अब दस नहीं सात दिन का ही होगा होम आइसोलेशन, इस बीमारी के मरीज भी घर में ही हो सकेंगे आइसोलेट

Central government issued new guidelines regarding home isolation
अब दस नहीं सात दिन का ही होगा होम आइसोलेशन, इस बीमारी के मरीज भी घर में ही हो सकेंगे आइसोलेट
होम आइसोलेश की नई गाइडलाइन्स अब दस नहीं सात दिन का ही होगा होम आइसोलेशन, इस बीमारी के मरीज भी घर में ही हो सकेंगे आइसोलेट
हाईलाइट
  • होम आइसोलेशन खत्म होने के बाद मरीज को दोबारा टेस्ट कराने की जरूरत भी नहीं है

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में कोरोना के मामले में वृद्धि होने के कारण और लॉकडाउन की आशंकाओं के बीच केंद्र सरकार ने बुधवार को  होम आइसोलेशन के हल्के और बिना लक्षण वाले कोरोना मरीजों के लिए रिवाइज्ड गाइडलाइंस जारी की हैं। 

स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि कोरोना महामारी के दौरान पिछले दो वर्षो में दुनिया के अलावा भारत में भी देखा गया है कि कोविड-19 के अधिकतर मामले बिना लक्षण और हल्के होते हैं। ऐसे मामले आमतौर पर न्यूनतम दखलअंदाजी, सही मेडिकल गाइडेंस और मॉनिटरिंग के तहत घर पर ही रिकवर हो जाते हैं। 

केंद्र सरकार ने अपनी नई गाइडलाइंस में कहा है कि कोरोना टेस्ट में पॉजिटिव आने के 7 दिन बाद और लगातार 3 दिन तक बुखार नहीं आने के बाद होम आइसोलेशन खत्म हो जाएगा और मरीज को डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। होम आइसोलेशन खत्म होने के बाद मरीज को दोबारा टेस्ट कराने की जरूरत भी नहीं है।

कौन से होते है Asymptomatic मामले?

जब कोई संक्रमित कोरोना के लक्षणों को महसूस नहीं कर रहा होता है, तो वह Asymptomatic केस की केटेगरी में आता है। ज्यादातर मामलों में इनका ऑक्सीजन लेवल 93% से ज्यादा होता है। 

होम आइसोलेशन कब संभव 

  •  उपचार करने वाले मेडिकल ऑफिसर द्वारा रोगी को क्लीनिकली रूप से माइल्ड / असिम्प्टोमैटिक मामले की पुष्टि होनी चाहिए
  •  ऐसे मामलों में सेल्फ आइसोलेशन और पारिवारिक संपर्कों को क्वारनटीन करने के लिए उनके घर पर उचित सुविधा होनी चाहिए
  •  मरीज देखभाल करने वाला कोई व्यक्ति जिसने अपना कोविड टीकाकरण पूरा कर लिया है वो ही 24 x7 आधार पर देखभाल करने के लिए उपलब्ध होना चाहिए
  •  60 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग रोगी और कॉर्बीडीटी वाले जैसे हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हृदय रोग, फेफड़ों की बीमारी / लिवर / गुर्दे की बीमारी, सेरेब्रोवास्कुलर रोग जैसे रोग वाले मरीज को उचित मूल्यांकन के बाद ही होम आइसोलेशन की इजाजत दी जाएगी
  •  एचआईवी, ट्रांसप्लांट प्राप्तकर्ता, कैंसर चिकित्सा जैसी बीमारी से पीड़ित मरीजों को घर में आइसोलेशन के लिए इजाजत नहीं है और इलाज करने वाले चिकित्सा अधिकारी द्वारा उचित मूल्यांकन के बाद ही उन्हें घर में आइसोलेशन की इजाजत दी जाएगी
  •  मरीज को घर के अन्य सदस्यों से खुद को अलग करना चाहिए, पहचाने गए कमरे में रहना चाहिए और घर के अन्य लोगों से दूर रहना चाहिए. विशेष रूप से बुजुर्गों और कॉर्बीडीटी वाले जैसे उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, गुर्दे की बीमारी जैसे से दूर रहना चाहिए
  •  मरीज को एक हवादार कमरे में रहना चाहिए और ताजी हवा अंदर आने देने के लिए खिड़कियां खुली रखनी चाहिए
  •  मरीज को हमेशा ट्रिपल लेयर मेडिकल मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए। अगर मास्क गीला हो जाता है या दिखने में गंदा हो जाता है तो उन्हें 8 घंटे के उपयोग के बाद या उससे पहले मास्क को हटा देना चाहिए
  •  देखभाल करने वाले के कमरे में प्रवेश करने की स्थिति में, देखभाल करने वाले और रोगी दोनों ही एन-95 मास्क का उपयोग कर सकते हैं
  •  मास्क को टुकड़ों में काटकर और कम से कम 72 घंटे के लिए पेपर बैग में डालकर फेंक देना चाहिए
  •  मरीज को आराम करना चाहिए और ढेर सारे तरल पदार्थ पीने चाहिए
  •  हर समय रेस्पिरेटरी एटीकेट्स का पालन करें
  •  कम से कम 40 सेकंड के लिए साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोना या अल्कोहल-बेस्ड सैनिटाइज़र से साफ करना.
  •  मरीज घर के अन्य लोगों के साथ बर्तन सहित व्यक्तिगत सामान साझा नहीं करेंगे
  •  कमरे में बार-बार छुई जाने वाली सतहों जैसे टेबलटॉप, डोर नॉब्स, हैंडल आदि की साबुन/डिटर्जेंट और पानी से सफाई सुनिश्चित करने की आवश्यकता है. मास्क और दस्ताने के उपयोग जैसी आवश्यक सावधानियों का पालन करते हुए या तो मरीज या देखभाल करने वाले द्वारा सफाई की जा सकती है
  •  रोगी के लिए पल्स ऑक्सीमीटर के साथ  ऑक्सीजन सेचुरेशन की सेल्फ मॉनिटरिंग की सलाह दी जाती है
  •  रोगी को रोजाना तापमान निगरानी के साथ अपने स्वास्थ्य की सेल्फ मॉनिटरिंग करनी चाहिए और किसी भी लक्षण के बिगड़ने पर तुरंत रिपोर्ट करना चाहिए। स्थिति को इलाज करने वाले चिकित्सा अधिकारी के साथ-साथ निगरानी टीमों / कंट्रोल रूम के साथ साझा किया जाएगा

