सीएम योगी ने आर्मी को बताया ‘मोदी जी की सेना’, चुनाव आयोग ने तलब की रिपोर्ट
- आर्मी को 'मोदी जी की सेना' कहने पर फंसे सीएम योगी।
- मामले में चुनाव आयोग ने तलब की रिपोर्ट।
- लखनऊ के मुख्य चुनाव अधिकारी ने गाजियाबाद के डीएम से मांगी रिपोर्ट।
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। लोकसभा चुनाव प्रचार के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आर्मी को "मोदी जी की सेना" बताकर विपक्ष और चुनाव आयोग दोनों के निशाने पर आ गए हैं। सीएम योगी की इस टिप्पणी को लेकर लेकर चुनाव आयोग ने रिपोर्ट तलब की है। लखनऊ के मुख्य चुनाव अधिकारी ने इस मामले में गाजियाबाद के जिला मजिस्ट्रेट से रिपोर्ट मांगी है। वहीं विपक्ष ने योगी आदित्यनाथ पर सेना का अपमान करने का आरोप लगाया है।
Chief Electoral Officer (CEO) Lucknow has asked for a factual report from District Election Office (DEO) Ghaziabad by noon tomorrow on UP CM Yogi Adityanath referring to Indian Army as "Modi ji ki sena"
— ANI UP (@ANINewsUP) April 1, 2019
दरअसल सीएम योगी आदित्यनाथ रविवार को गाजियाबाद के बिसाहड़ा गांव में एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान योगी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, कांग्रेस के लोग आतंकियों को बिरयानी खिलाते थे और "मोदी जी की सेना" आतंकियों को गोली और गोला देती है। कांग्रेस के लोग मसूद अजहर जैसे आतंकियों के लिए जी का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी सरकार आतंकियों के कैंप पर हमले कर उनकी कमर तोड़ती है।
EC ने मांगी भाषण की कॉपी
योगी की "मोदी जी की सेना" टिप्पणी पर चुनाव आयोग ने सोमवार को संज्ञान लेते उत्तर प्रदेश निर्वाचन कार्यालय से विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है। आयोग के एक अधिकारी ने बताया, उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में दिए गए योगी आदित्यनाथ के इस बयान से संबंधित मीडिया रिपोर्टों पर आयोग ने संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की है। चुनाव आयोग ने योगी आदित्यनाथ के भाषण की कॉपी मंगवाई है। गाजियाबाद के जिलाधिकारी इस मामले से जुड़े तथ्यों का विस्तृत ब्योरा राज्य निर्वाचन कार्यालय को मुहैया करायेंगे। निर्वाचन कार्यालय इसके आधार पर तैयार की गई रिपोर्ट आयोग को सौंपेगा।
कांग्रेस ने योगी पर साधा निशाना
वहीं सीएम योगी के बयान के बाद कांग्रेस ने उन पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने कहा कि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारतीय सेना को ‘मोदी की सेना’ बताकर जवानों के पराक्रम और शहीदों का अपमान किया है। ऐसे करके उन्होंने चुनाव आयोग के नियमों का भी उल्लंघन किया है।
चुनाव आयोग पहले ही दे चुका है निर्देश
गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने 19 मार्च को सभी राजनीतिक दलों को एक सलाह जारी कर चुनाव प्रचार के दौरान सैनिकों और सैन्य अभियानों का जिक्र करने से बचने को कहा था। आयोग ने इसे चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए राजनीतिक दलों और राजनेताओं को सोशल मीडिया पर भी सैनिकों और सैन्य अभियान की तस्वीर के प्रसार से बचने को कहा था। पुलवामा के शहीदों और विंग कमांडर अभिनंदन की फोटो के इस्तेमाल के बाद चुनाव आयोग ये निर्देश जारी किए थे।
Created On :   2 April 2019 8:26 AM IST