Birth Certificate Rule: जेल में पैदा हुए बच्चों के बर्थ सर्टिफिकेट में प्लेस की जगह क्या होता है दर्ज? जानें क्या कहता है भारतीय कानून?

- जेल में बंद कैदियों के बच्चे होते हैं जेल में
- बच्चों को माता पिता के अपराधों को नहीं मिलती है सजा
- बर्थ प्लेस पर लिखा होता है जेल की जगह हॉस्पिल का नाम
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मेरठ के सौरभ राजपूत हत्याकांड में आरोपी पत्नी मुस्कान रस्तोगी जेल में बंद है। मुस्कान के हेल्थ चेकअप में सामने आया है कि मुस्कान प्रेगनेंट हैं और जल्द ही मां बनने वाली हैं। मुस्कान के अलावा और भी कई सारी महिलाएं हैं जो जेल में बंद हैं और प्रेगनेंट हैं और कितनों ने बच्चों को जन्म दिया है। ऐसे में मन में सवाल ये आता है कि जेल में पैदा हुए बच्चों के बर्थ सर्टिफिकेट में प्लेस ऑफ बर्थ में जेल का नाम लिखा होता है या हॉस्पिटल का नाम लिखा होता है? तो चलिए जानते हैं कि भारतीय कानून में उन बच्चों का क्या कहना है।
बच्चों के क्या होते हैं अधिकार?
भारतीय कानून के मुताबिक, अगर बच्चा जेल में होता है या जेल के बाहर पैदा होता है तो भी उसके माता पिता के जुर्मों की सजा बच्चों को नहीं मिलनी चाहिए। ऐसे में जेल में पैदा हुए बच्चे को भी देश के हर बच्चों की तरह ही जीवन जीने से लेकर हर तरह के अधिकार मिलते हैं। उसके एक सामान्य बच्चों की तरह ही शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा जैसे अधिकार मिलते हैं। भारतीय कानून का कहना है कि, जेल में हुए बच्चों के विकास की जिम्मेदारी जेल के प्रशासन की ही होती है।
बर्थ सर्टिफिकेट में प्लेस ऑफ बर्थ में क्या होता?
जेल में पैदा हुए बच्चों के बर्थ सर्टिफिकेट पर जेल का नाम नहीं लिखा होता है। भारतीय कानून के मुताबिक, बच्चे के जन्म से लेकर उसके बड़े होने तक उस पर जेल का प्रभाव ना पड़े और भविष्य में भी उसको जेल के नाम से संबंधित कोई भी परेशानी का सामना भी ना करना पड़े। इसलिए जेल में प्रेगनेंट महिलाओं को डिलीवरी के दौरान जिला हॉस्पिटल में भर्ती करवाया जाता है और बच्चे के बर्थ सर्टिफिकेट में जेल का नहीं बल्कि उस हॉस्पिटल का नाम लिखा होता है।
Created On :   8 April 2025 6:42 PM IST