Coronavirus in MP: मनरेगा मजदूरों को दिए जाएंगे होम मेड मास्क, राज्य में कोरोना से अब तक 50 मौतें, 614 संक्रमित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोनावायरस पीड़ितों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। राज्य में अबतक कुल मरीजों की संख्या 614 हो गई है, वहीं मौतों का आंकड़ा 50 हो गया है। वहीं राज्य में 14 अप्रैल के बाद भी नए नियमों के तहत लॉकडाउन जारी रहेगा। वहीं प्रदेश में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (मनरेगा) के तहत काम करने वाले श्रमिकों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए होम-मेड मास्क उपलब्ध कराए जाएंगे। ये मास्क महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा बनाए जा रहे हैं।
ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि मनरेगा के तहत रोजगार पाए श्रमिकों को कोविड-19 वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए होम-मेड मास्क उपलब्ध करने की सलाह भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा सभी राज्यों को दी गई है। अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि स्व-सहायता समूहों की महिला सदस्यों द्वारा निर्मित यह सामग्री मनरेगा के श्रमिकों के साथ-साथ शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के गरीब हितग्राहियों और छोटे किसानों को भी उपलब्ध कराई जा रही है।
इंदौर में सबसे ज्यादा 328 संक्रमित मरीज
स्वास्थ्य विभाग की सोमवार को जारी बुलेटिन के अनुसार, राज्य में कोरोना पीड़ितों की संख्या बीते 24 घंटों में 562 से बढ़कर 614 हो गई है। इंदौर में अब भी सबसे ज्यादा मरीज हैं और संख्या 328 हो गई है। भोपाल में 142, जबलपुर में 10, ग्वालियर में छह, उज्जैन में 24, मुरैना में 14, खरगोन में 17, बड़वानी में 14, छिंदवाड़ा में चार, विदिशा में 13, होशंगाबाद में 15, खंडवा में छह, देवास व रायसेन में चार-चार, शिवपुरी, धार, सतना श्योपुर में दो-दो और बैतूल, सागर, शाजापुर, मंदसौर, रतलाम व अन्य राज्यों से आए एक-एक मरीजों के नमूने पॉजिटिव पाए गए हैं।
इंदौर में सबसे ज्यादा 35 लोगों की मौत
स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार, एक तरफ जहां मरीजों की संख्या बढ़ी है, वहीं मौतों का आंकड़ा भी बढ़ा है। मौत का आंकड़ा 50 हो गया है। अब तक इंदौर में 35, उज्जैन में छह, भोपाल में चार, खरगोन में तीन और देवास व छिंदवाड़ा में एक-एक मौत हुई है। वहीं अब तक 51 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। इनमें सबसे ज्यादा इंदौर से 38 हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार बनाए जा रहे मास्क
उन्होंने कहा कि इसी कड़ी में राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में गठित महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा निर्मित होम-मेड मास्क मनरेगा श्रमिकों को मुहैया कराने का निर्णय लिया गया है। मास्क तैयार करने में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा निर्धारित मापदंडों का पालन भी सुनिश्चित कराया जा रहा है।
दो लाख 87 हजार स्व-सहायता समूह काम पर लगे
उन्होंने बताया कि प्रदेश में ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत दो लाख 87 हजार स्व-सहायता समूह कार्यरत हैं। इन समूहों की महिला सदस्यों को मास्क तैयार करने की सलाह दी गई है। इनके द्वारा निर्मित मास्क को होम-मेड मास्क नाम दिया गया है।
25 लाख 42 हजार से ज्यादा मास्क तैयार
प्रदेश के अधिकांश जिलों में समूहों की महिला सदस्यों ने मास्क बनाने का काम शुरू कर दिया है। अभी तक 1927 समूहों द्वारा 25 लाख 42 हजार से अधिक मास्क तैयार किए जा चुके हैं। इसके साथ ही, 26 हजार 431 लीटर सेनेटाइजर, 3866 पीपीई किट्स भी तैयार किए जा चुके हैं। इन समूहों द्वारा 52 हजार 246 हैंड-वाश साबुन का भी उत्पादन किया गया है।
Created On :   13 April 2020 11:27 PM IST
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