जंग से दुनिया के कई देश प्रभावित, भारत को भी हो सकता है बड़ा घाटा!

Many countries of the world are affected by the war, India may also suffer a big loss
जंग से दुनिया के कई देश प्रभावित, भारत को भी हो सकता है बड़ा घाटा!
रूस - यूक्रेन युद्ध जंग से दुनिया के कई देश प्रभावित, भारत को भी हो सकता है बड़ा घाटा!
हाईलाइट
  • करीब 40 हजार करोड़ में पांच S-400 रेजिमेंट को लेकर समझौता किया गया था

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली।  रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग का असर सिर्फ दोनों देशों तक ही सीमित नहीं है। बल्कि दुनिया को भी इस जंग के परिणाम आर्थिक रूप से भुगतने पड़ रहे हैं। आने वाले कुछ दिनों में भी इसका ज्यादा असर देखने को मिलेगा।  रूस और यूक्रेन दोनों ही देश कई खाद्यानों, कच्चे तेल, औद्योगिक धातु के बड़े निर्यातक देश है। इस युद्ध के कारण इनकी आपूर्ति अब खतरे में पड़ गयी है, जिससे वैश्विक स्तर पर इन सबके दाम आसमान छूने लगे हैं

 युद्ध से रूस और यूक्रेन का गेहूं निर्यात प्रभावित हुआ है,आशंका है कि आने वाले समय में गेहूं की आपूर्ति प्रभावित रहेगी।  बता दें  रूस,चीन और भारत के बाद गेहूं का सबसे बड़ा उत्पादक देश है और गेहूं के निर्यात की बात करें तो यह शीर्ष स्थान पर है। यूक्रेन गेहूं निर्यातक देशों में  पांचवें स्थान पर है आपको बता दें मध्य -पूर्व और उत्तरी अफ्रीका गेहूं के  लिए यूक्रेन और रूस पर ही निर्भर रहते है। माना जा रहा है कि इस युद्ध से यह व्यापार भी गंभीर रूप से प्रभावित होगा। इसके साथ ही गेंहू आयात करने वाले देशों में गेंहू को लेकर परेशानियां उठानी पड़ सकती है। यूक्रेन पर रूसी सेना के हमले के विरोध में पश्चिमी देशों ने अंतर्राष्ट्रीय स्विफ्ट बैंकिंग प्रणाली से रूस के कुछ बैंकों को प्रतिबंधित कर दिया है। इसका असर रूस के निर्यात पर भी पड़ेगा। 

अरब देश भी यूक्रेन युद्ध से संकट में
यूक्रेन और रूस के बीच चल रही जंग का असर कई अरब देशों में भी पड़ने वाला है। जानकारी के मुताबिक यूक्रेन अपना ज्यादातर अनाज इन देशों को ही देता रहा है। यहां पर कई देश ऐसे भी है जो पहले से ही मंदी की मार झेल रहे है। इन देशों में ब्रेड का अधिक मात्रा में उपयोग किया जाता है। अगर गेहूं की कीमतों पर वृद्धि होती है तो इन देशों पर आर्थिक रूप से भारी बोझ पड़ सकता है। 

तुर्की पर होगा अधिक असर 

तुर्की ऐसा देश है जो अपनी जरूरतों का आधा आनाज ही उत्पादित करता है।  तुर्की अपनी देश की जरूरत को पूरी करने के लिए रूस और यूक्रेन से लगभग 85 प्रतिशत गेहूं को आयात करता है। तुर्की के स्टैटिक्स इंस्टिट्यूट के आंकड़ों के मुताबिक 2021 में तुर्की ने यूक्रेन से रिकॉर्ड स्तर पर गेहूं आयात किया है। लेकिन अब इस युद्ध से तुर्की पर भी असर पडे़गा। माना जा रहा है कि तुर्की में गेहूं की कीमतों पर भारी बढ़ोतरी देखी जा सकती है।  यमन और सूडान के साथ ही  मिस्र, ट्यूनीशिया और लेबनान जैसें देशों को कीमतों में बढ़ोतरी का सामना करना पड़ रहा है। जंग ऐसे ही जारी रहती है तो जल्द ही इन देशों की मांग में भी वृद्धि देखी जा सकती है। 

भारत को देरी से मिल सकता है  S-400 मिसाइल सिस्टम

इस युद्ध से जिस तरह से दुनिया के तमाम देशों में असर देखने को मिल रहा है वहीं इसका असर भारत में भी पड़ सकता है। भारत रूस और यूक्रेन से जौं को आयात करता है लेकिन युद्ध के कारण इसके आयात पर असर पड़ सकता है। दुनिया में जौ का सबसे ज्यादा उत्पादन रूस ही करता है। यूक्रेन जौ उत्पादन मामले में चौथे नंबर पर है। दुनिया भर में बियर बनाने में जौ का उपयोग किया जाता है इसका असर भारत के कुछ प्रीमियम बियर ब्रांड पर पड़ने की संभावना है।

वहीं दूसरी ओर 2019 में रूस के साथ हुए भारत सरकार के समझौते के तहत रूस भारत को  S-400 मिसाइल सिस्टम देगा। करीब 40 हजार करोड़ में पांच S-400 रेजिमेंट को लेकर यह समझौता किया गया था। इस युद्ध का असर इस पर भी पड़ सकता है। जानकारों का मानना है कि रूस से मिलने वाले एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम को मिलने में इस युद्ध के कारण भारत को थोड़ी अधिक समय का इंतजार करना पड़ सकता है। हांलाकि भारत को रूस ने S-400 मिसाइल सिस्टम की पहली खेप दिसंबर 2021 में ही भेज दी है। 

 

Created On :   5 March 2022 1:29 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story