लद्दाख और कश्मीर की सरहद पर आंख उठाकर भी नहीं देख पाएंगे चीन और पाकिस्तान, भारत कर रहा बड़ी तैयारी, खरीदेगा 8.5 अरब डॉलर के आधुनिक मिलिट्री इक्विपमेंट्स 

India is preparing to give a befitting reply to China and Pak, will buy modern military equipments worth $ 8.5 billion
लद्दाख और कश्मीर की सरहद पर आंख उठाकर भी नहीं देख पाएंगे चीन और पाकिस्तान, भारत कर रहा बड़ी तैयारी, खरीदेगा 8.5 अरब डॉलर के आधुनिक मिलिट्री इक्विपमेंट्स 
और मजबूत होगी सेना लद्दाख और कश्मीर की सरहद पर आंख उठाकर भी नहीं देख पाएंगे चीन और पाकिस्तान, भारत कर रहा बड़ी तैयारी, खरीदेगा 8.5 अरब डॉलर के आधुनिक मिलिट्री इक्विपमेंट्स 
हाईलाइट
  • घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को मिलेगी मजबूती

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन के साथ सीमा को लेकर भारत का हमेशा से विवाद रहा है। भारत-पाकिस्तान बॉर्डर (LOC) और भारत-चीन बॉर्डर (LAC) पर सैनिकों के बीच अक्सर मुठभेड़ की खबरें सामने आती रहती है। इसलिए अपनी सैन्य ताकत को मजबूत करने की दिशा में भारत एक बड़ा कदम लेने जा रहा है। 

केंद्र सरकार ने गुरुवार को घोषणा की है कि वह 8.5 अरब डॉलर के मिलिट्री इक्विपमेंट्स खरीदेगा, जिसमें मिसाइले, हेलीकाप्टर, आर्टिलरी बंदूकें और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध सिस्टम शामिल हैं। रक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान में बताया गया है कि भारतीय सेना के लिए पूंजी अधिग्रहण अनुमोदन के लिए शीर्ष सरकारी निकाय, रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने अपनी सभी सर्विसेज के लिए 705 बिलियन रुपये (लगभग 8.52 बिलियन डॉलर) के ऑर्डर को मंजूरी दी है।

इस सौदे में नौसेना के लिए कुल 560 अरब रुपये के बजट को मंजूरी दी गई है। भारत ने पिछले साल हिंद महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों पर चिंता जताई थी। इस बजट की मदद से नौसेना के लिए 200 अतिरिक्त ब्रह्मोस मिसाइल, 50 हेलीकॉप्टर और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली खरीदे जाएंगे। ब्रह्मोस लगभग 300 किमी की रेंज वाली एक सुपरसोनिक मिसाइल है, जिसे भारत और रूस ने संयुक्त रूप से विकसित किया है। तीनों भारतीय सेनाएं काफी लंबे समय से इस मिसाइल का इस्तेमाल कर रही हैं। 

इस दौरान डीएसी ने डीजल मरीन इंजन के निर्माण को भी मंजूरी दी। इसने सुखोई-30MKI फाइटर जेट द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले लंबी दूरी के स्टैंड-ऑफ हथियार के लिए वायु सेना के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। सेना को उच्च गतिशीलता और बंदूक खींचने वाले वाहनों के साथ-साथ 155 मिमी / 52 कैलिबर टोड आर्टिलरी गन की 307 यूनिट्स की खरीद के लिए भी मंजूरी दे दी है।

घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को मिलेगी मजबूती 

रक्षा मंत्रालय ने बताया कि घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए ये सभी ऑर्डर भारतीय कंपनियों को दिए जाएंगे। केंद्र सरकार लंबे समय से भारत में सैन्य उपकरणों के निर्माण को बढ़ावा देने प्रयास कर रही है। फिलहाल भारत पुराने समय में सोवियत संघ से लिए गए मिलिट्री इक्विपमेंट्स के आधुनिकीकरण में भी जुटा हुआ है। 
 

Created On :   17 March 2023 1:59 PM IST

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