दुनिया के कुख्यात आतंकी संगठन आईएसआईएस का सरगना अबू हसन अल-हाशिमी अल-कुरैशी मारा गया, इस खूंखार आतंकी को मिली नई जिम्मेदारी
- नये लीडर का हुआ ऐलान
डिजिटल डेस्क, बगदाद। दुनियाभर में कुख्यात आतंकी संगठन आईएसआईएस का लीडर अबू अल हसन अल-हाशमी अल-कुरैशी मारा गया है। हजारों लोगों की कत्ल करने वाले आतंकी की मौत की खबर ऑडियो मैसेज में दुनिया के सामने आई है। बताया जाता है कि अल कुरैशी हमेशा अपने आप को छिपाकर रहता था, उसकी जिंदगी रहस्यमयी थी। दिलचस्प बात यहा है कि अल कुरैशी इस साल मारा जाने वाला इस समूह का दूसरा आतंकी है। हालांकि, किसी ने उसकी मौत की जिम्मेदारी नहीं ली है।
— AFP News Agency (@AFP) November 30, 2022
खूंखार आतंकी बना संगठन का मुखिया
अबू अल-हसन अल-हाशमी अल-कुरैशी की मौत की घोषणा आईएस प्रवक्ता अबू उमर अल-मजाहिर ने की है। अब अबू अल-हुसैन अल-हुसैनी अल-कुरैशी को आतंकी संगठन का नया लीडर चुना गया है। गौरतलब है कि कुख्यात आतंकी अबू बक्र अल बगदादी अक्टूबर 2019 में एक हमले में मारा गया था। उसके बाद अबू अल-हसन की संगठन के मुखिया के तौर पर तैनाती मिली थी। ये संगठन का दूसरा आतंकी है, जो मारा गया है।
कौन था अबू अल-हसन अल-हाशमी अल-कुरैशी?
साल 2022 की शुरूआत में ही अल कुरैशी आईएसआईएस संगठन का नया नेता बनकर दुनिया के सामने उभरा। साल 2010 के बाद से ही इस संगठन ने इराक व सीरिया को तबाह करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। ये संगठन दुनियाभर के कई हिस्सों में अपना विस्तार कर रहा है और वहीं से आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता है। संगठन के अत्याचार व क्रूरता के बारे में सुनकर लोग दंग रह जाते थे। इस संगठन का क्रूर चेहरा अक्सर सोशल मीडिया पर भी देखने को मिल जाता है। लोगों की नृशंस हत्याएं करना, यातनाएं देना इस संगठन का पेशा है। अबू बकर अल बगदादी ने साल 2014 में ऐलान करते हुए कहा था कि वह मुसलमानों का खलीफा है और अल हाशमी अल कुरैशी उसी का भाई है। हालांकि जानकारों का कहना है कि बगदादी की मौत के बाद से यह संगठन कमजोर पड़ गया है और आईएस खात्मे की तरफ बढ़ रहा है।
कुरैशी बगदादी का भाई था
अभी तक दुनियाभर में केवल भ्रम था कि बगदादी व अल कुरैशी के बीच नजदीकी रिश्ते नहीं हैं। लेकिन बाद में पता चला कि अल कुरैशी बगदादी का भाई था। रॉयटर्स समाचार के मुताबिक, अल-कुरैशी का असली नाम जुमा अवद अल-बद्र लोग जान रहे थे। एक इराकी सुरक्षाकर्मी ने बताया कि बद्र एक कट्टरपंथी है, जो साल 2003 में इस खूंखार समूह में शामिल हो गया था।
यह हमेशा बगदादी के साथ रहता था और उसका इस्लामी सलाहकार था। कुरैशी भी अपने को पैंगबर का वंशज बताता रहा है। जिहादियों के बीच उसे इसी वजह से सम्मान मिलता गया और इसे भी बगदादी की तरह स्वीकृति मिलती गई। अब इस्लामिक संगठन कमजोर होता जा रहा है। कुरैशी की मौत से आईएस संगठन को एक और बड़ा झटका लगा है।
Created On :   4 Dec 2022 4:20 PM IST