Shahdol News: भास्कर इनवेस्टिगेशन-बिना दस्तावेज हुई एफआईआर, अब चालान पेश करने मशक्कत

भास्कर इनवेस्टिगेशन-बिना दस्तावेज हुई एफआईआर, अब चालान पेश करने मशक्कत
  • पुलिस ने मूल दस्तावेज प्राप्त किए बिना ही अपराध पंजीबद्ध कर लिया और आरोपी करार दे दिया।
  • 12 साल में पेश नहीं हुआ चालान
  • चालान पेश नहीं होने वाले ज्यादातर मामले वित्तीय अनियमितताओं के साथ सरकारी विभागों में गड़बड़ी के हैं।

Shahdol News: बिना दस्तावेज दर्ज एफआईआर के कई ऐसे मामले हैं, जिनमें पुलिस को चालान पेश करने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। कोतवाली थाने में ऐसे कई मामले हैं जिनमें किसी में सात वर्ष तो किसी में दस वर्ष से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी न्यायालय में चालान पेश नहीं हुआ। ऐसा ही एक मामला है, जिसमें पुलिस ने 12 साल बाद भी चालान पेश नहीं किया।

6 नवंबर 2013 को दर्ज एफआईआर क्रमांक 1081 में आवेदक विष्णुकांत मिश्रा निवासी गोरतरा पेट्रोल पंप के पीछे ने आरोप लगाया कि शेयर मार्केट में रूपए जमा करने के लिए 84 लाख रूपए आरोपी संजय ने जमा करवाए और 69 लाख रूपए नहीं लौटाया। इस मामले में 12 साल बाद भी चालान पेश नहीं होने को लेकर पुलिस का कहना है कि मूल चेक न्यायालय में जमा होने के कारण नहीं मिला। वहीं दूसरे पक्ष से अजय सिंह बघेल का कहना है कि पुलिस ने मूल दस्तावेज प्राप्त किए बिना ही अपराध पंजीबद्ध कर लिया और आरोपी करार दे दिया। जबकि यह पूरा मामला वित्तीय लाभ से जुड़ा है।

जब कंपनी बनाकर शेयर का काम किया जा रहा था तब विष्णुकांत मिश्रा लाभ में सहभागी रहे। शिकायत में जिनका नाम बताया उनमें कई से खुद ही राशि एकत्रित की थी। इसके अलावा विजय दुबे कंपनी में पार्टनर रहे। जब मामले की शिकायत हुई तो पुलिस ने कई जरूरी तथ्यों को दरकिनार कर कार्रवाई की और हम 12 साल से न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं।

वहीं विजय दुबे का कहना है कि हमारा निवेश था और इनके द्वारा पैसा वापस करने की बात कही गई थी। पैसा वापस नहीं होने के बाद डीमैट अकाउंट के लिए पार्टनरशिप डीड बनवाई गई। बाद में बैंक अकाउंट हमारे नाम से नहीं होने के कारण एग्रीमेंट कैंसिल करवा दिया।

चालान पेश नहीं होने वाले ज्यादातर मामले वित्तीय अनियमितताओं के साथ सरकारी विभागों में गड़बड़ी के हैं। ऐसे कई मामलों में विभाग के अधिकारियों को लगता है कि उन्होंने एफआईआर दर्ज करवाकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली है और जांच संबंधी दस्तावेज समय पर उपलब्ध नहीं करवाते हैं। अब हम ऐसे प्रकरणों में संबंधितों को दस्तावेज जमा करने के लिए नोटिस जारी करेंगे।

रामजी श्रीवास्तव एसपी शहडोल

केस-1 : 9 फरवरी 2022 को रेलवे कॉलोनी शहडोल निवासी सुनील कुमार सिंह ने सहारा इंडिया सेक्टर शाखा प्रबंधक पवन खरे, तत्कॉलीन क्षेत्रीय प्रबंधक पंकज पांडेय और सहारा ग्रुप के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई। इस मामले में पुलिस ने 3 साल में चालान पेश नहीं किया। कारण जानकारी पर्याप्त नहीं है।

केस-2 : 13 सितंबर 2012 को जनपद पंचायत सोहागपुर के तत्कॉलीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी ओपी द्विवेदी ने उधिया निवासी शंभू प्रसाद शुक्ला के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई। इस मामले में जनपद सोहागपुर से 13 बाद भी मूल दस्तावेज प्राप्त नहीं हुई।

केस-3 : 20 मई 2022 को उप पंजीयक तहसील सोहागपुर जय सिंह सिकरवार की ओर से उप निरीक्षक आशीष झारिया ने आरोपी राजेश कुमार उर्फ राजू और कृष्ण कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। इस मामले में उप पंजीयक कार्यालय से 3 साल में जानकारी उपलब्ध नहीं करवाई गई।

Created On :   17 April 2025 5:32 PM IST

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