दक्षिण चीन सागर में US के विमानवाहक पोत की गश्त, बढ़ सकता है तनाव
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- अमेरिका और चीन के बीच चल रहे ट्रेड वॉर के बीच अब दक्षिण चीन सागर को लेकर भी तनाव बढ़ता दिख रहा है।
- अमेरिका ने विवादित दक्षिण चीन सागर के गश्त को चीन के लिए खुली चुनौती माना जा रहा है।
- मंगलवार को 20 F-18 लड़ाकू विमानों ने 20 मिनट के अंतराल में उड़ान भरी और अमेरिका के शक्तिशाली विमानवाहक पोत यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट पर उतरे।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका और चीन के बीच चल रहे ट्रेड वॉर के बीच अब दक्षिण चीन सागर को लेकर भी तनाव बढ़ता दिख रहा है। दरअसल अमेरिका ने चीन की नाक के नीचे अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन किया है। अमेरिका ने विवादित दक्षिण चीन सागर में गश्त को चीन के लिए खुली चुनौती माना जा रहा है। हालांकि अमेरिकी सेना ने इसे नियमित प्रशिक्षण बताया है। बता दें कि समूचे दक्षिण चीन सागर क्षेत्र पर चीन अपना दावा जताता है।
20 F-18 लड़ाकू विमानों ने भरी उड़ान
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मंगलवार को 20 F-18 लड़ाकू विमानों ने 20 मिनट के अंतराल में उड़ान भरी और अमेरिका के शक्तिशाली विमानवाहक पोत यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट पर उतरे। अमेरिका के इस जंगी जहाज के नेतृत्व में एक कैरियर स्ट्राइक ग्रुप ने दक्षिण चीन सागर में गश्त की है। आपको बता दें कि सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इस क्षेत्र में नेवल पट्रोल करने वाला अमेरिका अकेला देश नहीं है, यहां चीन, जापान और कुछ दक्षिणपूर्व एशियाई देशों की नौसेनाएं भी गश्त करती रहती हैं। हालांकि चीन इसका विरोध करता रहा है।
समूचा क्षेत्र चीन का नहीं
विमानवाहक पोत पर स्ट्राइक ग्रुप कमांडर रीयर ऐडमिरल स्टीव कॉलर ने कहा, "हमने अपने आसपास चीन के कई जहाज देखे हैं।" उन्होंने कहा, "वे उन नौसेनाओं में से एक हैं, जो दक्षिण चीन सागर में गश्त करते हैं लेकिन मैं आपको बता देना चाहता हूं कि हमने जिन जहाजों को देखा है उस पर पेशेवर काम ही हो रहे थे।" "उनके (चीन) पास निश्चित रूप से अपने तटीय क्षेत्रों को लेकर अधिकार हैं जैसे हमारे पास हैं लेकिन समूचा क्षेत्र उनका नहीं है।" अमेरिकी युद्धपोत पर मौजूद फिलिपींस के सेना प्रमुख रोलांडो बातिस्ता ने कहा, "यह अमेरिकी फोर्सेज की ताकत को दिखाता है।"
क्षेत्र बदल सकता है जंग के मैदान में
यहां हम आपको बता दें कि अमेरिकी युद्धपोत ऐसे समय में दक्षिण चीन सागर में पहुंचा है जब कुछ दिनों पहले ही क्षेत्र में चीन की एयरफोर्स और नेवी ने बड़े पैमाने पर अभ्यास किया था। आशंका जताई जा रही है कि अमेरिकी जहाजों के बार-बार दक्षिण चीन सागर में आने से यह क्षेत्र जंग का मैदान भी बन सकता है। चीन अपने तटीय क्षेत्रों के आसपास अमेरिकी सैन्य ऑपरेशंस को लेकर कड़ी आपत्ति जताता रहा है।
Created On :   10 April 2018 10:58 PM IST