श्रीलंका की तरह नेपाल की आर्थिक स्थिति बिगड़ी, विदेशी नागरिकों से मदद की गुहार

Like Sri Lanka, Nepals economic condition deteriorated, requesting help from foreign nationals
श्रीलंका की तरह नेपाल की आर्थिक स्थिति बिगड़ी, विदेशी नागरिकों से मदद की गुहार
भारत के एक और पड़ोसी देश पर संकट श्रीलंका की तरह नेपाल की आर्थिक स्थिति बिगड़ी, विदेशी नागरिकों से मदद की गुहार
हाईलाइट
  • दो दिवसीय छुट्टी पर विचार कर रहा है पड़ोसी देश

डिजिटल डेस्क, काठमांडू। भारत का एक और पड़ोसी मुल्क आर्थिक समस्याओं से घिर चुका है। श्रीलंका जैसे आर्थिक समस्याओं का नेपाल भी सामना  कर रहा है। बीते शनिवार को नेपाल के वित्त मंत्री जनार्दन शर्मा ने विदेशों में रहने वाले नेपाल के नागरिकों से विदेशी पैसे के साथ नेपाल की मदद की अपील की है। 

विदेशी नागरिकों से मदद की गुहार

नेपाल सरकार ने विदेश में रह रहे नेपाली नागरिकों से कहा है कि आर्थिक संकट से घिर चुके अपने देश के बैंकों में वे विदेशी मुद्रा खाते खुलवाएं और निवेश करें। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण पर्यटन घटने से नेपाल के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आई है। गौरतलब है बीते गुरूवार को प्रवासी नेपाली संघ द्वारा आयोजित एक डिजिटल कार्यक्रम में नेपाल के वित्त मंत्री जनार्दन शर्मा ने कहा कि प्रवासी नेपालियों द्वारा नेपाल के बैंकों में डॉलर खाते खोलने से विदेशी मुद्रा की कमी से उत्पन्न संकट से उबरने में मदद मिलेगी। 

दो दिन की छुट्टी पर विचार

पड़ोसी देश नेपाल आर्थिक संकट से घिर चुका है। जिसकी वजह से कुछ बड़े फैसले ले सकता है। खबरों के मुताबिक नेपाल सरकार ईंधन की खपत को कम करने के लिए सरकारी कार्यालयों में दो दिन की छुट्टी घोषित करने पर विचार कर रही है। नेपाल में पेट्रोल व अन्य उत्पादों की कीमतें आसमान छू रही है। कैबिनेट सूत्रों ने बताया कि सेंट्रल बैंक ऑफ नेपाल और नेपाल ऑयल कॉरपोरेशन ने सरकार को दो दिन का सरकारी अवकाश देने की सलाह दी है।

यूक्रेन-रूस युद्ध का असर

नेपाल में आई तेल के दामों में उछाल की मुख्य वजह यूक्रेन व रूस युद्ध मानी जा रही है। क्योंकि रूसी तेल पर प्रतिबंध लगाया गया है। अन्य प्रमुख तेल उत्पादक ईरान और वेनेजुएला को भी पेट्रोलियम बेचने पर प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है।

पर्यटन ठप होने पर बढ़ी मुश्किलें

नेपाल पूरी तरह से पर्यटन पर निर्भर है। कोविड-19 के कारण विदेशी सैलानियों में काफी कमी आई। जिसकी वजह से नेपाल अपने विदेशी भंडार में गिरावट का सामना कर रहा है। अधिकारियों ने कहा सरकार नेपाल ऑयल कॉरपोरेशन के लिए महत्वपूर्ण बचत देखती है, जो सब्सिडी दरों पर ईंधन बेच रही है और चालू वैश्विक दरों पर भारी नुकसान उठा रही है। हालांकि सरकारी प्रवक्ता ज्ञानेंद्र बहादुर कार्की ने मीडिया से बातचीत में बताया कि सरकार ने अभी तक इस संबंध में कोई फैसला नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि प्रस्ताव आया है लेकिन इस पर विचार किया जा रहा है।

Created On :   18 April 2022 7:37 PM IST

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