ज्वालामुखी विस्फोट से मरने वालों की संख्या 14 तक पहुंची, 9 अन्य लापता
- अगले तीन दिनों में गिर सकते है ज्वालामुखी के गड्ढे और ढलान
डिजिटल डेस्क, जकार्ता। इंडोनेशिया के पूर्वी जावा प्रांत में माउंट सेमेरू के फटने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है, जबकि 9 अन्य लापता हैं। यह जानकारी आपदा प्रबंधन एजेंसी के एक अधिकारी ने दी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन और शमन एजेंसी के कार्यवाहक प्रवक्ता अब्दुल मुहरी के अनुसार, अगले तीन दिनों में ज्वालामुखी के गड्ढे और ढलान के माध्यम से गिरने की भविष्यवाणी की गई है, जिससे पीड़ितों की खोज और निकासी धीमी हो सकती है।
उन्होंने एक संयुक्त वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, 9 लोग अभी लापता या मृत हैं। प्रवक्ता ने कहा कि 1,300 लोगों ने निकासी केंद्रों में शरण ली है। उन्होंने कहा, हमने न केवल कोरोना को फैलने से रोकने के लिए बल्कि सांस की समस्याओं को रोकने के लिए भी निकासी केंद्रों में 20,000 से ज्यादा फेस मास्क भेजे हैं। अधिकारी ने कहा कि सरकार अगले छह महीनों के भीतर एक परिवार को मकान किराए पर देने के लिए करीब 34 डॉलर की नकद सहायता देगी, जबकि सरकार आपदा से प्रभावित लोगों के लिए घर बनाने के लिए नए स्थानों की तलाश करेगी। मुहरी ने कहा, प्रभावित लोगों के लिए लॉजिस्टिक सहायता निकासी केंद्रों को वितरित की गई है।
एजेंसी और एक सरकारी अधिकारी के अनुसार, शनिवार को गर्म बादलों के साथ ज्वालामुखी विस्फोट ने सैकड़ों घर, एक पुल, शिक्षा सुविधाएं और अन्य बुनियादी सुविधाएं नष्ट कर दी हैं। ज्वालामुखी और भूवैज्ञानिक खतरा शमन केंद्र के प्रमुख एंडियानी ने सम्मेलन को बताया कि विस्फोट ने क्रेटर से 11 किमी तक गर्म बादल छोड़े और रविवार को ज्वालामुखी ने भी दो बार गर्म बादल छोड़े। पीड़ितों के लिए निकासी और खोज और बचाव अभियान बारिश से बाधित हो सकता है जो लावा बाढ़ को ट्रिगर कर सकता है। देश की मौसम विज्ञान, जलवायु विज्ञान और भूभौतिकी एजेंसी ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में भारी बारिश हो सकती है।
मौसम विज्ञान, जलवायु विज्ञान और भूभौतिकी एजेंसी (बीएमकेजी) ने कहा, सार्वजनिक मौसम विज्ञान केंद्र के प्रमुख ए फाचरी रजब ने कहा, अभी बारिश होने की संभावना है। बाकी कमजोर, मध्यम और भारी के स्तर के साथ, अगले तीन दिनों में क्रेटर और ज्वालामुखी के ढलान वाले क्षेत्रों में बारिश हो सकती है। भारी बारिश के साथ ज्वालामुखी की राख मोटी मिट्टी बन गई है, जो लुमाजंग जिले में घरों, सड़कों और अन्य बुनियादी सुविधाओं को जलमग्न कर देती है।
(आईएएनएस)
Created On :   6 Dec 2021 2:31 PM IST