यूक्रेन की सबसे बड़ी नदी का बांध टूटने से पूरे यूरोप पर मंडराया जानलेवा खतरा! रूस के ताजा अटैक के बाद जेलेंस्की का रिएक्शन

यूक्रेन की सबसे बड़ी नदी का बांध टूटने से पूरे यूरोप पर मंडराया जानलेवा खतरा! रूस के ताजा अटैक के बाद जेलेंस्की का रिएक्शन
  • नाइपर नदी पर बना है काखोवका बांध
  • यूक्रेन ने रूस पर लगाया बांध को तोड़ने का आरोप
  • जेलेंस्की ने बुलाई आपात बैठक

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लगभग डेढ़ साल से चल रही रूस और यूक्रेन की जंग खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। इस बीच यूक्रेन ने रूस पर उसके सबसे बड़े बांध काखोवका पर हमला करने का आरोप लगाया है। यूक्रेन का कहना है कि इस बांध के टूटने से देश के 80 इलाकों के जलमग्न होने का खतरा बढ़ गया है। इसके अलावा इसके चलते उसके न्यूक्लियर पॉवर प्लांट को भी नुकसान पहुंच सकता है। ऐसा हुआ तो न सिर्फ यूक्रेन बल्कि पूरे यूरोप पर बड़ा खतरा मंडरा सकता है। यूक्रेन के रक्षा मंत्री ने बताया कि रूस ने यूक्रेन के दक्षिणी भाग में नाइपर नदी पर बने काखोवका बांध पर अटैक कर दिया है जिससे बांध का एक हिस्सा टूट गया है। रक्षा मंत्री के मुताबिक बांध से निकले पानी से इसके आसपास स्थित गांवों में पानी घुसना शुरू हो गया है। बाढ़ के खतरे को देखते हुए यहां रहने वाले लोगों को दूसरे स्थान पर शिफ्ट किया जा रहा है।

80 इलाकों पर मंडराया बाढ़ का खतरा

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बांध पर हमले के बाद पानी बहकर आबादी वाले इलाके की तरफ बढ़ रहा है। बाढ़ के डर से इसके आसपास के गांवों को खाली कराया जा रहा है और खेरसान शहर को अलर्ट पर रखा गया है। एजेंसी के मुताबिक बांध के पानी से 80 इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।

यूक्रेन के गृह मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि यदि डैम पूरी तरह से टूटता है तो इससे 18 लाख क्यूबिक पानी निकलेगा। जिससे खेरसान समेत आसपास के कई इलाकों में पानी भर जाएगा। यह एक बड़ा नुकसान होगा। कई लोगों को अपना घरबार छोड़ने पर मजबूर होना पड़ेगा। मंत्रालय के मुताबिक अगर ऐसा होता है तो यह हमपर परमाणु हमले जैसा ही होगा। गौरतलब है कि काखोवका बांध से ही क्रीमिया और जपोरीजिया न्यूक्लियर प्लांट में पानी की आपूर्ति की जाती है।

राष्ट्रपति जेलेंस्की ने बुलाई आपात बैठक

बांध पर हमले के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने आपात बैठक बुलाई है। इस मीटिंग में बांध टूटने के बाद के मौजूदा हालातों का जायजा लिया जाएगा। वहीं बांध के आस-पास के गांव में रहने वाले लोगों के लिए आने वाले 5 घंटे काफी अहम बताए जा रहे हैं। बता दे कि रूस के कब्जे वाले इलाके में स्थित इस बांध पर हमले को लेकर रूसी सेना ने यूक्रेनी सेना पर आरोप लगाया है। रूसी सेना का कहना है कि यूक्रेन ने खुद इस बांध पर हमला किया है। इससे पहले भी दोनों देश इस बांध पर हमले को लेकर एक दूसरे पर आरोप लगाते रहे हैं। पिछले साल अक्टूबर में राष्ट्रपति जेलेंस्की ने रूस के ऊपर बांध पर अटैक करने का आरोप लगाया था।

बता दें कि यूक्रेन में नाइपर नदी पर बना काखोवका बांध सोवियत संघ के शासन के दौरान साल 1956 में बनाया गया था। बांध 30 मीटर लंबा यह बांध 3.2 किलोमीटर इलाके में फैला हुआ है।

Created On :   6 Jun 2023 4:12 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story