लद्दाख: सीमा पर बढ़ा तनाव, फिर हुई भारत-चीन के बीच ब्रिगेड कमांडर स्तर की वार्ता
- पूर्वी लद्दाख में चीन की घुसपैठ की कोशिशें नाकाम
- सीमा पर तनाव
- फिर हुई ब्रिगेड कमांडर स्तर की वार्ता
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर चीन ने तीन बार घुसपैठ की कोशिश की है। हालांकि भारतीय सेना ने घुसपैठ की इन कोशिशों को नाकाम कर दिया लेकिन चीन की इस हरकत के बाद फिर से बॉर्डर पर तनाव बढ़ गया है। ताजा विवाद को बातचीत से सुलझाने के लिए आज (2 सितंबर) फिर से चुशूल में दोनों देशों के बीच ब्रिगेडियर कमांडर लेवल की वार्ता हुई।
बता दें कि, इससे पहले कई बार बातचीत हो चुकी है, लेकिन कोई हल नहीं निकला। इससे जाहिर होता है कि, चीन एक ओर डिप्लोमैटिक और कमांडर लेवल की बातचीत कर लद्दाख में स्थिति को सुधारने की कोशिश का ढोंग कर रहा है।वहीं चीनी सैनिक लगातार भारतीय जवानों को उकसाने की कोशिश कर रहे हैं।
Brigade Commander level talks between India and China to be held again today at 10 am in Chushul/Moldo to discuss the ongoing issues along the southern bank of Pangong Tso: Indian Army Sources
— ANI (@ANI) September 2, 2020
29 और 30 अगस्त की दरम्यानी रात पैंगोंग झील के पास की थी घुसपैठ
दरअसल रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को एक नोट जारी कर चीन की धोखेबाजी के बारे में बताया था। इसके मुताबिक 29-30 अगस्त की रात चीन के करीब 500 सैनिकों ने एक पहाड़ी पर कब्जे की कोशिश की थी, जिसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया था। रक्षा मंत्रालय ने कहा, हमारी सेना शांति चाहती है, लेकिन अपनी सीमाओं की सुरक्षा करना भी जानते हैं।
31 अगस्त को भी चीनी सैनिकों ने हालात बिगाड़ने की कोशिश की
विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को बताया, 31 अगस्त को जब दोनों देशों के ग्राउंड कमांडर मामले को सुलझाने के लिए चर्चा कर रहे थे, तब भी चीनी सैनिकों ने हालात बिगाड़ने की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना ने तुरंत एक्शन लेते हुए उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया। 31 अगस्त की रात को चीनी सैनिक काला टॉप के पास आना चाहते थे। जब चीनी सेना के जवान उस ओर बढ़े तो भारतीय जवानों ने उन्हें देखा और मेगाफोन पर चेतावनी दी, जिसके बाद चीनी उल्टे पांव लौट गए।
कल लद्दाख के चुमार में घुसपैठ की कोशिश
1 सितंबर को लद्दाख के चुमार में चीन के सैनिकों ने घुसपैठ की कोशिश की। हालांकि भारतीय सेना ने चीन के मंसूबों को नाकाम कर दिया। सूत्रों के मुताबिक, चीनी सेना सात से आठ बख्तरबंद गाड़ियों के साथ थी। सूत्रों के अनुसार चीनी सेना के लगभग 7 से 8 भारी वाहनों को उनके चेपुजी शिविर से एलएसी के भारतीय हिस्से की ओर आते हुए देखा गया। इसके बाद भारतीय जवानों ने घुसपैठ को रोकने के लिए उचित तैनाती की। भारत की ओर से गाड़ियों को आता देख चीनी वाहनों का काफिला वापस लौट गया।
घुसपैठ की इन कोशिशों के बाद से लद्दाख बॉर्डर पर भारत और चीन के बीच लगातार तनाव की स्थिति बनी हुई है। फिलहाल भारतीय सेना ने इस इलाके में अपने जवानों की तैनाती बढ़ा दी है। चीनी सेना की लगातार उकसाने वाली हरकतों के बाद भारतीय सेना हाई अलर्ट पर है।
चीनी अधिकारियों के सामने भारत ने उठाई बात
भारतीय विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा, 31 अगस्त को जब दोनों पक्षों के ग्राउंड कमांडर स्थिति को बेहतर करने के लिए चर्चा कर रहे थे, तब चीनी सैनिक फिर से पैंगोंग झील के दक्षिण किनारे पर उत्तेजक कार्रवाई में लगे थे। विदेश मंत्रालय ने कहा, हमने राजनयिक और सैन्य दोनों ही स्तरों पर चीनी पक्ष के साथ हाल की उत्तेजक और आक्रामक कार्रवाइयों की बात उठाई है। हमने उनसे इस तरह की उत्तेजक कार्रवाई को लेकर अपने सैनिकों को अनुशासित और नियंत्रित करने का आग्रह किया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उच्चस्तरीय बैठक की
उधर, चीन से जारी तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उच्चस्तरीय बैठक की, जिसमें विदेश मंत्री एस जयशंकर, NSA अजित डोभाल, CDS जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख शामिल हुए। ये बैठक करीब दो घंटे चली।
Created On :   2 Sept 2020 8:49 AM IST