सियासी खुलासा: उपमुख्यमंत्री अजित पवार की बढ़ी मुश्किलें; लगा सरकारी जमीन नीलामी की साजिश का आरोप

उपमुख्यमंत्री अजित पवार की बढ़ी मुश्किलें; लगा सरकारी जमीन नीलामी की साजिश का आरोप
पुणे के पूर्व पुलिस कमिश्नर मीरा बोरवणकर की पुस्तक में बड़ा खुलासा

डिजिटल डेस्क, पुणे। राष्ट्रवादी कांग्रेस में विभाजन के बाद भाजपा और शिंदे सेना के साथ राज्य की सरकार में शामिल हुए उपमुख्यमंत्री अजित पवार की मुश्किलें बढ़ने की संभावना है। पुणे की पूर्व पुलिस कमिश्नर मीरा बोरवणकर की लिखी किताब में अजित दादा पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। उनकी किताब 'मैडम कमिश्नर' से खुलासा किया गया है कि उन्होंने पुणे की एक सरकारी जमीन को नीलामी के जरिये निजी व्यक्ति को देने की साजिश रची थी। बोरवणकर की पुस्तक से हुए इस खुलासे से राज्य की सियासत में नया विवाद खड़ा होने की आशंका है। बहरहाल उपमुख्यम्नत्री अजीत पवार ने इस आरोप से साफ़ इंकार किया है।

पुणे की पूर्व पुलिस कमिश्नर मीरा बोरवणकर ने अपनी किताब 'मैडम कमिश्नर' में कहा है कि पुणे के पुलिस कमिश्नर का पद पर नियुक्ति के बाद मैंने तुरंत कार्यभार संभाल लिया। शहर में अपराध की समीक्षा की, विभिन्न अधिकारियों से मुलाकात की। उसी समय मेरे पास संभागीय आयुक्त का फोन आया। उन्होंने कहा कि पुणे के पालकमंत्री ने आपके बारे में पूछा, आप एक बार उनसे मिलें। उन्होंने बताया कि इस समय येरवडा जमीन को लेकर भी कुछ चर्चा हो सकती है। इसके बाद मैं संभागीय आयुक्त कार्यालय में पालक मंत्री से मिली, उनके पास येरवडा पुलिस स्टेशन क्षेत्र का नक्शा था। इस बैठक में पालक मंत्री ने कहा कि संबंधित भूमि की नीलामी कर दी गई है और उच्चतम बोली लगाने वाले के साथ भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया से गुजरना चाहिए। हालाँकि मैंने भूमिका स्पष्ट की कि येरवडा शहर एक केंद्रीय स्थान है और पुलिस को ऐसी जगह दोबारा नहीं मिलेगी। ऑफिस, पुलिस कॉलोनी के लिए इस जगह की जरूरत पड़ेगी। साथ ही मुझ पर कार्यभार ग्रहण करने के बाद तुरंत सरकारी जमीन एक निजी व्यक्ति को देने का आरोप लगाया जायेगा। हालांकि पालकमंत्री बिना कुछ सुने जमीन नीलामी पर जोर देते रहे।

मीरा बोरवणकर ने यह भी खुलासा किया है कि जब मैंने इसके बाद भी ऐसा करने से इनकार कर दिया तो उन्होंने अपने हाथ में लिया नक्शा मेज पर फेंक दिया। इसी दौरान संबंधित मंत्री ने गृह मंत्री आरआर पाटिल के बारे में ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया जिसे मैं लिख नहीं सकती। इसके बाद मैंने उन्हें सैल्यूट किया और वहां से चली आयी। बाद में जिस निजी व्यक्ति को यह जमीन दी गई, उसे 2जी घोटाले में सीबीआई ने आरोपी बना लिया। तत्कालीन गृहमंत्री आर आर पाटिल ने हमेशा मेरा समर्थन किया लेकिन यह देखा गया कि वह पालकमंत्री के दबाव में थे।' मीरा बोरवंकर ने किताब में यह भी दावा किया है कि एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि दादा को ना कहने की हिम्मत किसी में नहीं है। मीरा बोरवंकर ने 2010 में पुणे पुलिस कमिश्नर का पद संभाला था। हालांकि पुस्तक में सीधे तौर पर नाम का उल्लेख नहीं किया गया है, तब पुणे के पालकमंत्री अजीत पवार थे।

अजित पवार ने आरोपों से इनकार कियाइस बीच मीडिया प्रतिनिधियों द्वारा इस बारे में पूछे जाने पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने पुणे की पूर्व पुलिस कमिश्नर मीरा बोरवणकर के आरोपों को खारिज कर दिया है। अजित पवार ने कहा है कि सरकारी जमीनों की नीलामी का अधिकार मंत्रियों को नहीं है, कैबिनेट की मंजूरी के बाद ही जमीन की नीलामी होती है। इसके साथ ही मैं इस नीलामी का पुरजोर विरोध भी कर रहा था। जिला के पालकमंत्री को जमीन नीलाम करने का कोई अधिकार नहीं है। अजित पवार ने बताया कि राजस्व विभाग के माध्यम से किसी भी जमीन की नीलामी का प्रस्ताव आने के बाद कैबिनेट में फैसला लिया जाता है।

Created On :   15 Oct 2023 7:08 PM IST

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