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बाढ़ के साथ बह गईं 200 मुर्गियां, यवतमाल जिले में फसलें तबाह
डिजिटल डेस्क, यवतमाल. हाल में हुई बारिश के कारण आंजी बड़ी-पवनूर मार्ग पर खेत में स्थित रोशन पोल्ट्री फार्म से 200 मुर्गियां पानी में बह गई। इसमें रोशन पोल्ट्री फार्म के संचालक के अनुसार करीब डेढ़ लाख रुपए का नुकसान हुआ। आंजी बड़ी-पवनूर मार्ग पर खेत में करीब 9-10 महीने से रोशन पोल्ट्री फार्म है। इसके संचालक रोशन ज्ञानेश्वर दांडेकर ने मुर्गियों का बड़े पैमाने पर व्यवसाय शुरू किया। इसमें करीब 500 मुर्गियां देशी प्रजाति खरीदकर लाई गई। हाल में दो दिनों पहले आई बारिश के कारण 500 में से 200 मुर्गी और मुर्गे नरसाईं मंदिर के पास स्थित नाले में आई बाढ़ के कारण पानी में बह गए। वहीं 100-150 मुर्गियां मरी स्थिति में झुड़पी में अटकी दिखाई दी। बची मुर्गियां पोल्ट्री फार्म में जिंदा हैं।
खरीफ मौसम 2022 में अतिवृष्टि के चलते किसानों का भारी नुकसान हुआ था। बीते वर्ष सरकार ने 700 करोड़ रुपए की राशि मुआवजा के तौर पर वितरित की थी। वर्ष 2023 में हालात कुछ वैसे ही बनते दिखाई दे रहे हैं। शनिवार 22 जुलाई को जिले में कुछ ही घंटे के भीतर 300 मिमी से अधिक बारिश होने से जिले में बाढ़ के हालात बन गए थे। 2 दिन तक राहत बचाव का काम शुरू रहा। राज्य आपदा प्रबंधन के दल को हालात संभालने के लिए मोर्चा संभालना पड़ा। प्रशासन की प्राथमिक रिपोर्ट के अनुसार जिले में 2 लाख 37 हजार 813 हेक्टेयर क्षेत्र की सोयाबीन, कपास, तुअर, उड़द, मूंग, गन्ना और हल्दी फसल का नुकसान होने की जानकारी है। जिले में सर्वाधिक 43 हजार 709 हे. फसल का नुकसान घाटंजी तहसील में हुआ है। यवतमाल तहसील में 28 हजार 571 हेक्टेयर फसल खराब हुई।
कलंब में 1 हजार 513 हेक्टेयर, रालेगांव 417 हे., दारव्हा 18 हजार 441 हे., नेर 1 हजार 401 हे., आर्णी 31 हजार 693 हे., बाभुलगांव 6 हजार हे., पुसद 1 हजार 645 हे., दिग्रस 29 हजार 227 हे., उमरखेड़ 18 हजार 876हे., महागांव 38 हजार 164 हे., पांढरकवड़ा 603 हे., वणी 882 हे., मारेगांव 2 हजार 902 हे., झरी जामनी में 13 हजार 707 हेक्टेयर फसल का नुकसान होने का अनुमान कृषि विभाग ने जताया है। जिले की 16 तहसीलों के 1532 ग्रामों में बाढ़ का सामना करना पड़ा। किसानों की कुल संख्या 1 लाख 96 हजार 954 है। इसमें से 7 हजार 249 हेक्टेयर क्षेत्र में बाढ़ मिट्टी समेत फसल को बहा ले जाने की बात रिपोर्ट में कही गई है।
1757 मकानों काे पहुंची भारी क्षति
भारी बारिश और बाढ़ के कारण जिले में कुल 1 हजार 757 घरों का भारी नुकसान हुआ है। इनमें से 275 घर पूरी तरह ढह गए तथा 1472 घरों का आंशिक नुकसान हुआ है। यवतमाल तहसील में सर्वाधिक 830 घरों का नुकसान हुआ। पांढरकवड़ा में 105, घाटंजी 180, दारव्हा 126, दिग्रस 250, महागांव 110, उमरखेड़ 63, नेर 48, पुसद 32 और आर्णी तहसील में 17 घरों का नुकसान हुआ। साथ ही महागांव तहसील में 10 और उमरखेड़ में 4 तबेले ढहने की जानकारी प्राप्त हुई है। आपदा में जिले में किसानों के 36 मवेशियों की मौत भी हुई है।
"फसलों के नुकसान की सूचना 72 घंटे के भीतर दें किसान'
उधर वर्धा में बीमा निकालनेवाले किसानों को लगातार बारिश होने के कारण खेतों में पानी जमा होने से हुए नुकसान की जानकारी 72 घंटे के भीतर बीमा कंपनी को देने का आह्वान जिला कृषि अधिकारी ने किया है। संपूर्ण जिले में बदरीला मौसम होकर कम-ज्यादा प्रमाण में बारिश हो रही है। जिले में फिलहाल सोयाबीन की फसल बढ़ने की अवस्था में है। सोयाबीन फसल का असमय बारिश होने से बड़े पैमाने पर नुकसान होने की आशंका है। खरीफ मौसम में अब तक 70 हजार 663 किसानों ने फसल बीमा करवाया है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के शासन निर्णय के अनुसार प्राकृतिक अापदा अंतर्गत ओलावृष्टि, भूस्खलन, बीमा संरक्षित क्षेत्र जलमग्न होने पर, गाज के कारण लगने वाली नैसर्गिक आग आदि से हुए नुकसान का व्यक्तिगत स्तर पर पंचनामा कर निश्चित किया जाता है। इसके लिए नुकसानग्रस्त किसानों से घटना घटने से 72 घंटे के भीतर अपनी बीमा संरक्षित फसल के बारे में आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी अथवा बीमा कंपनी के टोल फ्री क्रमांक अथवा कंपनी के मेल तथा कंपनी के तहसील स्तरीय कार्यालय तथा तहसील कृषि कार्यालय व बैंक में पूर्व सूचना दें ताकि तत्काल पंचनामा किया जा सके। इससे फसल के हुए नुकसान के बारे में बीमा संरक्षण प्राप्त हो सकेगा। यह सूचना जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी ने दी है।
Created On :   25 July 2023 7:49 PM IST