मिशन मून: चांद को मुट्ठी में करने के लिए विश्व की दो महाशक्ति भारत और रूस करीब, चंद्रयान-3 के बाद रूस ने लॉन्च किया 'लूना-25',देखें तस्वीरें
- चंद्रयान-3 के बाद लूना-25 लॉन्च
- चांद को फतह करने के लिए दुनिया का प्लान
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चांद को फतह करने के लिए दुनिया प्लान बना रही है। विश्व की दो महाशक्ति भारत और रूस ने इसी प्लान के तहत इतिहास रचने जा रहे हैं। भारत जहां चंद्रयान-3 के तहत तो वहीं रूस लूना-25 द्वारा चांद को मुट्ठी में करने के लिए मिशन मून स्पेसक्राफ्ट ( 11 अगस्त) लॉन्च कर दिया है। रूस ने अपने मिशन का नाम 'लूना-25' दिया है। यह भारत द्वारा लॉन्च किए गए चंद्रयान-3 से पहले चांद की सतह पर लैंड करेगा।
मिशन मून अगस्त में करेगा लैंड
जानकारी के मुताबिक, रूस का मिशन लूना-25 इसी महीने के 21 तारीख को चांद की सतह छू सकता है। जबकि भारत का मिशन चंद्रयान-3 इसके दो दिन बाद यानी 23 अगस्त को चांद की धरती पर भारत का झंडा फहरा सकता है।
भारत-रूस के एयरक्राफ्ट में कितनी दूरी?
भारत का चंद्रयान-3 के लैंडिंग की लोकेशन 69.63 दक्षिण, 32.32 पूर्व है। जबिक रूसी मिशन लूना-25 स्पेसक्राफ्ट, 69.5 दक्षिण 43.5 पूर्व में लैंड करने वाला है। कहा जा रहा है कि चंद्रयान-3 और रूसी मिशन लूना-25 की बीच की दूरी ज्यादा नहीं होगी।
118 किमी की दूरी पर रहेगा दोनों देशों का मिशन
चांद को मुट्ठी में करने वाले दोनों देशों के मून स्पेसक्राफ्ट चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेंगे। भारत का चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर के मलबे का सही पता लगाने वाले शख्स शनमुगा सुब्रमण्यन ने बताया कि, चांद पर भारत का चंद्रयान-3 और रूस का लूना-25 की बीच की दूरी महज 118 किमी होने वाली है।
लूना-25 के अपेक्षा में चंद्रयान-3 कम खर्चीला
भारत का चंद्रयान-3, रूस के लूना-25 से काफी लंबा दूरी तय करते हुए चांद की ओर बढ़ रहा है। जानकारी के मुताबिक, रूस का लूना-25 भारत के स्पेसक्राफ्ट से अधिक शक्तिशाली और बड़ा है। जिसकी वजह से तेजी से दूरी तय कर रहा है। बात करें भारत का चंद्रयान-3 की तो यह बहुत ही कम खर्चे में बनाया गया है। साथ ही रॉकेट छोटा है। जिसकी वजह से रूस का लूना-25 की तरह तेज गति से दूरी तय नहीं कर पा रहा है।
लूना-25 की वजह से भारत के मिशन में कोई बाधा नहीं- रूसी स्पेस
स्पेश वैज्ञानिकों के मुताबिक, दोनों देशों के मून स्पेसक्राफ्ट की लैंडिंग का समय लगभग एक ही है। जिसकी वजह से भारत-रूस ने अलग-अलग जगहों पर अपने मिशन को उतराने की योजना बनाई है। रूस की स्पेस एजेंसी ने कहा है कि, भारत के चंद्रयान-3 में किसी तरह का रुकावट लूना-25 की ओर से नहीं आएगी।
एक साल तक 'लूना-25' चांद पर करेगा रिसर्च
भारत और रूस दोनों के मिशन के पास रोवर और लैंडर है। 'चंद्रयान-3' चांद पर 14 दिन तक काम करेगा। जबिक रूस का लूना-25 करीब एक साल तक रिसर्च करेगा और वहां के वातावरण को जानने की कोशिश करेगा। साथ ही ये चांद की मिट्टी के नमूने लेने और उनका विश्लेषण करने का भी काम भी करेगा।
Created On :   12 Aug 2023 1:18 PM IST