Corona Virus: कोरोना संक्रमित शवों का केंद्रीय दिशा-निर्देश से होगा अंतिम संस्कार, बरतनी होगी ये सावधानी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में नोवल कोरोनावायरस की संख्या लगातार बढ़ते ही जा रही है। इस खतरनाक संक्रमण से बचने हर कोई सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहा है। कोविड-19 के फैलने के डर से लोग अपने प्रियजन के अंतिम दर्शन और संस्कार से भी बच रहे हैं। हालांकि भारतीय संस्कृति में का अपमान पाप के समान है। ऐसे में यह जरूरी है कि कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के शव का कैसे दाह संस्कार या दफन करें।
जारी किया सर्कुलर:
इस मामलों पर पिछले सप्ताह मुंबई महानगरपालिका ने एक सर्कुलर जारी किया है। जिसके अनुसार कोरोना संक्रमित शव का नजदीकी श्मशान में बिना किसी अनुष्ठान के दाह संस्कार किया जाएगा। बाद में इसमें संशोधन कर बड़े कब्रगाहों में दफनाने की अनुमति भी दी गई।
संक्रमण फैलने का खतरा:
महानगरपालिका के आयुक्त के अनुसार सर्कुलर इसलिए जारी किया गया क्योंकि कब्रगाह घनी आबादी वाले क्षेत्र में स्थित है। इस कारण यहां आसपास के इलाकों में संक्रमण फैलने का खतरा है। उन्होंने बताया कि हिंदुजा अस्पताल में कोरोना संक्रमित एक जनरल की मौत हो गई। उनके परिजनों ने निकाल कर्मियों की गैर मौजूदगी में शव को दफना दिया। इस घटना के बाद चिंता है कि क्या शव को दफनाते समय सावधानी बरती गई थी।
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अंतिम क्रिया में न हो पांच से ज्यादा लोग:
सर्कुलर में कहा गया है कि कोरोना संक्रमित शवों के संस्कार बिजली या पाइप्ड प्राकृतिक गैस सुविधाओं वाले श्मशान में किया जाएं। वहीं अंतिम क्रिया में पांच से ज्यादा लोग नहीं होना चाहिए। वहीं मुंबई के केईएम हॉस्पिटल के फॉरेंसिक विभाग के प्रमुख डॉ. हरीश पठाक ने कहा कि शव का जल्द अंतिम संस्कार कर देना चाहिए। अगर इसे शवगृह में रखा गया है तो 4-6 डिग्री सेल्सियस तापमान में रखना चाहिए।
ये बरते सावधानी:
- शव को लीक प्रूफ प्लास्टिक बैग में पैक किया जाना चाहिए।
- शव को नहलाने या उसे किसी को लिपटने नहीं देना चाहिए।
- किसी को भी शव को छूना नहीं देना चाहिए।
- नोवल कोरोनावायरस रोगी के शव के पोस्टमार्टम से बचना चाहिए।
- नाक और मुंह को इस तरह बंद करना चाहिए की शरीर से कोई द्रव बाहर नहीं आए।
Created On :   9 April 2020 11:43 AM IST