाएं होती है जिसकी अवाज एक साथ ईश्वर तक पहुंचती है। हमारे यहां लड़ाई झगड़े की कोई गुंजाईश नहीं है। सन 1968 में समझौता हुआ था। तब आपस में जमीन का बंटवारा हो गया था। तब से मंदिर में पूजा-पाठ और मस्जिद में पांच वक्त की नमाज होती है। मथुरा में गंगा-जमुनी तहजीब है। यहां पर राधाजी की चुनरी मुस्लिम महिलाएं बनाती है। जो पूरे विश्व में विख्यात है। मुद्दे पर पूरी जानकारी लेंगे। लोगों से मशविरा लेंगे। हमें न्यायपालिका पर भी पूरा भरोसा है।
Created On :   29 Sept 2020 11:46 PM IST