India Fights Corona: स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा- देश में कोरोना के कुल मामलों में से 86% मामले सिर्फ 10 राज्यों तक ही सीमित
- देश में कोरोना के कुल मामलों में से महाराष्ट्र और तमिलनाडु में 50 फीसदी
- सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में 1
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- 935 मरीज हैं और रिकवरी रेट 55.38 फीसदी है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस का संकट गहराता ही जा रहा है। यहां बीते 24 घंटों में 28 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही देश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 9,06,752 पहुंच चुकी है और 23,727 लोग कोरोना संक्रमण से अपनी जान गवा चुके हैं। वहीं, देश में कोरोना वायरस की स्थिति को लेकर मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, गृह मंत्रालय और आईसीएमआर ने संयुक्त प्रेस वार्ता की। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से राजेश भूषण ने कहा कि भारत में कोरोना वायरस नियंत्रण की स्थिति काफी बेहतर है। देश में कोरोना के कुल मामलों में से 86 फीसदी सिर्फ 10 राज्यों तक सीमित हैं। इनमें से महाराष्ट्र और तमिलनाडु में 50 फीसदी मामले हैं।
उन्होंने बताया कि भारत के दस राज्यों में देश के कुल एक्टिव केस के 85.11 फीसदी एक्टिव केस हैं। ये दस राज्य हैं- महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, दिल्ली, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, गुजरात और असम हैं। इन 10 राज्यों में कुल 2,65,202 एक्टिव केस हैं, यानी ऐसे कोरोना संक्रमित मरीज जिनका इलाज अभी जारी है।
सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में एक्टिव केस
भूषण ने बताया कि सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमण के एक्टिव मामले महाराष्ट्र में हैं, जहां 1,05,935 मरीज हैं। इसके बाद तमिलनाडु में 48,199 एक्टिव केस हैं। इन दोनों राज्यों के एक्टिव केसेस को जोड़ लें, तो संख्या 1,54,134 हो जाती है, जो कि भारत के कुल एक्टिव केस का 50 फीसदी है। सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र और तमिलनाडु में हैं। हालाकि दोनों राज्यों में संक्रमण से मरीज ठीक भी हो रहे हैं। महाराष्ट्र में रिकवरी रेट 55.38 फीसदी है, जबकि तमिलनाडु में ये दर 64.82 फीसदी है। वहीं, कर्नाटक, दिल्ली, आंध्रप्रदेश, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, गुजरात और असम इन जगहों पर कुल 1,11,068 एक्टिव केस हैं। यह भारत में मौजूद कुल एक्टिव केस का 36 फीसदी है।
प्रेस वार्ता में कोरोना को लेकर सरकार ने ये तथ्य रखे
- देश में कोरोना से ठीक होने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है। भारत में प्रति 10 लाख जनसंख्या पर कोरोना मामलों की संख्या 657 है। हम दुनिया के उन देशों में से हैं जिनमें प्रति 10 लाख जनसंख्या पर कोरोना वायरस संक्रमण के मामले सबसे कम हैं।
- भारत में प्रति 10 लाख जनसंख्या पर कोरोना के कारण होने वाली मौतों की संख्या 17.2 है, जबकि कई अन्य देशों में यह भारत की तुलना में 35 गुना तक ज्यादा है।
- देश में कोरोना के कुल मामलों का 86 फीसदी हिस्सा 10 राज्यों में है। इनमें से दो राज्यों- महाराष्ट्र और तमिलनाडु में 50 फीसदी से ज्यादा मामले हैं। अन्य आठ राज्यों में 36 फीसदी मामले हैं।
- देश में सक्रिय मामलों की तुलना में 1.8 गुना ज्यादा लोग ठीक हुए हैं। भारत में मई में रिकवरी रेट लगभग 26 फीसदी था। मई के अंत तक यह लगभग 48 फीसदी हो गया और जुलाई आने तक यह लगभग 63 फीसदी हो गया है।
- देश में 1206 लैब में सैंपल की जांच की जा रही है। कंटेनमेंट जोन में जांच बढ़ाने की जरूरत है। ऐसे जोन में घर-घर जाकर सक्रिय मामलों की जांच की जानी चाहिए।
- उत्तर प्रदेश में रिकवरी रेट 64 फीसदी है। ओडिशा में यह 67 फीसदी, असम में 65 फीसदी, गुजरात में 70 फीसदी और तमिलनाडु में कोरोना से ठीक होने की दर 65 फीसदी है।
- मार्च में कोरोना के मामलों की प्रतिदिन बढ़ने की गति लगभग 31 फीसदी थी, मई में यह दर नौ फीसदी हो गई थी। मई के अंत तक यह दर पांच फीसदी पर आ गई थी। 12 जुलाई के आंकड़ों के अनुसार यह दर 3.24 फीसदी है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) कहता है कि अगर आप प्रति 10 लाख आबादी पर रोजाना 140 लोगों की जांच कर रहे हैं तो इसे व्यापक जांच माना जाएगा। ऐसे 22 राज्य हैं जो रोज 140 या इससे ज्यादा जांच कर रहे हैं। राज्यों को जांच की संख्या बढ़ाने की सलाह दी जाती है।
- आईसीएमआर के बलराम भार्गव ने कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर बताया कि भारत की दो कंपनियां वैक्सीन विकसित करने में आगे चल रही हैं।
- भारत को तेजी से वैक्सीन विकसित करने की जरूरत है। भारत में वैक्सीन ट्रायल के लिए 1000 वॉलंटियर तैयार हैं।
- अमेरिका में उपयोग में लाई जाने वाली दवाओं में 60 फीसदी दवाएं भारत में बनी हुई हैं। दुनिया में उपयोग में आने वाली वैक्सीन का 60 फीसदी भारत में बनता है।
Created On :   14 July 2020 8:18 PM IST