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सभा: प्राकृतिक आपदा ग्रस्तों को मिलेगा उचित मुआवजा , दी जा रही सहायता : सीएम शिंदे
- कहा, राज्य एवं जिले के अधिकारी हालात पर नजर रख कर सहायता कर रहे हैं
- देश मेें इन्फ्रास्टक्चर के 8 लाख करोड़ के काम चल रहे
- सरकार अब रोजाना 38 किमी तक सड़क बना रही
डिजिटल डेस्क, यवतमाल। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि, किसानों पर जो प्राकृतिक आपदा आयी है, उस पर नजर है। प्राकृतिक आपदाग्रस्तों को उचित मुआवजा मिलेगा, ऐसा प्रावधान किया जाएगा। चारा, पानी आदि की किल्लत होने नहीं देेंगे। राज्य एवं जिले के अधिकारी हालात पर नजर रख कर सहायता कर रहे हैं। स्थानीय धामणगांव रास्ते पर स्थित एक होटल में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में वह बोल रहे थे। उन्होंने आगे कहा कि, देश मेें इन्फ्रास्टक्चर के 8 लाख करोड़ के काम चल रहे हैं।
रास्ते की लंबाई बढ़ रही हंै। इससे पहले की सरकार रोजाना 12 किमी का रास्ता बना रही थी, मगर यह सरकार अब 38 किमी का बना रही है। यही नहीं देश का नंबर 11वें पर से 5वंे स्थान पर आ गया, इससे देश की अर्थव्यवस्था सुधरी है। उन्होंने कहा कि महायुति की सरकार 2019 में महाराष्ट्र में बननी थी, मगर वह नहीं बनी। यही कारण रहा कि, अलग शिवसेना बनानी पड़ंी। अब जनता जनार्दन तय करेगी, जीत किसकी होगी। इस समय पालकमंत्री संजय राठोड़ व अन्य उपस्थित थे।
भावना गवली का होगा पुनर्वास
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि भावना गवली को इस तरह छोड़ा नहीं जाएगा। उन्हें टिकट न मिलना यह राजनीतिक समीकरण बदलने से हुआ है, मगर उनकी अब नाराजी दूर हुई है और वह 13 अप्रैल से प्रचार में शामिल होगी, ऐसा भरोसा जताया। लेकिन यवतमाल में सीएम की बैठक में वह नहीं आने से उनकी नाराजी दूर न होने की अटकलें लगाई जा रही हंै।
उल्लेखनीय है कि जिले में बीते आठ दिनों से बेमौसम बारिश का दौर शुरू है। कभी झमाझम तो कभी तेज बारिश हो रही हंै। शनिवार तड़के यवतमाल शहर समेत जिलेभर में फिर मूसलाधार बारिश हुई। जिससे कई स्थानों पर पेड़ों के साथ कुछ मकान धराशायी होे गए। वहीं फसलों का भारी नुकसान होने की जानकारी मिली हंै। शनिवार शाम को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे यवतमाल दौरे पर आए थे। मुख्यमंत्री ने चुनाव कामों के बीच प्राकृतिक आपदा में हुए नुकसान का तुरंत सर्वेकर रिपोर्ट भेजने के निर्देश जारी किए। उल्लेखनीय है कि जिले में मंगलवार,9 अपैल की रात आंधी तूफान के साथ मूसलाधार बारिश हुई थी। जिससे जिले में तकरीबन 2 हजार हेक्टेयर क्षेत्र की फसलें बर्बाद हो गई। जिसके बाद प्रशासन द्वारा सर्वे कर प्राथमिक रिपोर्ट पेश की गई। जिसमें बाभुलगांव और यवतमाल तहसील में 384.70 हेक्टेयर क्षेत्र पर गेहूं, ज्वारी, तिल, सब्जी फसलों का बड़े पैमाने पर नुकसान होने की बात कहीं हंै। साथ ही यवतमाल तहसील में दाे मकानों का नुकसान होने की बात रिपोर्ट में कहीं हंै।
Created On :   14 April 2024 5:13 PM IST