रूस ने लॉन्च किया दुनिया का सबसे बड़ा न्यूक्लियर पावर्ड आइसब्रेकर
डिजिटस डेस्क, मॉस्को। रूस ने शनिवार को दुनिया का सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा संचालित आइसब्रेकर लॉन्च किया। ये आइसब्रेकर उत्तरी समुद्री मार्ग में रूस के लिए कमर्शियल ऑपरट्यूनिटी खोलेगा। आइसब्रेकर "यूराल" के औपचारिक लॉन्च के साथ, रूस के रोसाटॉम एटॉमिक एनर्जी कॉर्पोरेशन ने उत्तरी समुद्री मार्ग में पूरे साल नौ-परिवहन सुनिश्चित करने की दिशा में एक और कदम पूरा किया है। बता दें कि रोसाटॉम एटॉमिक एनर्जी कॉर्पोरेशन भारत के कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र के लिए मुख्य उपकरण आपूर्तिकर्ता है।
रोसाटॉम के एक बयान में कहा गया है कि "यूराल" उन तीन जहाजों में से एक है जो पूरा होने पर दुनिया में सबसे बड़ा और सबसे शक्तिशाली आइसब्रेकर होगा। अप्रैल में, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि रूस अपने आर्कटिक कोस्ट के साथ फ्रीट ट्राफिक को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आइसब्रेकर्स का निर्माण कर रहा है। यह कदम हाई नॉर्थ में रूस के हैंड को मजबूत करेगा क्योंकि यह पारंपरिक प्रतिद्वंद्वियों यूएस, चीन, कनाडा और नॉर्वे के साथ प्रतिस्पर्धा करता है। आर्कटिक में तेल और गैस का भंडार है जो 412 बिलियन बैरल तेल के बराबर है। यह दुनिया के अनडिस्कवर्ड तेल और गैस का लगभग 22% है।
173 मीटर लंबे यूराल का बोर्ड दो अत्यधिक कुशल और कॉम्पैक्ट RITM-200 परमाणु रिएक्टर से लैस है। ये आइसब्रेकर जहाज तीन मीटर मोटी बर्फ को तोड़ने में सक्षम है। RITM-200 टाईप का रिएक्टर यूराल के साथ-साथ सिस्टर वेसल "अर्कटिक" और "सिबिर" पर वर्ल्ड डेब्यू होगा, इससे पहले की रोसाटॉम तैरते परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में इसे डिप्लॉय करें।
औपचारिक लॉन्च पर, रोसाटॉम के महानिदेशक एलेक्सी लीखचेव ने कहा, "यूरल और सिस्टर वेसल्स उत्तरी समुद्री मार्ग (एनएसआर) को पूरे वर्ष की गतिविधि के लिए खोलने की हमारी रणनीतिक परियोजना का सेंटर हैं। 2024 के लिए हमारा लक्ष्य 80 मिलियन मीट्रिक टन से अधिक शिपमेंट को एनएसआर से पास करना है। हम 2027 तक अपने परमाणु आइसब्रेकर बेड़े में दो और प्रोजेक्ट 22220 जहाजों को जोड़ने की योजना बना रहे हैं। इन आइसब्रेकर्स के निर्माण के अनुबंध पर इस अगस्त के अंत तक हस्ताक्षर होने की उम्मीद है।"
यूराल के साथ प्रोजेक्ट 22220 वेसल की एक और अनूठी विशेषता है, इसका दोहरा ड्रॉट डिजाइन। इस स्मार्ट डिजाइन समाधान के साथ, रोसाटॉम एक की कीमत के लिए दो प्रकार के आइस-ब्रेकर प्राप्त कर रहा है। इसमें सैकड़ों मिलियन डॉलर की संभावित बचत होगी।
Created On :   27 May 2019 1:21 AM IST