हल्के/ बिना लक्षण वाले मरीजों का होम आइसोलेशन में इलाज

  • मरीजों को एक इलाज करने वाले चिकित्सा अधिकारी के साथ संवाद में होना चाहिए और किसी भी गिरावट के मामले में तुरंत रिपोर्ट करना चाहिए
  •  उपचार करने वाले चिकित्सा अधिकारी से परामर्श करने के बाद रोगी को अन्य बीमारी के लिए दवाएं जारी रखनी चाहिए
  •  रोगी जिला/राज्य द्वारा उपलब्ध कराए गए टेली-परामर्श प्लेटफॉर्म का उपयोग कर सकते हैं, ई-संजीवनी टेलीकंसल्टेशन प्लेटफॉर्म सहित प्रशासन यहां उपलब्ध है
  • मरीजों को आवश्यकतानुसार बुखार, बहती नाक और खांसी के लिए सिम्प्टोमैटिक मैनेजमेंट का पालन करना चाहिए
  •  रोगी गर्म पानी से गरारे कर सकते हैं या दिन में तीन बार भाप ले सकते हैं
  •  यदि दिन में चार बार टैब पैरासिटामोल 650 मिलीग्राम की अधिकतम डोज से बुखार नियंत्रित नहीं होता है, तो इलाज करने वाले डॉक्टर से परामर्श लें
  •  सेल्फ मेडिकेशन जैसे -दवा, ब्लड टेस्ट या छाती एक्स रे जैसी रेडियोलॉजिकल इमेजिंग के लिए जल्दबाजी न करें
  • या आपके इलाज करने वाले चिकित्सा अधिकारी के परामर्श के बिना छाती का सीटी स्कैन ना करें
  •  हल्के रोग में स्टेरॉयड का संकेत नहीं दिया जाता है और इसे खुद नहीं किया जाना चाहिए
  • स्टेरॉयड के अनुचित उपयोग से अतिरिक्त मुश्किलें हो सकती हैं
  •  संबंधित रोगी की स्थिति के अनुसार प्रत्येक रोगी के उपचार की व्यक्तिगत रूप से निगरानी की जानी चाहिए और इसलिए नुस्खे के सामान्य साझाकरण से बचा जाना चाहिए
  • ऑक्सीजन लेवल गिरने या सांस की तकलीफ के मामले में, व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती की जरूरत हो सकती है और अपने इलाज करने वाले चिकित्सा अधिकारी/निगरानी दल/कंट्रोल रूम से तुरंत सलाह लेनी चाहिए

इलाज कब शुरू करें

  • गाइडलाइंस के मुताबिक रोगी/केयरगिवर उनके स्वास्थ्य की निगरानी करते रहेंगे. गंभीर लक्षण या लक्षण डेवलप होने पर तत्काल चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए
  • इनमें अनसुलझे हाई लेवल फीवर शामिल हो सकते हैं यानी 3 दिनों से ज्यादा के लिए 100 डिग्री से ज्यादा बुखार हो तो
  •  सांस लेने में दिक्कत हो
  • ऑक्सीजन लेवल में कमी यानी SpO2 93% कमरे की हवा पर 1 घंटे के अंदर कम से कम 3 रीडिंग 
  • सीने में लगातार दर्द/दबाव,
  •  मानसिक भ्रम 
  •  गंभीर थकान 

होम आइसोलेशन कब बंद करें

  •  कम से कम 7 दिन पॉजिटिव टेस्ट और लगातार 3 दिनों तक बुखार नहीं होने के बाद आइसोलेशन समाप्त हो जाएगा और वो मास्क पहनना जारी रखेंगे
  •  होम आइसोलेशन की अवधि समाप्त होने के बाद फिर टेस्ट कराने की कोई जरूरत नहीं है

Created On :   5 Jan 2022 3:38 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story