UNGA में पीएम मोदी का भाषण, कहा- भारत ने दुनिया को युद्ध नहीं बुद्ध दिया
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संयुक्त राष्ट्र जनरल असेंबली (UNGA) में कुछ ही देर में भाषण देंगे
- पीएम मोदी के अलावा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का भाषण होगा
- सभी देशों के नेताओं को भाषण के लिए 15 मिनट का समय निर्धारित किया गया है
डिजिटल डेस्क, न्यूयॉर्क। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र जनरल असेंबली (UNGA) में भाषण दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। आतंक के खिलाफ पूरे विश्व को एकजुट होना जरूरी है। उन्होंने कहा, भारत ने दुनिया को युद्ध नहीं बुद्ध दिया। बता दें कि कार्यक्रम में शामिल होने वाले सभी देशों के नेताओं को भाषण के लिए 15 मिनट का समय निर्धारित किया गया है। पीएम मोदी के अलावा दसवें नंबर पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का भाषण होगा।
पीएम मोदी ने कहा, "यूएन पीसकीपिंग मिशन्स में सबसे बड़ा बलिदान अगर किसी देश ने दिया है, तो वो भारत है। हम उस देश के वासी हैं जिसने दुनिया को युद्ध नहीं बुद्ध दिए हैं, शांति का संदेश दिया है। इसलिए हमारी आवाज में आतंक के खिलाफ दुनिया को सतर्क करने की गंभीरता भी है और आक्रोश भी।
पीएम ने कहा, "आतंक के नाम पर बंटी हुई दुनिया, उन सिद्धांतों को ठेस पहुंचाती है, जिनके आधार पर यूएन का जन्म हुआ है। इसलिए मानवता की खातिर, आतंक के खिलाफ पूरे विश्व का एकमत होना, एकजुट होना मैं अनिवार्य समझता हूं।"
#WATCH New York, US: Prime Minister Narendra Modi at the #UNGA says, "Hum uss desh ke vaasi hain jisne dunia ko yuddh nahi Buddh diye hain, shanti ka sandesh diya hai." pic.twitter.com/K1TNfRD5nX
— ANI (@ANI) September 27, 2019
Live:
- पीएम मोदी ने कहा, "भारत में मिले जनादेश के बाद ही दोबारा यहां आया हूं।"
- संयुक्त राष्ट्र महासभा के 14वें सत्र को 130 करोड़ भारतीयों की तरफ से संबोधित करना, मेरे लिए गौरव का अवसर है
- विकाशशील देश जब 5 साल में 11 करोड़ से ज्यादा शौचालय बनाकर अपने देशवासियों को देता है तो ये पूरी दुनिया को प्रेरणा देता है।
- भारत में दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ योजना आयुष्मान चलाई जा रही है. इसके तहत हर साल 50 लाख लोगों को पांच लाख रुपये तक मुफ्त चिकित्सा की सुविधा दी जा रही है।
- सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने के लिए हम बड़ा अभियान चला रहे हैं। अगले 5 वर्षों में हम जल संरक्षण को बढ़ावा देने के साथ ही 15 करोड़ घरों को पानी की सप्लाई से जोड़ने वाले हैं।
- 2022 में जब भारत अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष का पर्व मनाएगा, तब तक हम गरीबों के लिए 2 करोड़ और घरों का निर्माण करने वाले हैं।
- 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने का काम कर रहे हैं।
- भारत, हजारों वर्ष पुरानी एक महान संस्कृति है, जिसकी अपनी जीवंत परंपराएं हैं, जो वैश्विक सपनों को अपने में समेटे हुए है। हमारे संस्कार, हमरी संस्कृति, जीव में शिव देखती है।
- हमारा प्राणतत्व है कि जनभागीदारी से जनकल्याण हो और ये जनकल्याण भी सिर्फ भारत के लिए नहीं जनकल्याण के लिए हो। तभी तो, हमारी प्रेरणा है- सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास।
- ये सिर्फ भारत की सीमाओं में सीमित नहीं है। हमारा परिश्रम, न तो दया भाव है और नही दिखावा। ये सिर्फ कर्तव्य भाव से प्रेरित है। इसी वजह से हम ये सब कर पा रहे हैं।
- हमारे प्रयास, 130 करोड़ भारतीयों को केंद्र में रखकर हो रहे हैं लेकिन ये प्रयास जिन सपनों के लिए हो रहे हैं, वो सारे विश्व के हैं, हर दे के हैं, हर समाज के हैं। प्रयास हमारे हैं, परिणाम सभी के लिए हैं, सारे संसार के लिए हैं।
- भारत ने बीते पांच वर्षों में, सदियों से चली आ रही विश्व बंधुत्व और विश्व कल्याण की उस महान परंपरा को मजबूत करने का काम किया है। जो संयुक्त राष्ट्र की स्थापना का भी ध्येय रही है।
- अगर इतिहास और पर कैपिटा एमिशन के नजरिए से देखें, तो ग्लोबल वॉर्मिंग में भारत का योगदान बहुत ही कम रहा है। लेकिन इसके समाधान के लिए कदम उठाने वालों में भारत एक अग्रणी देश है।
- यूएन पीसकीपिंग मिशन्स में सबसे बड़ा बलिदान अगर किसी देश ने दिया है, तो वो भारत है। हम उस देश के वासी हैं जिसने दुनिया को युद्ध नहीं बुद्ध दिए हैं, शांति का संदेश दिया है। इसलिए हमारी आवाज में आतंक के खिलाफ दुनिया को सतर्क करने की गंभीरता भी है और आक्रोश भी।
- आतंक के नाम पर बंटी हुई दुनिया, उन सिद्धांतों को ठेस पहुंचाती है, जिनके आधार पर यूएन का जन्म हुआ है। इसलिए मानवता की खातिर, आतंक के खिलाफ पूरे विश्व का एकमत होना, एकजुट होना मैं अनिवार्य समझता हूं।
- 21वीं सदी की आधुनिक टेक्नोलॉजी, समाज, निजी जीवन, अर्थव्यवस्था, सुरक्षा, कनेक्टविटी और अंतर्राष्ट्र्रीय संबंधों में सामूहिक परिवर्तन ला रही है। इन परिस्थितियों में एक बिखरी हुई दुनिया किसी के हित में नहीं है। ना ही हम सभी के पास अपनी-अपनी सीमाओं के भीतर सिमट जाने का विकल्प है। इस नए दौर में हमें मल्टिलेटरेलिज्म और संयुक्त राष्ट्र को नई शक्ति, नई दिशा देनी ही होगी।
- सवा सौ साल पहले भारत के महान आध्यात्मिक गुरु, स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में वर्ल्ड पार्लियामेंट ऑफ रिलिजन के दौरान विश्व को एक संदेश दिया था। ये संदेश था- हार्मनी एंड पीस एंड नॉट डिसेंशन। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का, आज भी अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए यही संदेश है- हार्मनी एंड पीस।
- सात दिनों के विदेशी दौरे पर गए पीएम मोदी कल यानी 28 सितंबर को भारत लौटेंगे। इस बीच बीजेपी पीएम मोदी की स्वागत की भव्य तैयारी कर रही है। बीजेपी का मानना है कि अमेरिका में हाउडी मोदी कार्यक्रम और अंतरराष्ट्रीय मंच पर दुनिया के सामने कश्मीर सहित दूसरे मुद्दों को जिस तरह से पीएम मोदी ने रखा है उससे देश का मान सम्मान बढ़ा है।
Created On :   27 Sept 2019 7:14 PM IST