Chinese App Ban: डिजिटल स्ट्राइक से तिलमिलाया चीन, कहा- तत्काल गलती सुधारे, जानें भारत का जवाब
- चीन ने कहा: भारत में निवेश के माहौल को प्रभावित करेगा फैसला
- पबजी बनाने वाली कंपनी के शेयर दो फीसदी गिरे
- भारत का जवाब: सरकार के नियमों का पालन करना कंपनियों की जिम्मेदारी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली/बीजिंग। भारत की डिजिटल स्ट्राइक से चीन तिलमिला गया है। उसने भारत द्वारा 118 ऐप बैन को लेकर आपत्ति जताई है। चीन ने इसे डब्ल्यूटीओ नियमों का उल्लंघन बताते हुए भारत सरकार से आग्रह किया है कि इस फैसले में तत्काल सुधार करें। इसके जवाब में भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि कंपनियों को भारत सरकार के नियमों का पालन करना था। भारत एक खुला आर्थिक मंच है, लेकिन यहां सरकार के नियमों का पालन करना कंपनियों की जिम्मेदारी है। वहीं चीन की बोखलाहट से साफ नजर आ रहा है कि उसे भारत आर्थिक रूप से चोट पहुंचा रहा है। आइए जानते हैं ऐप बैन से चीन पर क्या असर पड़ा और चीनी विदेश मंत्रालय ने क्या कहा...
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के अनुसार चीन के वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता गाओ फेंग ने गुरुवार को एक प्रेस ब्रीफिंग में इस फैसले पर गंभीर चिंता जताई है। प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि भारत "राष्ट्रीय सुरक्षा" के विषय का दुर्व्य्वहार कर रहा है और भारत का ये कदम विश्व व्यापार संगठन डब्ल्यूटीओ के नियमों का उल्लंघन करता है। उन्होंने कहा कि चीन की सरकार हमेशा चीनी कंपनियों से अंतरराष्ट्रीय नियमों और स्थानी कानूनों का पालन करने के लिए कहती रही है।
भारत में निवेश के माहौल को प्रभावित करेगा फैसला: चीन
प्रवक्ता गाओ फेंग ने कहा कि अपने यहां की कंपनियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानकों और नियमों का पालन करना अनिवार्य बनाया हुआ है। भारत सरकार ये फैसला न सिर्फ चीन के निवेशकों और सर्विस प्रोवाइडर्स के हितों का नुकसान करेगा, बल्कि ये भारत में निवेश के माहौल को भी प्रभावित करेगा। फेंग ने कहा कि भारत और चीन एक दूसरे के लिए विकास के मौके हैं। हम उम्मीद करते हैं कि भारत चीन के साथ विकास की स्थिति के लिए काम करेगा।
भारत का जवाब: सरकार के नियमों का पालन करना कंपनियों की जिम्मेदारी
सरकार द्वारा 118 और मोबाइल एप्स प्रतिबंधित करने के फैसले पर मंत्रालय ने कहा कि भारत में एफडीआई के लिए दुनिया में सबसे खुले शासनों में से एक है, इसमें इंटरनेट कंपनियां और डिजिटल टेक्नोलॉजी कंपनियां भी आती हैं। हालांकि, भारत सरकार द्वारा जारी नियमों और विनियमों का पालन करना उनकी जिम्मेदारी है।
पबजी बनाने वाली कंपनी के शेयर दो फीसदी गिरे
बता दें कि भारत की तरफ से चीनी एप बैन करने के फैसले से चीन में गेमिंग और सोशल मीडिया की बड़ी कंपनी टेनसेंट के शेयर दो फीसदी गिर गए हैं। टेनसेंट कंपनी ने ही पबजी बनाया है।
बुधवार को भारत ने 118 ऐप बैन किए थे
पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर बढ़ते तनाव के बीच भारत सरकार ने चीन में विकसित 118 मोबाइल ऐप को बैन कर दिया है, जिनमें गेमिंग ऐप पबजी भी शामिल है। भारत सरकार ने इससे पहले जून में भी चीन से जुड़े 59 ऐप को बैन किया था। इनमें टिकटॉक भी शामिल था। जुलाई में भी चीन से जुड़े 47 मोबाइल ऐप प्रतिबंधित किए गए थे। इस तरह अब तक चीन से जुड़े कुल 224 मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लग चुका है।
करोड़ों मोबाइल और इंटरनेट यूजर्स के हितों की रक्षा होगी
