एमआई-17 दुर्घटना में जान गंवाने वाले दूसरे शीर्ष सैन्य अधिकारी जनरल रावत

General Rawat, the second top Army officer who lost his life in the Mi-17 crash
एमआई-17 दुर्घटना में जान गंवाने वाले दूसरे शीर्ष सैन्य अधिकारी जनरल रावत
विमान हादसा एमआई-17 दुर्घटना में जान गंवाने वाले दूसरे शीर्ष सैन्य अधिकारी जनरल रावत
हाईलाइट
  • हेलिकॉप्टर क्रैश में सीडीएस समेत 13 लोगों की दुखद निधन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत (63), उनकी पत्नी और 11 अन्य लोगों का बुधवार को एक हेलीकॉप्टर हादसे में निधन हो गया। उनका वायुसेना का एमआई-17 हेलीकॉप्टर तमिलनाडु में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। लगभग तीन दशकों में इस तरह से किसी शीर्ष रक्षा अधिकारी की यह पहली मौत है। इससे पहले के घटनाक्रम में और इस हालिया हादसे में एक संयोग भी है। इससे पहले भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में 1993 में मौत हुई थी और उस हादसे में भी एक एमआई-17 हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ था। तब भी खराब मौसम के कारण दुर्घटना हुई थी और अधिकारी के साथ उनकी पत्नी भी मौजूद थीं।

पूर्वी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल जमील महमूद की मई 1993 में सिक्किम की यात्रा के दौरान एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। उनकी पत्नी, सैन्य सहायक कर्नल एम. एन. अहमद, लेफ्टिनेंट लक्ष्मण त्यागी, नायक जी. त्यागराजन, उनके निजी अंगरक्षक हवलदार एस. वासुदेवन और भारतीय वायुसेना के चालक दल भी मारे गए थे। 1959 में आर्टिलरी में शामिल हुए महमूद ने 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान सिक्किम में एक प्लाटून की कमान संभाली और उन्हें युद्ध सेवा पदक से सम्मानित किया गया। उन्होंने 1965 और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान भी भूमिका अदा की। वह अक्टूबर 1992 में पूर्वी कमान के प्रमुख बने।

तीन दशक पहले, भारतीय सेना और वायु सेना ने कई वरिष्ठ अधिकारियों को खो दिया था, जब नवंबर 1963 में पुंछ के पास एक आईएएफ अलौएट हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। पश्चिमी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल दौलत सिंह, पश्चिमी वायु कमान के प्रमुख, एयर वाइस मार्शल एर्लिक पिंटो, चिनार कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल बिक्रम सिंह, 25 इन्फैंट्री डिवीजन के प्रमुख मेजर जनरल एन. के. डी. नानावटी और 93 ब्रिगेड प्रमुख, ब्रिगेडियर एस. आर. ओबेरॉय के साथ-साथ पायलट, फ्लाइट लेफ्टिनेंट एस. एस. सोढ़ी की दुर्घटना में मौत हो गई थी। हालांकि, फरवरी 1952 में लखनऊ के पास एक आईएएफ डी हैविलैंड डेवोन परिवहन विमान दुर्घटना के सभी यात्री चमत्कारिक रूप से बच गए थे।

तब बोर्ड पर भावी सेना प्रमुख - लेफ्टिनेंट जनरल एस. एम. श्रीनागेश और मेजर जनरल के. एस. थिमैया - थे। इसके साथ ही उस वक्त मेजर जनरल एस. पी. पी. थोराट, मेजर जनरल सरदानंद सिंह, मेजर जनरल मोहिंदर सिंह चोपड़ा और ब्रिगेडियर अजायब सिंह भी विमान में सवार थे। बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत तमाम विपक्षी नेताओं ने भी जनरल बिपिन रावत और अन्य के निधन पर शोक जताया है।

(आईएएनएस)

Created On :   8 Dec 2021 9:00 PM IST

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