बाबा नहीं तो गाड़ी सही!: हाथरस मामले में 6 आरोपियों की हुई गिरफ्तारी, आश्रम में बाबा नहीं मिले तो एसआईटी उठा ले गई दो लग्जरी गाड़ी
- हाथरस मामले में छह आरोपी को किया गया गिरफ्तार
- पूछताछ के लिए भोले बाबा की भी तालाशी जारी
- एसआईटी टीम ने सीएम योगी को सौंपी जानकारी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा सत्संग के दौरान भगदड़ मचने से 121 लोगों ने अपनी जाने गंवा दी। जिसका मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर को बताया जा रहा है। इस शख्स ने ही सत्संग कथा का आयोजन किया था। एजेंसियों ने आरोपी को पकड़ने के लिए पड़ोसी राज्यों राजस्थान और हरियाणा में छापेमारी शुरू कर दी है। साथ ही, कथावाचक सूरजपाल जाटव उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ 'भोले बाबा' के मैनपूरी में बने आश्रम पर प्रशासन के निर्देश पर बनी एसआईटी टीम पहुंची थी। छापेमारी के दौरान आश्रम में खड़ी दो लग्जरी गाड़ी को पुलिस अपने साथ ले गई। वहीं, वरिष्ठ अधिकारी न्यूज एजेंसी (पीटीआई-भाषा) से कहा कि तमाम एजेंसियां पूछताछ के लिए भोले बाबा की भी तलाश कर रही हैं।
भगदड़ से 121 लोगों की गई जान
बता दें, उत्तर प्रदेश के हाथरस के फुलराई गांव में 2 जूलाई को भोले बाबा के सत्संग के बाद भगदड़ मची थी। जिसमें 121 लोगों ने अपनी जाने गंवा दी थी। मरने वालों में सबसे ज्यादा महिला है। लेकिन इस हादसे के बाद मुख्य आरोपी के तौर देवप्रकाश मधुकर का नाम दर्ज किया गया है और वहीं भोले बाबा का नाम दर्ज नहीं किया गया है। यह एफआईआर हाथरस के सिकंदराराऊ पुलिस थाने में दर्ज की गई है। इस मामले में मधुकर के अलावा कई अज्ञात आयोजनकर्ता का नाम भी शामिल किया गया है। इस हादसे के 6 आरोपियों को अब तक गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं, नारायण साकार हरि को अभी पुलिस गिरफ्तार करने में विफल रही है। अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से बात करते हुए कहा कि अभी तक किसी को भी क्लीनचिट नहीं दी गई है। जांच जारी है। सरकारी एजेंसियां फरार आरोपी की तालाशी कर रही है। पूछताछ के लिए भोले बाबा की भी तालाशी जारी है।
अधिकारी ने कहा कि जांच टीम पश्चिमी और पूर्वी यूपी के कुछ जिलों में छापेमारी की है। लेकिन पुलिस को अभी कोई ठोस सबूत हाथ नहीं लगा है। शासन की टीम राजस्थान और हरियाणा जैसे राज्यों में भी तलाशी अभियान चला रही है। इस भयानक हादसे में हुए अभी तक की जांच रिपोर्ट गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) की टीम ने सीएम योगी आदित्यानाथ को सौंप दी है। इसके अलावा पुलिस महानिदेशक (आगरा जोन) अनुपम कुलश्रेठ ने भी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है।
कौन-कौन सी धारा आरोपी पर लगी?
अधिकारियों की रिपोर्ट के अनुसार, गोपनीय रिपोर्ट में हाथरस के जिलाधिकारी आशीष कुमार, पुलिस अधीक्षक निपुण अग्रवाल और स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के बयान भी शामिल हैं। जिन्होंने भगदड़ मचने के कारण पैदा हुई आपातकालीन स्थिति को देखा है। पुलिस ने इस मामले को भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या), धारा 110 (गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास), धारा 126(2) (गलत तरीके से रोकना),धारा 223 ( लोक सेवक द्वारा जारी की अवज्ञा) और धारा 228 ( साक्षों को मिटाना) के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
हाथरस के दर्दनाक हादसे की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत न्यायाधीश की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक आयोजन किया था। ताकि पता लग सके कि इस घटना के पीछे कोई साजिश तो नहीं थी।
Created On :   5 July 2024 1:33 PM GMT