Arni News: गर्मियां शुरु होने के बाद अब सूखने लगी हैं नदियां, भू-जलस्तर में भी भारी गिरावट

गर्मियां शुरु होने के बाद अब सूखने लगी हैं नदियां, भू-जलस्तर में भी भारी गिरावट
  • उमरी पठार में टैंकर से जलापूर्ती
  • 19 गांवों में निजी कुएं अधिग्रहित किए
  • आर्णी तहसील में अनेक बांध सूखे, गहराते जलसंकट से बेचैनी

Arni News. राजेश माहेश्वरी। गर्मी का मौसम अब पूरे चरम पर है, दोपहर को लू चलने लगी है, तेज गर्मी के कारण नदी - नाले और तालाब सूख चुके हैंं। ग्रामीण क्षेत्रों के सैकड़ों कुओं में पानी की एक बूंद भी नहीं बची है।उमरी पठार ग्राम मे टैंकर से जलापूर्ती की जा रही है, तो वहीं 19 ग्रामों में निजी कुंए अधिग्रहित किए हैं। इस वर्ष गर्मी के मौसम में नागरिकों को गंभीर जलसंकट का सामना करना पड़ रहा है। नदी किनारे अधिकांश गांवों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।

पिछले वर्ष बारिश अच्छी हुई थी, जिसके चलते मार्च महीने तक कुओं और बोरवेल्स में पानी की पर्याप्त मात्रा थी. लेकिन अब जैसे-जैसे तापमान बढ़ रहा है, जलसंकट और गंभीर होता जा रहा है। इस बार गर्मी की शुरुआत में ही बारहमासी बहने वाली नदियों और नालों में जलस्तर बहुत कम हो गया था। अप्रैल में तीव्र गर्मी के चलते स्थिति और बदतर हो गई। मई में और अधिक प्रचंड गर्मी की आशंका जताई जा रही है, जिससे नागरिकों को भारी जलसंकट का सामना करना पड़ सकता है।

आर्णी तहसिल के ग्रामीण अंचल मे कुएं अधिग्रहण किए हैं। जो इचोरा, काकडदरा, वरुड तुका, जांब, दातोडी नविन, दातोडी जूने, ब्राम्हणवाडा (पारधी तांडा), नाइक नगर (देउरवाडी बू) , हरलाल हेटी, सावली सदोबा, सावली सदोबा 2, चांदापुर, शिरपुर सुधाकरनगर, अकोला (खेड), कापेश्वर, चिमटा, वरुड भक्त, चिंचबर्डी, अंजनखेड में ऐसे कुएं हैं।

टैंकर से पानी सप्लाइ उमरी पठार में शुरू है, तहसील के यह गांव बेहद जलसंकट के हालात से गुजर रहे हैं। ग्रामपंचायत ने टैंकर के लिए इचोरा देवगांव पालोदी सुधाकरनगर (पलशी) चिमटा ग्रामपंचायत द्वारा पं स आर्णी से प्रस्ताव जिलाधिकारी कार्यालय को प्रेषित किए गए, लेकिन अबतक वहां से कोई जवाब न मिलने के कारण गांवो में भीषण जलसंकट है, जिससे ग्रामवासी पानी के लिए भटकते नजर आ रहे हैं।

तहसील में 200 से 300 फीट गहरे बोरवेल्स बड़ी संख्या में खोदे गए हैं। जिनके कारण भूमिगत जलस्तर लगातार गिरता जा रहा है। पारंपरिक जलस्रोत जैसे कुएं और तालाब अब लगभग पूरी तरह से सूख चुके हैंं। इसका सीधा असर ग्रामीण जनजीवन पर पड़ा है।

तत्काल उपायों की आवश्यकता

अरूणावती, अडाण और पैनगंगा नदी यहां की लाइफ लाईन मानी जाती है। जिसमें अडाण नदी के तटवर्ती गांवो में जलसंकट की वजह से फसले सूख रही थीं, तो विधायक राजु तोडसाम ने संबंधित विभाग के अधिकारियो से चर्चा की थी, जिसके बाद अडाण परियोजना से पानी छोड़ा गया. इससे कुछ जगह राहत मिली है।

लोगों का कहना है कि तहसील में नागरिकों और पशुओं पर मंडरा रहे जलसंकट को देखते हुए प्रशासन को तत्काल टैंकरों के माध्यम से जलापूर्ति शुरु करनी चाहिए। साथ ही, बंद जलस्रोतों का पुनरुद्धार और अवैध गहरी बोरवेल्स पर नियंत्रण आवश्यक है। यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो संकट और गहराने की आशंका है.



Created On :   17 April 2025 6:52 PM IST

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