अमेरिका: नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप ने विदेशी देशों से धन इकट्ठा करने के लिए नया विभाग बनाने की घोषणा की
- रिपब्लिकन के पास संसद में बहुमत
- ट्रंप की नई योजना का डेमोक्रेटिक सांसदों ने विरोध किया
- नई एजेंसी के गठन के लिए संसद के अधिनियम की जरूरत
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पद संभालने से पहले बड़ा ऐलान किया है। ट्रंप ने विदेशी देशों के टैरिफ और अन्य राजस्व इकट्ठा करने के लिए एक अन्य विभाग बनाने की घोषणा की है, इसका नाम बाह्य राजस्व सेवा होगा। ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा कि हम उन लोगों से चार्ज वसूलेंगे जो हमसे व्यापार के जरिये धन कमाते हैं। ट्रंप की नई योजना का डेमोक्रेटिक सांसदों ने विरोध किया। ट्रंप ने कहा मेरी योजना बाह्य राजस्व सेवा जैसी एजेंसी बनाने की है, जो अमेरिका में कर की वसूली करने वाली आंतरिक राजस्व सेवा एजेंसी जैसी होगी।
दिग्गज कारोबारी एलन मस्क और उद्यमी विवेक रामास्वामी ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी में जुटे है। नए विभाग के तहत हजारों पुराने नियमों को खत्म करने और सरकारी कर्मचारियों की संख्या घटाने की प्लानिंग है। यह विभाग सरकारी नौकरशाही को खत्म करने, अतिरिक्त नियमों को कम करने, फिजूल खर्चों में कटौती करने और संघीय एजेंसियों के पुनर्गठन का मार्ग प्रशस्त करेगा। ट्रंप ने मैक्सिको और कनाडा पर 25 फीसदी और चीन से आने वाले सामान पर 60 फीसदी टैरिफ लगाने की धमकी दी।
सीनेट की वित्त समिति के शीर्ष डेमोक्रेट ओरेगन सीनेटर रॉन विडेन ने ट्रंप की प्लानिंग को मूर्खतापूर्ण रीब्रांडिंग बताया। उन्होंने कहा ट्रंप की योजना अमीरों को कर में छूट देने और अमेरिकी परिवारों और छोटे व्यवसायों पर टैक्स वृद्धि करने की है।
अमेरिकी संविधान के अनुसार नई एजेंसी के गठन के लिए संसद के अधिनियम की जरूरत होती है। रिपब्लिकन के पास सदन और सीनेट दोनों में बहुमत है। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप पहले ही कह चुके हैं कि वह एक नई एजेंसी बनाएंगे जो मौजूदा एजेंसियों के कामों को संभालेगी। इसमें वाणिज्य विभाग, सीमा शुल्क और सीमा गश्ती शामिल है।
Created On :   15 Jan 2025 10:44 AM IST