पीएम मोदी का पोलैंड दौरा: 'समस्या का समाधान रणभूमि में नहीं...', यूक्रेन और पश्चिम एशिया में चल रहे संघर्ष पर PM MODI ने जाहिर की चिंता

समस्या का समाधान रणभूमि में नहीं..., यूक्रेन और पश्चिम एशिया में चल रहे संघर्ष पर PM MODI ने जाहिर की चिंता
  • युद्ध पर पीएम मोदी ने जाहिर की चिंता
  • पोलैंड दौरे पर हैं पीएम
  • भारत और पोलैंड के रिश्तों पर की बात

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो देशों की यात्रा पर विदेश में हैं। अपनी यात्रा के पहले चरण में पीएम मोदी पोलैंड गए हैं। इस दौरान उन्होंने पोलैंड के वारसॉ में कहा, "आप लंबे समय से भारत के अच्छे मित्र रहे हैं। भारत और पोलैंड की मित्रता को मजबूत करने में आपका बहुत बड़ा योगदान है। आज का दिन भारत और पोलैंड के संबंधों में विशेष महत्व रखता है। आज 45 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने पोलैंड का दौरा किया है। मेरे तीसरे कार्यकाल की शुरूआत में ही मुझे ये सौभाग्य मिला है। इस अवसर पर मैं पोलैंड की सरकार और यहां के लोगों का विशेष आभार व्यक्त करता हूं। 2022 में यूक्रेन संकट के दौरान फंसे हुए भारतीय छात्रों को निकालने के लिए आपने जो उदारता दिखाई, उसे हम भारतवासी कभी नहीं भूल सकते हैं।"

युद्ध पर चिंता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "जनवरी 2025 में पोलैंड यूरोपियन यूनियन की अध्यक्षता संभालेगा। मुझे विश्वास है कि आपके सहयोग से भारत और EU के संबंधों को बल मिलेगा। यूक्रेन और पश्चिम एशिया में चल रहा संघर्ष हम सभी के लिए गहरी चिंता का विषय है। भारत का ये दृढ़ विश्वास है कि किसी भी समस्या का समाधान रणभूमि में नहीं हो सकता। किसी भी संकट में मासूम लोगों की जान की हानि संपूर्ण मानवता के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। हम शांति और स्थिरता की जल्द से जल्द बहाली के लिए संवाद और कूटनीति का समर्थन करते हैं।"

भारत और पोलैंड के रिश्तों पर की बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "इस वर्ष हम अपने राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। इस अवसर पर हमने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी में परिवर्तित करने का निर्णय लिया है। भारत और पोलैंड के संबंध लोकतंत्र और कानून के शासन जैसे साझा मूल्यों पर आधारित हैं।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "भारत और पोलैंड अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी करीबी तालमेल के साथ आगे बढ़ रहे हैं। हम दोनों सहमत हैं कि वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ तथा अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में रिफॉर्म वर्तमान समय की मांग है।"

Created On :   22 Aug 2024 4:33 PM IST

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