शक्ति प्रदर्शन: दक्षिण चीन सागर में चीनी एयरक्राफ्ट ने भरी उड़ान
डिजिटल डेस्क, पेइचिंग। चीन एक बार फिर दक्षिण चीन सागर में उतरा है। इस बार चीन अपनी सैन्य ताकत और मिसाइल शक्ति का प्रदर्शन करते हुए सागर में उतरा। इस दौरान उसने दक्षिण चीन सागर में अपने इकलौते ऑपरेशनल एयरक्राफ्ट कैरियर को दर्जनों दूसरे युद्धपोतों के साथ उतारा था। वहीं बात करें चीन के रक्षा मंत्रालय की तो, उसने इस बात की पुष्टि करने से साफ इनकार कर दिया है।
चीन के लड़ाकू विमानों की इस उड़ान का मक़सद अमरीका समेत पूरी दुनिया को ये संदेश देना था कि दक्षिणी चीन सागर पर उसी का हक़ है। इसके बीच में कोई भी दखल उसे बर्दाश्त नहीं होगी। बता दें कि रविवार 25 मार्च को चीन के तमाम फ़ाइटर प्लेन जैसे, एच-6के बॉम्बर, एसयू-30 और एसयू-35 फ़ाइटर प्लेन अचानक बेहद सक्रिय हो चुके थे। चीन ने इस दौरान दक्षिण सागर के हर एक कोने तक उड़ान भरी थी। खबर मिली है कि इस दौरान चीन के फाइटर प्लेन ने जापान की बॉर्डर को भी नापा था।
चीन के रक्षा मंत्रालय ने लियाओनिंग के इस नौसैनिक अभ्यास में हिस्सा लेने की बात से साफ इनकार कर दिया है। मगर इसके विपरीत प्लैनेट लैब्स इंक द्वारा ली गई तस्वीरों ने साफ कर दिया है कि सोमवार को दक्षिणी चीन के हैनन प्रांत में एक एयरक्राफ्ट कैरियर 40 दूसरे जहाजों के बीच में खड़ा हुआ है। सैन्य विशेषज्ञों का कहना है कि तस्वीरों में दिख रहा एयरक्राफ्ट कैरियर लियाओनिंग ही है।
सिंगापुर के नान्यांग टेक्नॉलजिकल यूनिवर्सिटी के सैन्य विशेषज्ञ जेम्स चाड़ ने कहा है कि इस नौसैनिक अभ्यास में 6 पनडुब्बियों और 2 जे-15 फाइटर जेट्स ने भी हिस्सा लिया। चाड़ ने कहा, "लियाओनिंग को सिर्फ दिखाने के मकसद ने चीन ने नहीं उतारा है, यह पीपल्स लिबरेशन आर्मी (चीन की सेना) के लिए स्टेटस सिंबल भी है।
चाड़ ने कहा कि असली जंगी हालात में इस तरह का फॉर्मेशन मुश्किल से दिखेगा। इससे पहले ताइवान ने कहा था कि उसने 20 मार्च को लियाओनिंग को 2 अन्य युद्धपोतों के साथ ताइवान स्ट्रेट से होकर गुजरते हुए देखा था। उसी दिन चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने चीन को बांटने की किसी भी कोशिश के खिलाफ चेतावनी दी थी।
Created On :   30 March 2018 6:31 PM IST