चीन के इशारों पर नाचने वाले ओली का नेपाल में बड़ा दबदबा, भारत की बढ़ सकती है टेंशन
- प्रचंड को ओली का समर्थन
- देउबा और प्रचंड में तनाव
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नए प्रधानमंत्री बन गए पुष्प कमल दहल प्रचंड ने पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था। और इस गठबंधन को ही बहुमत हासिल हुआ है। लेकिन बाद में पीएम कुर्सी को लेकर दोनों ही नेताओं के बीच खींचतान पैदा हो गई। दोनों के बीच बने विवाद का फायदा पूर्व पीएम केपी शर्मा ने उठाया। और चीन के इशारे में केपी ओली ने प्रचंड को समर्थन दे दिया। इसके बाद ओली की करीबी नेपाली राष्ट्रपति बिद्यादेवी भंडारी ने प्रचंड को देश का नया प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया। प्रचंड तीसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री बने हैं। प्रचंड आज सुबह शपथ ग्रहण कर सकते हैं।
काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक रविवार दोपहर तक देउबा अगले प्रधानमंत्री बनते दिख रहे थे लेकिन ओली के मास्टरस्ट्रोक से अचानक से खेल हो गया। अब इस बड़ी सफलता से ओली नेपाल में बहुत शक्तिशाली हो गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुष्प कमल दहल को नेपाल का प्रधानमंत्री चुने जाने पर बधाई दी। पीएम मोदी ने ट्वीट किया, "भारत और नेपाल के बीच अद्वितीय संबंध गहरे सांस्कृतिक जुड़ाव और लोगों के बीच गर्मजोशी के संबंधों पर आधारित है। मैं इस दोस्ती को और मजबूत करने के लिए आपके साथ मिलकर काम करने की आशा रखता हूं।
PM नरेंद्र मोदी ने पुष्प कमल दहल को नेपाल का PM चुने जाने पर बधाई दी। PM ने ट्वीट किया, "भारत और नेपाल के बीच अद्वितीय संबंध गहरे सांस्कृतिक जुड़ाव और लोगों के बीच गर्मजोशी के संबंधों पर आधारित है। मैं इस दोस्ती को और मजबूत करने के लिए आपके साथ मिलकर काम करने की आशा रखता हूं।" pic.twitter.com/F9D481dZHb
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 25, 2022
Warmest congratulations @cmprachanda on being elected as the Prime Minister of Nepal. The unique relationship between India Nepal is based on deep cultural connect warm people-to-people ties. I look forward to working together with you to further strengthen this friendship.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 25, 2022
ओली ने मौके पर चौका लगाकर राष्ट्रपति और संसद में स्पीकर का पद पर अपने समर्थित व्यक्ति को बैठाने में कामयाब हो गए। प्रचंड को समर्थन देने के एवज में ओली के करीबियों को सरकार में मंत्री पद भी बनाया जाएगा। माना जा रहा है कि केपी ओली की पार्टी के 4 राज्यों में मुख्यमंत्री बनेंगे
प्रचंड के प्रधानमंत्री बनने का रास्ता रविवार को ही साफ हो गया था, जिसमें देउबा से प्रचंड की मुलाकात के बाद उन्होंने पीएम पद के लिए निराशा हाथ में लगी, बाद में प्रचंड ने अपने पार्टी के नेताओं से मीटिंग की। और तब डिसाइड हुआ कि ओली के साथ गठजोड़ हुआ।
भले ही प्रचंड नेपाल के पीएम बने है, लेकिन इसके पीछे ओली का हाथ है। सत्ता में ओली का शक्तिशाली होना भारत के लिए अच्छी खबर नहीं है। इसके पीछे की वजह ये मानी जा रही है कि ओली चीन के अधिक संपर्क में रहता है, और ड्रेगन के इशारे पर ही नाचता रहता है। ओली ने कालापानी इलाकों को नेपाल के नए नक्शे में शामिल कराया था। ओली ने योग और भगवान राम को लेकर कई मौको पर विवादित बयान दिए थे, जिसमें भारत और नेपाल के बीच रिश्ते तनावपूर्ण हो गए थे।
Created On :   26 Dec 2022 12:27 PM IST