11 दोषियों की फांसी की सजा उम्रकैद में तब्दील, HC ने बदला फैसला

Gujarat High Court may deliever Godhra Train burning Case on Monday
11 दोषियों की फांसी की सजा उम्रकैद में तब्दील, HC ने बदला फैसला
11 दोषियों की फांसी की सजा उम्रकैद में तब्दील, HC ने बदला फैसला

डिजिटल डेस्क, अहमदाबाद। साल 2002 में गुजरात के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के एक डिब्बे में आग लगाने के मामले में गुजरात हाईकोर्ट ने सोमवार को फैसला सुनाते हुए इस कांड में 11 दोषियों की फांसी की सजा को "उम्रकैद" में बदल दिया। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने इस कांड में मारे गए 59 लोगों के परिवार को 10-10 लाख का मुआवजा देने का फैसला भी दिया। बता दें कि 2011 में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) कोर्ट ने इस मामले में 31 लोगों को दोषी ठहराया था, जिसमें 20 को उम्रकैद और 11 को फांसी की सजा सुनाई गई थी। जबकि 63 लोगों को इस मामले में बरी भी कर दिया था। 2002 में हुए इस कांड में 59 लोग मारे गए थे, जिसके बाद से पूरे राज्य में सांप्रदायिक दंगे भड़क गए थे। 

स्पेशल कोर्ट ने क्या दिया था फैसला?

इस मामले में 1 मार्च 2011 को SIT की स्पेशल कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। इस फैसले में कोर्ट ने 31 लोगों को दोषी ठहराया जबकि 63 लोगों को बरी कर दिया। 31 दोषियों में से 11 को मौत की सजा और 20 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। इसके बाद कई अपीलों में 31 लोगों को दोषी करार दिए जाने पर चुनौती दी गई, जबकि राज्य सरकार ने 63 लोगों को बरी करने पर सवाल उठाया। स्पेशल कोर्ट का कहना था कि जिन 31 लोगों को दोषी ठहराया गया है, उनपर साजिश रचने का आरोप है। इसके साथ ही इन लोगों को हत्या, हत्या के प्रयास और आपराधिक साजिश रचने के आरोपों के तहत कसूरवार ठहराया गया था। 

क्या हुआ था 2002 में ? 

27 फरवरी 2002 के दिन, गुजरात के गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस आकर रुकी, तभी कुछ लोगों ने इस ट्रेन के S-6 कोच को आग के हवाले कर दिया। इस कोच में सवार 59 लोग मारे गए थे, जिसमें सबसे ज्यादा अयोध्या से लौट रहे कारसेवक भी शामिल थे। इस हमले के बाद गुजरात में दंगे भड़क गए थे और हजारों लोग इन दंगों में मारे गए थे। 

हादसा नहीं बल्कि साजिश थी ट्रेन में आग

इस हत्याकांड के बाद गुजरात सरकार की तरफ से गठित नानावटी आयोग ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि साबरमती एक्सप्रेस के S-6 कोच में लगी आग कोई हादसा नहीं, बल्कि साजिश बताया था। रिपोर्ट में कहा गया था कि साबरमती ट्रेन के कोच को आग के हवाले कर दिया गया था। इस मामले में स्पेशल कोर्ट ने जिन लोगों को रिहा कर दिया था, उसमें मुख्य रुप से मौलाना उमरजी, गोधरा म्यूनिसिपैलिटी के तत्कालीन प्रेसिडेंट मोहम्मद हुसैन कलोता, मोहम्मद अंसारी और उत्तरप्रदेश के रहने वाले नानूमियां चौधरी का नाम शामिल था। 

Created On :   9 Oct 2017 8:01 AM IST

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