पेगासस जासूसी सूची में नए नाम: प्रमुख कश्मीरी नेता, मुफ्ती के परिवार के सदस्य और पत्रकार का लिस्ट में नाम
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- कश्मीर घाटी के कम से कम 25 लोग पेगासस स्पाइवेयर के माध्यम से निगरानी के संभावित लक्ष्य थे
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। द वायर द्वारा शुक्रवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2017 और 2019 के के बीच कश्मीर घाटी के कम से कम 25 लोग पेगासस स्पाइवेयर के माध्यम से निगरानी के संभावित लक्ष्य थे। रिपोर्ट में जिन लोगों के नाम शामिल हैं, उनमें बिलाल लोन, एसएआर गिलानी, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के दो सदस्य और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के परिवार के सदस्य शामिल हैं। कई अन्य राजनेता, मानवाधिकार कार्यकर्ता, पत्रकार, और कश्मीर के व्यवसायी भी सूची में शामिल हैं। बता दें कि द वायर उस ग्लोबल इन्वस्टिगेटिव प्रोजेक्ट का हिस्सा है जिसने जासूसी के इस पूरे मामले का खुलासा किया है।
द वायर ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि दो अलगाववादी नेता बिलाल लोन और दिवंगत एस.ए.आर. के फोन का फोरेंसिक एनालिसिस कराया गया है। इसमें कहा गया है कि एमनेस्टी इंटरनेशनल की सिक्योरिटी लैब ने लोन के फोन डेटा की जांच की। हालांकि यह हैंडसेट वो नहीं था जैसा वो संभावित तौर पर सर्विलांस का निशाना बनाए जाने के समय इस्तेमाल कर रहे थे, पर विश्लेषण में पेगासस द्वारा निशाना बनाए जाने के संकेत मिले हैं। स्पायवेयर के निशान 2019 में भी दिखाई देते हैं, जो संभवत: एनएसओ के भारतीय ग्राहक द्वारा शुरू की गई प्रक्रिया का परिणाम है। वहीं, इजरायली फर्म ने इस बात से इनकार किया है कि पेगासस प्रोजेक्ट द्वारा एक्सेस किए गए रिकॉर्ड का निगरानी से कोई लेना-देना है।
बिलाल लोन ने द वायर से कहा, "मैं फोन टैपिंग की अफवाहें सुनता रहता था, पर ऐसा कभी नहीं लगा कि मैं भी निशाने पर हो सकता हूं। लेकिन मैं इसके बारे में कुछ भी करने के लिए बहुत छोटा व्यक्ति हूं।" रिपोर्ट के अनुसार, मुफ्ती ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि निगरानी की अवधारणा कश्मीर में लोगों के लिए नई नहीं है। रिपोर्ट में मुफ्ती के हवाले से कहा गया है, "लोगों को अपने विचार रखने की आदत है, विचारों को न केवल इंटरसेप्ट किया जाता है बल्कि उनके लिए दंडित भी किया जाता है।"
रिपोर्ट के अनुसार, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी के भाई तारिक बुखारी, सैयद अली शाह गिलानी के परिवार के सदस्य और मीरवाइज उमर फारूक के नाम भी सूची में शामिल हैं। जम्मू-कश्मीर और इंटरनल सिक्योरिटी पर रिपोर्ट करने वाले इंडियन एक्सप्रेस के पत्रकार मुज़मिल जलील का नाम भी सूची में है। इसके अलावा औरंगज़ेब नक़्शबंदी, इफ्तिखार गिलानी और सुमीर कौल का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पांचवें पत्रकार का नाम उनके अनुरोध पर रोक दिया गया है।
इससे पहले आज, दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने द वायर के कार्यालय का दौरा किया, लेकिन कहा कि यह दौरा 15 अगस्त से संबंधित नियमित जांच का हिस्सा था।
Created On :   23 July 2021 11:10 PM IST