जम्मू अटैक के कुछ घंटों बाद रत्नुचक-कालूचक मिलिट्री एरिया में स्पॉट किए गए दो ड्रोन, फायरिंग में बच निकले
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- क्विक रिएक्शन टीमों ने ड्रोन पर फायरिंग की
- लेकिन वो बच निकले
- ड्रोन स्पॉट किए जाने के तुरंत बाद हाई अलर्ट जारी किया गया
- रत्नुचक-कालूचक मिलिटरी एरिया में दो और ड्रोन दिखाई दिए
डिजिटल डेस्क, जम्मू। जम्मू में इंडियन एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन से विस्फोटक गिराए जाने के एक दिन बाद रत्नुचक-कालूचक मिलिटरी एरिया में दो और ड्रोन दिखाई दिए। ड्रोन स्पॉट किए जाने के तुरंत बाद हाई अलर्ट जारी किया गया और क्विक रिएक्शन टीमों ने उन पर फायरिंग की। हालांकि दोनों फायरिंग से बचने में कामयाब रहे और ड्रोन वहां से उड़कर दूर चले गए। जम्मू में डिफेंस पीआरओ लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद ने कहा, सैनिकों की सतर्कता से हमला विफल हो गया। सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर हैं और तलाशी अभियान जारी है।
आतंकवादी हमले को अंजाम देने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल देश के लिए एक नए सुरक्षा खतरे की शुरुआत है। हथियार से लैस ड्रोन से खतरे पर भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठान ने कुछ साल पहले चर्चा की थी। रविवार को जम्मू में एयरफोर्स स्टेशन पर हमला जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा जम्मू में लगभग 5 किलोग्राम वजन वाले आईडी के साथ लश्कर-ए-तैयबा के एक कथित ऑपरेटिव को गिरफ्तार करने के कुछ घंटों बाद हुआ था। एनआईए और एनएसजी की टीमें मामले की जांच कर रही हैं। इस हमले के बाद, सेना और वायु सेना द्वारा पूरे क्षेत्र के प्रमुख सैन्य स्टेशनों और वायु सेना स्टेशनों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। चुनिंदा सैन्य स्टेशनों पर बम निरोधक दस्ते तैनात किए गए हैं, जहां से जरूरत पड़ने पर उन्हें जहां कहीं भी भेजा जा सकता है।
बता दें कि जम्मू एयरफोर्स स्टेशन के हाई सिक्योरिटी टेक्निकल एरिया में 26-27 जून की दरम्यानी रात को दो विस्फोट हुए थे। पहला धमाका 1:37 बजे हुआ जबकि दूसरा 1:42 बजे। इस विस्फोट में भारतीय वायु सेना के दो जवानों को मामूली चोटें आईं थी। एक ने इमारत की छत को मामूली नुकसान पहुंचाया जबकि दूसरा एक खुले क्षेत्र में फट गया। किसी भी उपकरण को कोई नुकसान नहीं हुआ। शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार, इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइसेज (आईईडी) को गिराने के लिए लो-फ्लाइंग ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था। संभावित लक्ष्य वहां खड़े हेलीकॉप्टर थे। इस मामले में अब तक दो संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है।
इस मामले में वायुसेना स्टेशन के पास सतवारी इलाके में दो संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। जम्मू के सतवारी पुलिस स्टेशन में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत एक एफआईआर भी दर्ज की गई है। विस्फोट के बाद भारतीय वायु सेना के इंटरनल असेसमेंट के अलावा, राष्ट्रीय जांच एजेंसी की एक टीम वायु सेना स्टेशन पर पहुंच गई थी। एजेंसी और पुलिस सभी एंगल से जांच कर रही है। सबूत जुटाने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड की टीम और स्पेशल फोर्स की टीम भी स्टेशन पहुंच गई छी। इनिशिअल असेसमेंट रिपोर्ट में कहा गया है कि जम्मू एयरफोर्स स्टेशन के अंदर एक इमारत की छत में एक बड़ा छेद बताता है कि ड्रोन का उपयोग करके हवाई हमला हेलीकॉप्टरों को निशाना बनाने की साजिश का हिस्सा था।
जम्मू-कश्मीर पुलिस के डायरेक्टर जनरल दिलबाग सिंह ने इन विस्फोटों को टेरर अटैक करार दिया था। इंडिया टुडे से बातचीत में उन्होंने कहा कि ड्रोन को हमले वाली जगह के पास से ही कुछ लोग चला रहे थे। उन्होंने कहा कि साजिश भले ही सीमा पार से की गई हो, लेकिन इसे अंजाम देने वाले सीमा के भीतर मौजूद थे। अन्य सूत्रों ने यह भी कहा है कि यह थ्योरी कि ड्रोन भारत के बाहर से आया हो, इसकी आशंका कम है। ऐसा इसलिए क्योंकि एयरफोर्स स्टेशन और बॉर्डर के बीच जितनी दूरी है उस दूरी में इसे डिटेक्ट ना किया जा सके ऐसी संभावना बहुत ही कम है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि ड्रोन को जम्मू शहर के भीतर से ऑपरेट किया गया था।
Created On :   28 Jun 2021 4:20 PM IST