USCIRF का बड़ा आरोप: अमेरिकी आयोग ने क्यों की RAW को बैन करने की सिफारिश? भारत के खिलाफ गंभीर आरोपों की बौछार, USCIRF का दावा पड़ेगा सरकार पर भारी?

अमेरिकी आयोग ने क्यों की RAW को बैन करने की सिफारिश? भारत के खिलाफ गंभीर आरोपों की बौछार, USCIRF का दावा पड़ेगा सरकार पर भारी?
  • USCIRF के भारत पर बड़े आरोप
  • रिपोर्ट में RAW को लेकर बड़ा दावा
  • वियतनाम की कम्युनिस्ट सरकार से की भारत की तुलना

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। धार्मिक आजादी पर काम करने वाली अमेरिकी संस्था यूएस कमिशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम (USCIRF) ने एक बार फिर भारत के खिलाफ टिप्पणी की। USCIRF ने अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि भारत में अल्पसंख्यक समुदायों के साथ अच्छा बर्ताव नहीं किया जाता है। इसमें मुस्लिम और ईसाई समुदायों शामिल हैं जिनके खिलाफ भेदभाव होता है। इसके अलावा रिपोर्ट में भारत की जासूसी एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) को लेकर भी जहर उगला है। USCIRF का गंभीर आरोप है कि खालिस्तनी आलगाववादियों की हत्या के पीछे RAW का भी हाथ है।

RAW पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश

USCIRF ने भारत के खिलाफ न केवल गंभीर आरोपों की बौछार की है बल्कि RAW को बैन करने की सिफारिश की है। रिपोर्ट में भारत की तुलना वियतनाम की कम्युनिस्ट सरकार से की गई है। इसके अलावा यह भी दावा किया गया है कि साल 2024 से भारत के अल्पसंख्यकों पर अत्याचार बढ़ गया है। USCIRF का आरोप है कि भारत में कानून का ठीक तरह से पालन नहीं किया जा रहा ताकि धार्मिक अल्पसंख्यकों और पत्रकारों को निशाना बनाया जा सके।

USCIRF के आरोप के बाद क्या हो सकता है?

USCIRF के लगाए गए आरोपों का असर भारत में देखने को मिल सकता है। विपक्ष, अमेरिकी संस्था की रिपोर्ट का सहारा लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर हो सकती है। इसके अलावा USCIRF को भी सवालों से घेरा जा सकता है। अमेरिका में अल्पसंख्यकों और प्रवासियों के अधिकारों को तवज्जो न दिए जाने को लेकर भी सवाल खड़े किए जा सकते हैं। मालूम हो कि, यूएस का इतिहास माइनॉरिटी के अधिकारों के उल्लंघन का रहा है। USCIRF ने जो कीचड़ भारत पर उछाला है उसके छीटे खुद अमेरिकी आयोग पर आ सकते हैं।

RAW क्या है?

रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) की स्थापना साल 1968 में की गई थी। यह विदेशों में खुफिया जानकारी भी जुटाती है ताकि भारत की सुरक्षा को किसी भी प्रकार का खतरा न हो। RAW का काम आतंकवाद के साथ-साथ बाहर से आने वाले खतरों पर नजर रखना भी है। भारत के पड़ोसी देश जैसे कि चीन और पाकिस्तान सहित अन्य देशों पर भी नजर बनाए रखती है और जानकारी इकट्ठा करती है। इसी एजेंसी पर USCIRF ने गंभीर आरोप लगया है और बैन करने की भी मांग की है।

Created On :   26 March 2025 3:17 PM IST

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