Ban on Chines toys: एप्स पर बैन के बाद चीन को दो हजार करोड़ का झटका देने की तैयारी में मोदी सरकार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है। एलएसी पर चीनी सेना की बढ़ती गतिविधि को देखते हुए भारत ने भी अपनी ताकत बढ़ाई है। वहीं भारत सरकार चीन को लगातार आर्थिक स्तर पर भी चोट पहुंचाने का काम कर रही है। कई सारे चीनी एप्स पर पाबंदी लगाने के बाद अब भारत सरकार चीन को आर्थिक स्तर पर एक और बड़ा झटका देने की तैयारी में है। नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार अब चीन से आयात होने वाले खिलौनों पर शिकंजा कसने की योजना बना रही है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक देश में आयातित होने वाले खिलौनों में से 80 फीसदी खिलौने चीन से आते हैं। आंकड़ों के मुताबिक भारत में चीनी खिलौनों का करीब 2000 करोड़ रुपए का कारोबार होता है।
बच्चों के लिए असुरक्षित होते हैं चीन के खिलौने
सरकारी सूत्रों के अनुसार चीन खराब गुणवत्ता के खिलौने भारत भेजता है। चीनी खिलौने क्वालिटी कंट्रोल में भी फेल होते हैं। पिछले कुछ दिनों में चीनी खिलौनों की बारीकी से जांच की गई तो पता चला कि चीनी खिलौने भारतीय मापदंड में पूरी तरफ फेल हैं और वे बच्चों के लिए असुरक्षित साबित हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक चीनी खिलौनों में इस्तेमाल होने वाली प्लास्टिक और रंग नुकसानदेह होते हैं और छोटे बच्चों की सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके अलावा चीनी खिलौनों में इस्तेमाल होने वाले केमिकल भी बहुत हानिकारक होते हैं।
मिट्टी, लकड़ी के पारंपरिक खिलौनों को दिया जाएगा बढ़ावा
इन सबको देखते हुए सरकार पीएम नरेंद्र मोदी के "लोकल पर वोकल" अभियान के तहत देश में ही खिलौनों के निर्माण पर जोर दे रही है। शनिवार को इसे लेकर एक बैठक भी बुलाई गई थी जिसमें मिट्टी, लकड़ी के पारंपरिक खिलौनों के निर्माण पर जोर दिया गया। साथ ही रिमोट कंट्रोल से चलने वाले खिलौनों को लेकर भी चर्चाएं हुई।
29 जून को सरकार ने लगाया था 59 चीनी एप पर बैन
बता दें कि इससे पहले 29 जून को भारत में 59 चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। जिन एप्स पर प्रतिबंध लगाया गया है उनमें टिकटॉक, यूसी ब्राउजर, शेयर इट आदि एप्स शामिल हैं। इनके अलावा हैलो, लाइक, कैम स्कैनर, शीन क्वाई भी बैन कर दिया गया है। बायडू मैप, केवाई, डीयू बैटरी स्कैनर भी बैन हो गया है। सरकार ने इन चीनी एप्स पर आईटी एक्ट 2000 के तहत बैन लगाया था।
27 जुलाई को 47 अन्य एप्स पर भी लगाया था बैन
इसके बाद 27 जुलाई को केंद्र की मोदी सरकार ने 47 और चीनी एप पर प्रतिबंध लगा दिया था। जानकारी के मुताबिक बैन किए गए ज्यादातर एप पहले बैन की गईं एप की क्लोनिंग एप थे। ये 47 एप भी देश के डाटा प्रोटोकाल का उल्लंघन कर रही थीं और इन पर डाटा चोरी करने का भी आरोप लगाया गया था। ये एप यूजर्स की निजी और गोपनीय जानकारी को इस्तेमाल कर रहे थे और इन्होंने गोपनीयता कानून का उल्लंघन भी किया है, जिस वजह से इनके ऊपर केंद्र सरकार ने बैन लगा दिया गया।
Created On :   26 Aug 2020 1:36 AM IST