हम जीतना चाहते थे ताकि हम लॉर्डस में झूलन के आखिरी मैच का आनंद ले सकें

- झूलन की कप्तानी में ही हरमनप्रीत ने 2009 विश्व कप में भारत के लिए डेब्यू किया था
डिजिटल डेस्क, केंटरबरी। भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर ने कहा है कि भारत इंग्लैंड के विरुद्ध दूसरा वनडे जीतने को अधिक उत्सुक इस वजह से भी था, ताकि वह तीसरे और अंतिम वनडे मैच में सीनियर खिलाड़ी झूलन गोस्वामी को सटीक विदाई दे सके। साथ ही भारत की 88 रनों की जीत के बाद हरमनप्रीत ने पुष्टि की कि शनिवार को लॉर्डस में खेला जाने वाला मैच झूलन के दो दशक लंबे करीयर का आखिरी अंतर्राष्ट्रीय मैच होगा।
भारत के 333 के स्कोर में 143 नाबाद बनाने पर प्लेयर ऑफ द मैच घोषित हरमनप्रीत ने कहा, जब आप पहला गेम जीत जाते हैं, तो दूसरा मैच और खास बन जाता है। हम हमेशा मैच जीतने की सोच रखते हैं और आज तो यह और भी जरूरी था ताकि हम बिना किसी दबाव के लॉर्डस में जाएं। लॉर्डस का मुकाबला एक बड़ा अवसर है क्योंकि यह झूलन का संन्यास से पहले आखिरी मैच है। मैं बहुत खुश हूं क्योंकि अब हम उस मैच में बिना किसी दबाव के मैच का आनंद उठा पाएंगे।
तीसरा वनडे दोनों टीमों के लिए लॉर्डस में खेलने का पांच साल में पहला अवसर होगा। तब 2017 विश्व कप के एक रोमांचक मैच में भारत चेज करते हुए एक अच्छे स्थान से लड़खड़ा कर नौ रन से हारा था। हरमनप्रीत उस परिणाम को बदलने के लिए बेताब जरूर हैं लेकिन उन्होंने इस मैच का मजा लेने पर जोर दिया। उन्होंने अपने सीनियर गेंदबाज का जि़क्र करते कहा, यह मैच जीतना बहुत जरूरी होगा क्योंकि यह उनका आखिरी मैच होगा। यह एक भावनात्मक पल है और हम जरूर उसे जीत के साथ यादगार बनाना चाहेंगे।
39 वर्षीय झूलन को इस साल के 50 ओवर विश्व कप के बाद श्रीलंका के दौरे पर आराम दिया गया था और उन्हें इंग्लैंड के विरुद्ध वर्तमान वनडे सीरीज में टीम में फिर से शामिल किया गया। अब तक के दो मैचों में दुनिया की सबसे ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय विकेट लेने वाली महिला - उन्होंने तीनों प्रारूप मिलाकर 353 विकेट अपने नाम किए हैं - ने सिर्फ़ एक ही विकेट लिया है लेकिन वह अपने अनुभव का फायदा उठाते हुए इंग्लैंड के बल्लेबाजों को बांधने में सफल रहीं हैं।
झूलन की कप्तानी में ही हरमनप्रीत ने 2009 विश्व कप में भारत के लिए डेब्यू किया था, और अपने पुराने कप्तान की तारीफ में हरमनप्रीत ने कहा, वह सबको काफी कुछ सिखाती हैं। जब मैंने डेब्यू किया था तब वह नेतृत्व के स्थान पर थीं और उन्होंने मेरा मार्गदर्शन भी किया। अब रेणुका (सिंह) और मेघना सिंह जैसे युवा गेंदबाज उनसे सीख रहे हैं कि वह कैसे अपनी गेंदबाजी करती हैं और कैसे उन्हीं के लय में खेला जाए। वह हम सब के लिए एक बड़ी प्रेरणास्रोत रहीं हैं और हमको उन्होंने बहुत कुछ सिखाया है।
(आईएएनएस)
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Created On :   22 Sept 2022 1:00 PM IST