Shahdol News: मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल के बीच चला रैफर का खेल, प्रसूता व परिजन परेशान

मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल के बीच चला रैफर का खेल, प्रसूता व परिजन परेशान
  • मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल के बीच चला रैफर का खेल
  • प्रसूता व परिजन परेशान
  • दोनों शासकीय चिकित्सा संस्थानों में विशेषज्ञ की कमी बनती जा रही परेशानी का कारण

Shahdol News: मेडिकल कॉलेज और जिला चिकित्सालय जैसे बड़े शासकीय चिकित्सा संस्थान होने के बावजूद जिले में प्रसूता महिलाओं के लिए परेशानी बढ़ती जा रही है। दोनों ही संस्थानों में महिला विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी बताकर मरीजों को यहां-वहां का चक्कर लगवाया जा रहा है। ऐसा ही मामला कल फिर सामने आया, जब एक प्रसूता महिला की गंभीर हालत को देखते हुए ब्लड चढ़ाते हुए अवस्था में मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। वहां पहुंचने के बाद महिला का ब्लड निकालकर थैले में रखते हुए यह कहते हुए वापस जिला चिकित्सालय भेज दिया गया कि यहां पर डॉक्टर नहीं है। इसके बाद महिला को मजबूरी में जिला चिकित्सालय में ही भर्ती कर प्रसव कराया गया। बताया जा रहा है कि इसके ठीक एक दिन पहले आठ की संख्या में प्रसूता महिलाओं को मेडिकल कॉलेज से जिला चिकित्सालय भेजा गया।

यह बताई जा रही वजह

प्रसूता महिलाओं के लिए परेशानी की वजह एनीस्थीसिया के साथ स्त्री रोग विशेषज्ञ (सीजर लायक) की कमी बताई जा रही है। दोनों ही संस्थानों में एक-एक एनीस्थीसिया चिकित्सक हैं। जिला चिकित्सालय में 6 एवं मेडिकल कॉलेज में 3 चिकित्सकों की पदस्थापना बताई जा रही है, लेकिन जिला चिकित्सालय में दो-तीन ही ड्यूटी पर रहते है। दो सप्ताह पहले एक डॉक्टर ने चार दिन में 32 सीजर किए। यही हाल मेडिकल में बताया जाता है। कार्य की अधिकता की वजह से डॉक्टर परेशान हो चुके हैं।

मेडिकल में कम हो रहे प्रसव

जानकारी के अनुसार जिला चिकित्सालय में जनवरी माह में 620 प्रसव हुए, इनमें 225 केस सीजर के रहे। इनमें 200 के करीब हाई रिस्क वाले रहे। जबकि मेडिकल कॉलेज में प्रसव का आंकड़ा इसका आधा भी नहीं रहता। जो डॉक्टर ड्यूटी पर रहते हैं उनका कहना होता है कि अपना बोझ एक दूसरे संस्थान पर डालते रहते हैं। ऐसी स्थिति इसलिए बनती जा रही है क्योंकि मेडिकल कॉलेज में लगातार चिकित्सकों की संख्या कम होती जा रही है। अब तक 27 डॉक्टर काम छोडक़र यहां से जा चुके हैं। लेकिन प्रशासन और शासन द्वारा नई भर्तियों को लेकर उदासीनता बनती जा रही है।

स्टॉफ की कमी के कारण उपचार में परेशानी तो आ रही है। जब यहां पर्याप्त चिकित्सक थे, तब ऐसी स्थिति नहीं बनती थी। जिला चिकित्सालय में पर्याप्त व्यवस्था होने के बाद भी रेफर किया जाता है।

डॉ. नागेंद्र सिंह, अधीक्षक मेडिकल कॉलेज

Created On :   6 Feb 2025 4:01 PM IST

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