एएनएम निलंबित: 24 घंटे में उल्टी दस्त से दो मौतों के बाद जागा प्रशासन

24 घंटे में उल्टी दस्त से दो मौतों के बाद जागा प्रशासन
  • मौसमी बीमारियों की रोकथाम को लेकर सामने आई लापरवाही
  • मौतों के बाद सर्वे में मिल रहे मरीज
  • जिले के आदिवासी इलाकों में मौसमी बीमारियों उल्टी-दस्त के मरीज लगाातर सामने आ रहे हैं।

डिजिटल डेस्क,शहडोल। मौसमी बीमारी उल्टी-दस्त की रोकथाम को लेकर प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। गोहपारू क्षेत्र के बरदौंहा गांव में 24 घंटे के भीतर एक ही मोहल्ले के दो आदिवासी महिला व बच्ची की मौत का मामला सामने आने के बाद एएनएम को निलंबित कर विभाग ने अपना पल्ला झाडऩे का प्रयास किया।

वहीं स्वास्थ्य विभाग द्वारा कराए जा रहे सर्वे में उल्टी दस्त के मरीज लगातार पाए जा रहे हैं। हालांकि टीम द्वारा मौके पर उपचार दिया जा रहा है, जिससे स्थिति सुधर रही है। गौरतलब है कि विकासखंड गोहपारू के उप स्वास्थ्य केंद्र चुहिरी अंतर्गत ग्राम बरा के बरदौंहा टोला की बैगा बस्ती में उल्टी दस्त का प्रकोप हुआ। उर्मिला बैगा नामक 30 वर्षीय महिला की हालत खराब होने पर गोहपारू में उपचार दिया गया, लेकिन हालत में सुधार नहीं होने पर जिला चिकित्सालय लाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।

इसके अगले दिन उर्मिला के घर के सामने रहने वाली 9 वर्षीय सोमवती को उल्टी दस्त शुरु हुआ, जिसे गोहपारू अस्पताल के बाद जिला चिकित्सालय लाते समय रास्ते में मौत हो गई।

सामने आई लापरवाही

इन मौतों के लिए मैदानी अमले को जिम्मेदार ठहराया गया। दोनों मौत के बाद विभाग की टीम जब गांव पहुंची तो पता चला कि एएनएम गिरिजा सिंह, एलएचबी कुसुम महोबिया व सेक्टर सुपरवाइजर मुख्यालय में रहने की बजाय शहडोल से आना-जाना करते थे।

जिला महामारी नियंत्रण अधिकारी डॉ. एसडी कंवर ने स्वीकारा कि यदि मैदानी अमला सक्रिय होता और समय पर सूचना देता तो कम से कम बच्ची को बचाया जा सकता था। उन्होंने बताया कि मैदानी अमला लापरवाही बरत रहा है। उनके प्रतिवेदन के बाद सीएमएचओ डॉ. राजेश मिश्रा द्वारा एएनएम को सोमवार को निलंबित कर दिया गया, जबकि अन्य के विरुद्ध कार्रवाई प्रस्तावित है।

लगातार सामने आ रही मरीज

जिले के आदिवासी इलाकों में मौसमी बीमारियों उल्टी-दस्त के मरीज लगाातर सामने आ रहे हैं। बरदौंहा में दो मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने डेरा जमाकर सर्वे शुरु किया तो सात नए मरीज मिले। जिनका उपचार किया गया। इसके पूर्व गोहपारू में ही उल्टी दस्त के 6 मरीज मिले थे। ब्यौहारी के निपनिया में 12 केस सामने आ चुके हैं।

शुद्ध पानी को तरह रहे ग्रामीण

जिन इलाकों में उल्टी-दस्त के मामले सामने आ रहे हैं वहां पीने का शुद्ध पानी लोगों को नसीब नहीं हो रहा है। निपनियां में जब स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची तो पीएचई विभाग से जांच कराने में पता चला कि हैंडपंप का पानी संक्रमित है, जिसे उपचारित कराया गया।

वहीं बरदौंहा में 35 घरों की बैगा आदिवासी बस्ती दो हैंडपंप पर निर्भर है। नल-जल योजना की पाइप बिछी लेकिन कनेक्शन नहीं कराए गए। यही कारण है कि मजबूरी में लोग दूषित पानी पीकर बीमार हो रहे हैं।

- प्रभावित क्षेत्र में विभाग की टीम सर्वे कर रही है। बरदौंहा मामले में लापरवाही पर एएनएम को निलंबित किया है, अन्य पर शीघ्र कार्रवाई होगी। बीमारी की मुख्य वजह दूषित पानी, मच्छर व असावधानी सामने आ रही है।

डॉ. राजेश मिश्रा, सीएमएचओ

Created On :   16 Aug 2024 2:56 PM IST

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