इलेक्ट्रॉनिक्स और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा था कि इन ऐप को इसलिए बैन किया गया है, क्योंकि वे भारत की संप्रभुता और अखंडता, देश की रक्षा और लोक व्यवस्था के विरुद्ध गतिविधियों में लिप्त थे। मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि इस कदम से भारत के करोड़ों मोबाइल और इंटरनेट यूजर्स के हितों की रक्षा होगी। ये फैसला भारत के साइबर स्पेस की सुरक्षा और संप्रभुता को सुनिश्चित करने के इरादे से लिया गया है।
डाटा चोरी की मिल रही थीं शिकायतें
बयान के अनुसार भारत सरकार को इन ऐप के बारे में विभिन्न स्रोतों से शिकायतें मिल रही थीं, जिनमें ऐसी रिपोर्टें भी थीं कि एंड्रॉयड और आइओएस पर उपलब्ध कुछ मोबाइल ऐप से यूजर्स के डेटा अनाधिकृत तौर पर चोरी कर भारत से बाहर स्थित सर्वर में भेजे जा रहे थे।
अब तक 224 ऐप को बैन किया जा चुका है
भारत सरकार ने इससे पहले जून में भी चीन से जुड़े 59 ऐप को बैन किया था। इनमें टिकटॉक भी शामिल था। पिछली बार 59 चीनी ऐप को बैन करने का फैसला गलवान घाटी में 15 जून को भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के कुछ दिनों बाद लिया गया था, जिसमें भारत के 20 सैनिकों की मौत हो गई थी। उसके बाद सरकार ने एक बार और 47 ऐप को बैन किया था। इस तरह कुल मिलाकर भारत सरकार अब तक 224 ऐप को बैन कर चुकी है।
3.3 करोड़ एक्टिव यूजर्स पबजी के भारत में
बुधवार को जो 118 ऐप बैन किए गए इनमें से ज्यादातर ऐप के भारत में बड़ी तादाद में यूजर्स थे। कई भारतीय युवाओं को तो लोकप्रिय गेमिंग ऐप पबजी की एक तरह से लत लगी हुई है। बात अगर भारत में पबजी ऐप के डाउनलोड की करें तो इसे 5 करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका था। भारत में उसके 3.3 करोड़ ऐक्टिव यूजर थे, जो बहुत बड़ी संख्या है। अब इन पर प्रतिबंधों से चीनी कंपनियों की कमाई सीधे-सीधे प्रभावित होगी। पबजी को वैसे तो एक साउथ कोरियन कंपनी ने डिवेलप किया था, लेकिन इसके जितने भी वर्जन जारी होते हैं, उसे चीनी कंपनी टेंसेंट जारी करती है।
टिकटॉक बैन से चीन को हजारों करोड़ का नुकसान
चीन को होने वाले नुकसान का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि जब जून के आखिर में टिकटॉक, शेयर इट, यूसी ब्राउजर जैसे चाइनीज ऐप पर प्रतिबंध लगाया गया था तब वहां की प्रॉपेगैंड साइट ग्लोबल टाइम्स ने चीनी कंपनियों को हजारों करोड़ रुपये नुकसान होने की आशंका जताई थी। यही वजह है कि ऐप बैन को चीन पर डिजिटल स्ट्राइक तक कहा गया।
45 हजार करोड़ की चपत लग चुकी है चीन को
टिकटॉक भारत में इस कदर लोकप्रिय था कि दुनिया में उसके सबसे ज्यादा यूजर यहीं पर थे। जब टिकटॉक, हेलो, लाइकी, यूसी ब्राउजर, शेयरइट जैसे 59 ऐप पर प्रतिबंध की गाज गिरी थी। तब चीन की सरकारी न्यूज वेबसाइट ग्लोबल टाइम्स ने चीनी कंपनियों को 6 अरब डॉलर यानी करीब 45 हजार करोड़ रुपये का झटका लगने की बात कही थी। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि 224 मोबाइल ऐप पर बैन से चीन के लिए कितना बड़ा झटका है। अकेले टिकटॉक को सालाना करीब 720 करोड़ रुपये के नुकसान की बात कही गई थी। टिकटॉक की हालत इतनी खराब हुई कि अब उसे अमेरिकी कंपनियों के हाथों बेचे जाने की नौबत आ चुकी है।
पबजी दुनिया का सबसे ज्यादा कमाई वाला गेम
गेमिंग की दुनिया में डंका बजाने वाले पबजी मोबाइल ऐप के सबसे ज्यादा यूजर भारत में ही हैं। यह गेम गूगल प्ले स्टोर पर टॉप 5 में शुमार था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सिर्फ 2020 के पहले क्वॉर्टर में पबजी को 6 करोड़ लोगों को डाउनलोड किया था। इतना ही नहीं, मई में पबजी दुनिया का सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वाला मोबाइल गेम बना था। उसे 22.6 करोड़ डॉलर यानी करीब 1700 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था। अब भारत में बैन से पबजी को तगड़ी आर्थिक चोट भी पहुंचेगी।
Created On :   3 Sept 2020 11:32 PM IST