पाकिस्तान की खस्ताहाल हो चुकी अर्थव्यवस्था को दोबारा पटरी पर लाने के लिए कट्टरपंथी नेता ने दिया अजीब सुझाव, कहा - एक हाथ में कुरान और दूसरे में एटम बम लो, फिर देखो कौन पैसे नहीं देता
- वीडियो में मौलाना ने स्वीडन का जिक्र वहां कुरान जलाए जाने की घटना के चलते किया है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान में आर्थिक हालात दिन-ब-दिन खराब होते जा रहे हैं। विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खत्म होने की कगार पर है वहीं विदेशी कर्ज बढ़कर 131 अरब डॉलर के करीब पहुंच चुका है। देश की मौजूदा हालत को सुधारने के लिए पीएम शहबाज शरीफ कई देशों से आर्थिक सहायता मांग रहे हैं लेकिन उन्हें इन देशों से उतनी सहायता नहीं मिल पा रही है जिससे वो मुल्क को दिवालिया होने के खतरे से निकाल सकें। इस बीच देश को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए वहां के एक नेता ने पाकिस्तानी सरकार को अजीब सुझाव दिया है। दरअसल पाकिस्तान के जिहादी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक के नेता मौलाना साद रिजवी ने कहा है कि एक हाथ में कुरान लो और दूसरे हाथ में एटम बम लो फिर देखते हैं कौन सा देश या संस्था पैसे देने से मना करती है। उनका ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
वीडियो लाहौर में आयोजित एक मार्च के दौरान का बताया जा रहा है। इस वीडियो में मौलाना पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ की सरकार से दुनिया को एटम बम के जरिए धमकाकर उनसे सहायता लेने की बात करता हुआ नजर आ रहा है। वीडियो में वो कहता है, "सरकार दुनिया में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, कैबिनेट मंत्री और चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ को भेज कर भीख मांग रही है। कोई देश मदद करता है और कोई नहीं करता और कोई देश अपनी शर्तें मनवाता है।"
कट्टरपंथी नेता मौलाना साद वीडियो में आगे कहता है कि "सरकार कहती है कि मुल्क की अर्थव्यवस्था खतरे में है और हम मुल्क की इकोनॉमी बचाने के लिए विदेश जा रहे हैं। पाकिस्तान के कैबिनेट मंत्री बाहर निकलें, एक हाथ में कुरान और दूसरे हाथ में एटम बम का सूटकेस उठाएं और पूरी कैबिनेट को स्वीडन ले जाएं। वहां जाकर कहो कि हम कुरान की हिफाजत के लिए आए हैं तो पूरी कायनात तुम्हारे कदमों में आ जाएगी।"
वीडियो में मौलाना ने स्वीडन का जिक्र वहां कुरान जलाए जाने की हालिया घटना के चलते किया है। बता दें कि कुछ समय से स्वीडन में रासमस पलूदान नाम का एक दक्षिणपंथी शख्स हर शुक्रवार को कुरान जला रहा है। उसके इस कृत्य की निंदा दुनिया के तमाम इस्लामिक देश कर चुके हैं।
कौन हैं मौलाना?
गौरतलब है कि मौलाना साद रिजवी तहरीक ए लब्बैक पाकिस्तान पार्टी का प्रेसिडेंट है। उसने अपने पिता खादिम हुसैन के आकस्मिक निधन के बाद यह पद संभाला था। पार्टी का सर्वेसर्वा बनने के बाद मौलाना पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून को न खत्म करने के लिए सरकार पर दबाव बनाने लगा। इसके अलावा उसने फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद का कार्टून बनाने के खिलाफ पूरे देश में प्रदर्शन भी किया था। इस विरोध प्रदर्शन में उसके साथ लाखों की संख्या में लोग जुड़े। उसने पाकिस्तानी सरकार से फ्रांस के सामान का बहिष्कार करने और वहां के राजदूत को देश से बाहर निकालने की मांग की थी। पिछले साल जून में हुए उपचुनाव के दौरान मौलाना साद रिजवी पर कराची में फायरिंग भी हुई थी।
Created On :   4 Feb 2023 6:43 PM IST