रेड कैटेगरी यूनिट के खरीदार ने 50 लाख रुपये जुर्माना हटाने की अपील की

Buyer of red category unit appeals for removal of fine of Rs 50 lakh
रेड कैटेगरी यूनिट के खरीदार ने 50 लाख रुपये जुर्माना हटाने की अपील की
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल रेड कैटेगरी यूनिट के खरीदार ने 50 लाख रुपये जुर्माना हटाने की अपील की
हाईलाइट
  • एनजीटी अध्यक्ष आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने रेड कैटेगरी यूनिट की संपत्ति खरीदने वाले एक व्यक्ति की अपील पर सुनवाई करते हुए कहा कि उसे 50 लाख रुपये की पर्यावरणीय कीमत चुकानी पड़ेगी, लेकिन जब तक दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति मामले को सत्यापित करने की याचिका पर विचार नहीं करती, तब तक जुर्माना लागू नहीं किया जाएगा।

एनजीटी अध्यक्ष आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें अपीलकर्ता तारा देवी ने कहा कि उनके खिलाफ आदेश का पालन किया जा रहा है और इससे वह दुखी हैं।

याचिका के अनुसार, उसने संपत्ति के मालिक से 2009 में संपत्ति खरीदी थी, जहां वीनस डाइंग वर्क्‍स एक किरायेदार के रूप में काम कर रहा था। अपीलकर्ता द्वारा संपत्ति की खरीद के बाद इकाई ने काम करना बंद कर दिया। फिर भी, संपत्ति को अक्टूबर 2018 में सील कर दिया गया था।

24 फरवरी को पारित एनजीटी के आदेश में कहा गया है कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के 5 जुलाई, 2020 के आदेश के खिलाफ अपील दायर की गई है, जिसमें दिल्ली में वीनस डाइंग वर्क्‍स, हैदरपुर के खिलाफ 50 लाख रुपये का पर्यावरणीय मुआवजा लगाया गया है। आदेश में उल्लेख किया गया है कि इकाई गैर-अनुरूप क्षेत्र में रेड श्रेणी की गतिविधि में लगी हुई थी। कारण बताओ नोटिस जारी किया गया, लेकिन कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया।

एनजीटी के आदेश में कहा गया है, हमने इस मामले पर विचार किया है। जहां तक सीलिंग का संबंध है, एसडीएम के आदेश के खिलाफ ट्रिब्यूनल के समक्ष अपील सुनवाई योग्य नहीं है। हम उस पहलू पर विचार नहीं कर रहे हैं, बल्कि इस तरह के मामले पर एक उपयुक्त मंच के समक्ष विचार किया जा रहा है।

यहां तक कि मुआवजे के मुद्दे पर विचार नहीं किया जा सकता, क्योंकि अपीलकर्ता के खिलाफ कोई आदेश नहीं है। हालांकि, स्पष्टीकरण के माध्यम से अपीलकर्ता के खिलाफ आक्षेपित आदेश तब तक लागू नहीं किया जा सकता है, जब तक कि डीपीसीसी अपीलकर्ता के इस रुख को नहीं देखता कि उसे कथित कानून का उल्लंघन करने वाला - वीनस डाइंग वर्क्‍स से कोई सरोकार नहीं है, जिसके खिलाफ आक्षेपित आदेश पारित किया गया है।

तदनुसार, मामले का निस्तारण कर दिया गया है।

(आईएएनएस)

Created On :   26 Feb 2022 6:30 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story