जम्मू एयर बेस पर 5 मिनट में दो ड्रोन अटैक, क्या सीमा पार से रची गई साजिश? जानिए अब तक इस मामले में क्या-क्या हुआ
- जम्मू एयरफोर्स स्टेशन में 26-27 जून की दरम्यानी रात को दो विस्फोट हुए
- आईईडी को गिराने के लिए लो-फ्लाइंग ड्रोन का इस्तेमाल किया गया
- भारतीय वायु सेना के दो जवानों को मामूली चोटें आईं
डिजिटल डेस्क, जम्मू। जम्मू एयरफोर्स स्टेशन के हाई सिक्योरिटी टेक्निकल एरिया में 26-27 जून की दरम्यानी रात को दो विस्फोट हुए। भारतीय वायु सेना के दो जवानों को मामूली चोटें आईं, लेकिन वे खतरे से बाहर हैं। शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार, इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइसेज (आईईडी) को गिराने के लिए लो-फ्लाइंग ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था। संभावित लक्ष्य वहां खड़े हेलीकॉप्टर थे। इस मामले में अब तक दो संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया, जो आधिकारिक निमंत्रण पर बांग्लादेश में हैं, लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।
इस मामले को लेकर भारतीय वायुसेना ने कहा, जम्मू एयरफोर्स स्टेशन के टेक्निकल एरिया में रविवार तड़के दो कम तीव्रता वाले विस्फोटों की सूचना मिली। एक ने एक इमारत की छत को मामूली नुकसान पहुंचाया जबकि दूसरा एक खुले क्षेत्र में फट गया। किसी भी उपकरण को कोई नुकसान नहीं हुआ। सिविल एजेंसियों के साथ जांच जारी है। पहला धमाका 1:37 बजे हुआ जबकि दूसरा 1:42 बजे। इस अटैक के बाद सुरक्षा बलों ने कुछ ही मिनटों में इलाके की घेराबंदी कर दी। घटना में कोई हताहत नहीं हुआ। भारतीय वायुसेना के दो जवानों को मामूली चोटें आई हैं। उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है और वे खतरे से बाहर हैं।
इस मामले में वायुसेना स्टेशन के पास सतवारी इलाके में दो संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। जम्मू के सतवारी पुलिस स्टेशन में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत एक एफआईआर भी दर्ज की गई है। भारतीय वायु सेना के इंटरनल असेसमेंट के अलावा, राष्ट्रीय जांच एजेंसी की एक टीम वायु सेना स्टेशन पर पहुंच गई है। एजेंसी और पुलिस सभी एंगल से जांच कर रही है। सबूत जुटाने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड की टीम और स्पेशल फोर्स की टीम भी स्टेशन पहुंच गई है। इनिशिअल असेसमेंट रिपोर्ट में कहा गया है कि जम्मू एयरफोर्स स्टेशन के अंदर एक इमारत की छत में एक बड़ा छेद बताता है कि ड्रोन का उपयोग करके हवाई हमला हेलीकॉप्टरों को निशाना बनाने की साजिश का हिस्सा था।
जम्मू-कश्मीर पुलिस के डायरेक्टर जनरल दिलबाग सिंह ने इन विस्फोटों को टेरर अटैक करार दिया है। इंडिया टुडे से बातचीत में उन्होंने कहा कि ड्रोन को हमले वाली जगह के पास से ही कुछ लोग चला रहे थे। उन्होंने कहा कि साजिश भले ही सीमा पार से की गई हो, लेकिन इसे अंजाम देने वाले सीमा के भीतर मौजूद थे। अन्य सूत्रों ने यह भी कहा है कि यह थ्योरी कि ड्रोन भारत के बाहर से आया हो, इसकी आशंका नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि एयरफोर्स स्टेशन और बॉर्डर के बीच जितनी दूरी है उस दूरी में इसे डिटेक्ट ना किया जा सके ऐसी संभावना बहुत ही कम है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि ड्रोन को जम्मू शहर के भीतर से ऑपरेट किया गया था। सिंह ने यह भी नोट किया कि ड्रोन के कुछ हिस्से जिन्हें बम के रूप में इस्तेमाल किया गया था, साइट पर पाए गए हैं।
भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया, जो आधिकारिक निमंत्रण पर बांग्लादेश में हैं, लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। घटना की जांच के लिए जमीनी स्तर पर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि पश्चिमी वायु कमांडर एयर मार्शल वीआर चौधरी मैदान में हैं। वहीं कश्मीर के इन्सपेक्टर जनरल ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी, इंडियन एयरफोर्स, नेशनल सिक्योरिटी गार्ड, सीआरपीएफ, एयरपोर्ट डायरेक्टर, बडगाम के सीनियर सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस और अन्य अधिकारियों के साथ एक अरजेंट मीटिंग की। मीटिंग में एयरपोर्ट की सुरक्षा की समीक्षा की गई। ड्रोन हमलों की संभावना और जवाबी उपायों पर चर्चा की गई। 24 जून को कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा ड्रोन हमले करने का अलर्ट भी जारी किया गया था।
विस्फोटों के बाद तीन मुख्य एयरपोर्ट- श्रीनगर एयरपोर्ट, श्रीनगर टेक्निकल एयरपोर्ट और अवंतीपोरा एयरपोर्ट को हाई अलर्ट पर रखा गया है। अंबाला और पठानकोट एयरफोर्स स्टेशनों को भी सुबह अलर्ट पर रखा गया था। जम्मू एयरपोर्ट पर सभी उड़ानें सामान्य हैं। वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू में हुई घटना को लेकर वाइस एयर चीफ और एयर मार्शल एचएस अरोड़ा से बात की। केंद्रीय मंत्री ने अपने आधिकारिक हैंडल से ट्वीट किया कि एयर मार्शल विक्रम सिंह स्थिति का जायजा लेने जम्मू पहुंच रहे हैं।
Created On :   27 Jun 2021 6:16 PM IST