स्वास्थ्य कर्मियों के लिए टीकाकरण अनिवार्य, मार्च 2022 तक देना होगा प्रमाण
- देश के संक्रमण संरक्षण अधिनियम में हुआ संशोधन
डिजिटल डेस्क, बर्लिन। जर्मन संसद ने एक संशोधन को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत स्वास्थ्य कर्मियों के लिए कोरोना टीकाकरण अनिवार्य कर दिया जाएगा। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार को देश के निचले और ऊपरी संसदों (बुंडेस्टैग और बुंदेसरत) ने देश के संक्रमण संरक्षण अधिनियम में संशोधन किया, जिसका मतलब है कि जो लोग अस्पतालों, डॉक्टरों के कार्यालयों या नर्सिंग होम में काम करते हैं, उन्हें मार्च 2022 के मध्य तक पूर्ण टीकाकरण सुरक्षा या रिकवर होने का प्रमाण देना होगा।
सरकार ने कहा, नए विनियमन का उद्देश्य बुजुर्ग नागरिकों और मौजूदा बीमारियों वाले लोगों को संक्रमण से बेहतर सुरक्षा देना है। विशेष रूप से जर्मनी में नसिर्ंग होम में कोरोनावायरस के मामले बार-बार सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्री कार्ल लुटेरबैक ने शुक्रवार को बुंडेस्टाग में अपने भाषण के दौरान कहा, हम टीकाकरण की दरों में बढ़ोतरी किए बिना मध्यम अवधि में इस महामारी से नहीं लड़ सकते। चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने कहा कि उन्हें विश्वास था कि जर्मनी में पर्याप्त नागरिक वैक्सीन प्राप्त करने के लिए आश्वस्त हो सकते हैं।
स्वास्थ्य कर्मियों के लिए नए नियमों का एकमात्र अपवाद उन लोगों के लिए होगा जो चिकित्सा कारणों से टीका प्राप्त नहीं कर सकते हैं। देश का टीकाकरण अभियान अब फिर से जोर पकड़ रहा है, गुरुवार को 11 लाख वैक्सीन खुराक दी गई। हालांकि, रॉबर्ट कोच इंस्टीट्यूट (आरकेआई) और स्वास्थ्य मंत्रालय (बीएमजी) के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, कुल टीकाकरण दर केवल 69.4 प्रतिशत तक पहुंच गई है। इस बीच, जर्मनी की संघीय और राज्य सरकारों का लक्ष्य क्रिसमस तक वैक्सीन की 3 करोड़ खुराक जुटाने का है। देश के टीकाकरण अभियान को गति देने के लिए संशोधन प्रशिक्षित फार्मासिस्टों,पशु चिकित्सकों और दंत चिकित्सकों को सीमित समय के लिए टीके लगाने की भी अनुमति दी गई है।
(आईएएनएस)
Created On :   11 Dec 2021 2:30 PM IST